ना जाणे काय हुआ गीत ऑफ़ डार्ड (1 9 81) को नकल लाइल्लपुरी द्वारा लिखा गया है, यह खयायम द्वारा रचित है और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है।
दर्द (Dard )
न जाने क्या हुआ लता मंगेशकरकी लिरिक्स (Lyrics Of Na Jaane Kya Hua )
न जाने क्या हुआ जो तूने छू लिया न जाने क्या हुआ जो तूने छू लिया खिला गुलाब की तरह मेरा बदन निखर निखर गयी
बिखरा है काजल फ़िज़ाओं में भीगी भीगी हैं शामें बूंदों की रिमझिम से जागी आग ठंडी हवा में आजा सनम यह हसीं आज हम लें दिल में बसा न जाने क्या हुआ जो तूने
आँचल कहाँ मैं कहाँ हूँ यह मुझे होश क्या है यह बेखुदी तूने दी है प्यार का यह नशा है सुन ले ज़रा साज़-इ-दिल गा रहा है नग्मा तेरा न जाने क्या हुआ जो तूने छु ल
कलियों की यह सेज मेहके रात जागे मिलान की खो जाएँ धड़कन में तेरी धड़कनें मेरे मन की आ पास आ तेरी हर सांस में मैं जाऊं समा न जाने क्या हुआ जो तूने छु ल