सिल्सीला से लद्दी है या शोला गीत लता मंगेशकर और किशोर कुमार द्वारा गाया जाता है और जावेद अख्तर द्वारा लिखा जाता है। लद्दी है याओ शोला का संगीत शिव-हरि द्वारा रचित है।
सिलसिला (Silsila )
लड़की है या शोला (Ladki Hai Ya Shola ) की लिरिक्स (Lyrics Of Ladki Hai Ya Shola )
पहली पहली बार देखा ऐसा जलवा हो ऐसा जलवा ये लड़की है या शोला ये लड़की है या शोला
शोला है शोले
लुटे न जवानी में जो शोलों का मज़ा हो शोलों का मज़ा तो बोलो वह आदमी है क्या तो बोलो वह आदमी है क्या
आयी है नयी नयी जुल्मी जवानी करता है बढ़ के बातें दीवानी खैर तू दिल की मन हो बबुआ खैर तू दिल की मन
दिल जैसी चीज़ की मानों खैर क्या हो मानों खैर क्या मैं तो दोनों जहाँ से गया हो मैं तो दोनों जहाँ से गया
जा रे शिकारी तेरा जाल पुराण और कहीं पे जाके दाल यह दाना चिड़िया फँसे न लम्बुआ
दूर कैसे होगा तेरा मेरा फ़ासला तेरा मेरा फ़ासला रब जाने या दिल मेरा हो रब जाने या दिल मेरा
हो अभी तो देखा है जलवा दूर का हाल बुरा है मेरे हज़ूर का हाथ पकड़ के दिखा हो सोह्णेया हाथ पकड़ के दिखा
पकड़ी कलाई तो न छोडूंगा कभी न छोडूंगा कभी हो सोहणी यह याद रखना हो सोहणी यह याद रखना हो सोहणी यह याद रखना हो सोहणी यह याद रखना