रंग दे बसंती (2006) के खून चाला गीत प्रसाद जोशी द्वारा लिखे गए हैं, यह एआर रहमान द्वारा रचित है और मोहित चौहान द्वारा गाया गया है।
रंग दे बसंती (Rang De Basanti )
खून चला (Khoon Chala ) की लिरिक्स (Lyrics Of Khoon Chala )
कुछ कर गुजरने को खून चला
खुली-सी चोट लेकर बड़ी सी टीस लेकर आहिस्ता.. आहिस्ता.. सवालों की ऊँगली जवाबों की मुट्ठी संग लेकर खून चला
कुछ कर गुजरने को खून चला
[खून चला.. खून चला..] क्ष ४