तारे ज़मीन पर गीत के जमे रहो गीत: यह विशाल दादानी द्वारा शंकर महादेवन, एहसान और लोय द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। जावेद अख्तर द्वारा जमे रहो के गीत खूबसूरती से लिखा गया है।
तारे ज़मीन पर (Taare Zameen Par )
जमे रहो (Jame Raho ) (२००७)की लिरिक्स (Lyrics Of Jame Raho )
कास के जूते
हाथ में फाइल
दुनिया का नारा - जमे रहो मंज़िल का इशारा - जमे रहो दुनिया का नारा - जमे रहो मंज़िल का इशारा - जमे रहो
यह सोते भी हैं अटेंशन आगे रहने की है टेंशन म्हणत इनको प्यारी है एक दम आज्ञांकारी है
यह आमलेट पर ही जीते हैं यह टॉनिक सारे पीते हैं वक़्त पे सोते
दुनिया का नारा - जमे रहो मंज़िल का इशारा - जमे रहो दुनिया का नारा - जमे रहो मंज़िल का इशारा - जमे रहो
यहाँ अलग अंदाज़ है जैसे छिदता कोई साज़ है हर काम को टाला करते हैं यह सपने पला करते हैं यह हरदम सोचा करते हैं यह खुद से पुछा करते हैं
क्यों दुनिया का नारा - जमे रहो क्यूँ मंज़िल का इशारा - जमे रहो क्यों दुनिया का नारा - जमे रहो क्यूँ मंज़िल का इशारा - जमे रहो
यह वक़्त के कभी गुलाम नहीं इन्हें किसी बात का ध्यान नहीं तितली से मिलने जाते हैं यह पेड़ों से बतियाते हैं
यह हवा बटोरा करते हैं बारिश की बूँदें पढ़ते है और आसमान के कैनवास पे यह कलाकारियां करते हैं
क्यों दुनिया का नारा - जमे रहो क्यूँ मंज़िल का इशारा - जमे रहो क्यों दुनिया का नारा - जमे रहो क्यूँ मंज़िल का इशारा - जमे रहो