Yeh Raat Bheegi Bheegi Lyrics of Chori Chori (1956) is penned by Hasrat Jaipuri, it's composed by Shankar and Jaikishan and sung by Lata Mangeshkar and Manna Dey.
चोरी चोरी (Chori Chori )
यह रात भीगी भीगी की लिरिक्स (Lyrics Of Yeh Raat Bheegi Bheegi )
यह रात भीगी भीगी
इठलाती हवा नीलम सा गगन कलियों पे यह बेहोशी की नमी ऐसे में भी क्यों बेचैन है दिल जीवन में न जाने क्या है कमी
क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी सोने भी नहीं देता मौसम का यह इशारा यह रात भीगी भीगी
जो दिन के उजाले में न मिला दिल ढूंढें ऐसे सपने को इस रात की जगमग में डूबी मैं ढूंढ रही हूँ अपने को
यह रात भीगी भीगी
ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं भूले से जो हमको याद करे इक हलकी सी मुस्कान से जो सपनों का जहाँ आबाद करे
यह रात भीगी भीगी