बाघी (1 99 0) के कासा लगता है गीत समीर द्वारा लिखे गए हैं, यह आनंद और मिलिंद द्वारा रचित है और अमित कुमार और अनुराधा पादुवाल द्वारा गाया गया है।
बाघी (Baaghi )
कैसा लगता है? अच्छा लगता है प्यार का सपना सच्चा लगता है तू जो करीब है मेरा नसीब है दिल में बसी है तू मेरी ख़ुशी है तू तेरे बिना एक पल मुझे न रहना
कैसा लगता है? अच्छा लगता है प्यार का सपना सच्चा लगता है तू जो करीब है मेरा नसीब है मेरी ख़ुशी है तू दिल में बसी है तू तेरे बिना एक पल मुझे न रहना कैसा ल
हर तरफ खुशियों का मौसम है यहाँ हमने पहली बार देखा यह जहाँ हर तरफ खुशियों का मौसम है यहाँ हमने पहली बार देखा यह जहाँ ग़म की दुनिया से हम चले आये
प्यार के वाडे कभी न तोडना तुम कभी तनहा न हमको छोड़ना प्यार के वाडे कभी न तोडना तुम कभी तनहा न हमको छोड़ना आंसुओं को पी न पाएंगे हम जुदा होके जी ना पायेंगे
कैसा लगता है? अच्छा लगता है प्यार का सपना सच्चा लगता है तू जो करीब है मेरा नसीब है दिल में बसी है तू मेरी ख़ुशी है तू तेरे बिना एक पल मुझे न रहना
कैसा लगता है? अच्छा लगता है प्यार का सपना सच्चा लगता है