चोरी चोरी से पंचि बानू उदित फिरून गीत: यह लता मंगेशकर द्वारा शंकर और जयकिशन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। पंचि बानू उदित फिरून के गीत सुश्री जयपुरी द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।
चोरी चोरी (Chori Chori )
पंछी बनूं उड़ती फिरूं की लिरिक्स (Lyrics Of Panchhi Banoo Udti Phiroon )
पंछी बनु उडती फिरूं मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में पंछी बनु उडती फिरूं मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
हिल्लोरी हिल्लोरी हिल्लो हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी क्ष ४
ओ मेरे जीवन में चमका सवेरा ो मिटा दिल से वह ग़म का अँधेरा ो हरे खेतों में गाये कोई लेहरा ो यहाँ दिल पर किसी का न पेहरा रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में राण
पंछी बनु उडती फिरू मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
ओ दिल यह चाहे बहारों से खेलूँ ओ गोरी नादिया की धारों से खेलूँ ो चाँद
पंछी बनु उडती फिरूं मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
हिल्लोरी हिल्लोरी हिल्लो हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी क्ष ४
ओ मैं तो ओढूँगी बदल का आँचल ओ मैं तो पहनूँगी बिजली की पायल ो छीं लूँगी घटाओं से काजल ो मेरा जीवन है नदिया की हलचल दिल से मेरे लहर उठे ठंडी पवन में
पंछी बनु उडती फिरूं मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में पंछी बनु उडती फिरूं मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में