Panchhi Nadiya Pawan Ke Jhonke Lyrics of Refugee (2000) is penned by Javed Akhtar, it's composed by Anu Malik and sung by Alka Yagnik and Sonu Nigam.
रिफ्यूजी (Refugee )
पंछी नदिया पवन के झोंके (Panchhi Nadiya Pawan Ke Jhonke ) की लिरिक्स (Lyrics Of Panchhi Nadiya Pawan Ke Jhonke )
पंछी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद न इन्हें रोके पंछी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद न इन्हें रोके सरहदें इंसानों के लिए हैं सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इस
पंछी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद न इन्हें रोके सरहदें इंसानों के लिए हैं सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होक
जो हम दोनों पँछी होते तैरते हम इस नील गगन में पंख पसारे सारी धरती अपनी होती अपने होते सारे नज़ारे खुली फिजाओं में उड़ते खुली फिजाओं में उड़ते अपने दिल में
जो मैं होती नदियां ार तुम पवन के झोंके तो क्या होता ो.. जो मैं होती नदियां ार तुम पवन के झोंके तो क्या होता पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं पवन के झोंके न
पंछी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद न इन्हें रोके सरहदें इंसानों के लिए हैं सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होक पंछी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद न इन