बाईजू बावरा से मैन तारपत हरि दर्शन को आज गीत: यह मोहम्मद रफी द्वारा नौसहाद द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। मैन तारपत हरि दर्शन को आज के गीत शकील बदायुनी द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।
बैजू बावरा (Baiju Bawra )
मन तरपत हरी दर्शन को आज मन तरपत हरी दर्शन को आज मोरे तुम बिन बिगड़े सक्रे काज हो बिनती करत हूँ
तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी हमरी ओर नज़र कब होगी सुन मोरे व्याकुल मन का बाग़ तरपत हरी दर्शन को आज मन तरपत हरी दर्शन को आज
बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ दीजो दान हरी गुण गाऊं सब गुनी जन पे तुम्हरा राज तरपत हरी दर्शन को आज मन तरपत हरी दर्शन को आज
मुरली मनोहर आस न तोड़ो मुरली मनोहर मोहन के घर आइहो दुख भंजन मोरे साथ न छोडो हरी ॐ