Jeevan Saathi Saath Mein Rehna Lyrics of Amrit (1986) is penned by Anand Bakshi, it's composed by Laxmikant and Pyarelal and sung by Anuradha Paudwal and Manhar Udhas.
अमृत (Amrit )
और नहीं कुछ तुमसे कहना और नहीं कुछ तुमसे कहना जीवन साथी
डीप नहीं तो कैसी ज्योति डीप नहीं तो कैसी ज्योति सीप नहीं तो कैसा मोती.. सीप नहीं तो कैसा मोती चाँद बिना क्या चाँदनी होती? चाँद बिना क्या चाँदनी होती? रात से दिन है
और नहीं कुछ तुमसे कहना और नहीं कुछ तुमसे कहना जीवन साथी
सीता के बिन राम अधूरा सीता के बिन राम अधूरा राधा के बिन श्याम अधूरा.. राधा के बिन श्याम अधूरा एक अकेला नाम अधूरा एक अकेला नाम अधूरा तुम ही कहना यह सच है न
कुछ देखूँ जब तुमको देखूं कुछ देखूँ जब तुमको देखूं छोड़ के मैं सब तुमको देखूं छोड़ के मैं सब तुमको देखूं जब देखूं तब तुमको देखूं जब देखूं तब तुमको
रख दो प्यार का नाम किनारा रख दो प्यार का नाम किनारा हम मौजें यह जीवन धरा हम मौजें यह जीवन धरा बेहटा जाए यह जग सारा बेहटा जाए यह जग सारा मुझसे अलग