गीत गाल चाल से मंगल भवन अमंगल हारी के गीत: यह जसपाल सिंह द्वारा रविंद्र जैन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। मंगल भवन अमंगल हारी गीत रवींद्र जैन द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
गीत गाता चल (Geet Gata Chal )
मंगल भवन अमंगल हारी की लिरिक्स (Lyrics Of Mangal Bhavan Amangal Haari )
मंगल भवन अमंगल हारी दरबाहु सो दशरथ ाचार बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो होइ है वही जो राम रची राखा को करि तर्क बढ़ावे साखा राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो धीरज धर्म मित्र अरु नारी आपद काल परखिए चारी
हो जेहिके जेहि पर सत्य सनेहु सो तेहि मिले न कछु संदेहु
हो जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरति देखी तिन तैसी
हो रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो हरी अनंत हरी कथा अनंता कहहि सुनहि बहुविधि सब संता राम सिया राम सिया राम जय जय राम