तु मेरा मेरा लाउन / तु माहरो कोन लाज गीत बतवाड़ा से: यह कविता कृष्णमूर्ति, अल्का याज्ञिक और अनुराधा पादुवाल द्वारा लक्समिकांत और प्यारेलाल द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। तु मेरा काऊ लागे के गीत हसन कामल द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।
बटवारा (Batwara )
तू मेरा कौन लागे (तू महारो कों लागे) की लिरिक्स (Lyrics Of Tu Mera Kaun Laage (Tu Mhaaro Kon Laage) )
थारे वास्ते रे ढोल थारे वास्ते रे ढोल नैं म्हारे जागे रे जागे नैं म्हारे जागे रे साड़ी रेन जागे तू महारो कों लागे तू महारो कों लागे तू महारो कों लागे तू म्हारो
हम्म... हम्म...
तेरे वास्ते रे सजना नैन मेरे जागे रे जागे नैन मेरे जागे रे साड़ी साड़ी रेन जागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन
म्हारे दिल को बस में कर के दिल से अनजानापन क्यूँ म्हारे दिल को बस में कर के दिल से अनजानापन क्यूँ तेरे बिन मैं जी न सकुंगी फिर ये बेगानापन क्यों चाहे तड़प ले
तेरे वास्ते रे सजना तेरे वास्ते रे सजना नैन मेरे जागे रे जागे नैन मेरे जागे रे साड़ी साड़ी रेन जागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन
मेरे मानन का भेद न समझे मेरे मानन का भेद न समझे अंखियों की बात न जाने फिरूं क्यूँ तेरे आगे पीछे हाय मैंने दिन रात न जाने बस्ती छोड़ी
तेरे वास्ते रे सजना तेरे वास्ते रे सजना नैन मेरे जागे रे जागे नैन मेरे जागे रे साड़ी साड़ी रेन जागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन लागे तू मेरा कौन
सुन रे ज़रा ओ जाने वाले सुन रे ज़रा ओ जाने वाले बिरहा की आग लगा के ो.. हरदम तेरी राह तकूँगी पलकों में दीप जला के संग संग तेरे साजन मेरे प्यार रहेगा साँझ सवेरे
तू महारो कों लागे तू महारो कों लागे तू महारो कों लागे तू महारो कों लागे