ओ साथी रे तेरे बीना भी क्या जीना मुक्ददार का सिकंदर से गीत। महिला और पुरुष इस गीत के दो संस्करणों का उपयोग फिल्म में किया जाता है। इस गीत का महिला संस्करण आशा भोसले द्वारा गाया जाता है जबकि दूसरा किशोर कुमार द्वारा किया जाता है। कल्याणजी आनंदजी ने अपना संगीत बना लिया है।
मुकद्दर का सिकंदर (Muqaddar Ka Sikandar )
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना (O Saathi Re Tere Bina Bhi Kya Jeena ) की लिरिक्स (Lyrics Of O Saathi Re Tere Bina Bhi Kya Jeena )
ओ साथी रे.. तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना ओ साथी रे.. तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना
फूलों में
ओ साथी रे.. तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना
जाने कैसे अनजाने ही आन बसा कोई प्यासे मन में अपना सब कुछ खो बैठे हम पागल मन के पागलपन में दिल के अफ़साने दिल के अफ़साने
ओ साथी रे.. तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना
हर धड़कन में प्यास है तेरी साँसों में तेरी खुशबू है इस धरती से उस अम्बर तक मेरी नज़र में तू ही तू है प्यार यह टूटे न प्यार यह टूटे न तू मुझसे रूठे न सात
साथी रे.. तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना
तुझ बिन जोगण मेरी रातें तुझ बिन मेरे दिन बंजारे मेरा जीवन जलती धूनी बुझे-बुझे मेरे सपने सारे तेरे बिना मेरी तेरे बिना मेरी
ओ साथी रे.. तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना