सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना का एक एेसा कार्य जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए और जो कि है भी और जिस कार्य के लिए विपक्ष तक ने प्रधानमंत्री तक की तारीफ करने में कोई कोताही नहीं बरती लेकिन सत्ता पक्ष सेना के इस कदम को पूरी तरह अपना कदम साबित करने में जुटा है घमंड रक्षा मंत्री के सिर चढ़कर बोल रहा है वे लगातार ये कहने में लगे हैं कि एेसी सर्जिकल स्ट्राइक पहली बार हुई, जबकि इतिहास गवाह है कि यूपीए के शासन में भी ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक होती रही है. भाजपा के सीनियर लीडर अरुण शौरी का ही दावा है कि मनमोहन सिंह ने ६ सर्जिकल स्ट्राइक करके भी लाभ लेने की कोशिश नहीं की थी क्योंकि वह खामोशी से अपना काम करते थे, ढिंढोरा नहीं पीटते थे. 2007,2009,2011,2013,2014और कई बार पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई पर मनमोहन सिंह जी ने कभी भी उसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश नहीं की और वैसे भी ये सेना की वाहवाही है न कि सत्ता पक्ष की ये बात रक्षा मंत्री को समझ लेनी चाहिए और अगर अब भी नहीं समझ पाते तो अपने कार्यकाल की एक शोहरत और स्वीकार लेनी चाहिए जिसमें नागरिकों को ढाल बना फरार हुए आतंकवादी, बारामुला हमले में आतंकियों ने पहली बार किया बोट का इस्तेमाल, क्यूं परिकर जी अब तो पहली बार आपके कार्यकाल के लिए पहली बार तालियां बज ही जानी चाहिए.
शालिनी कौशिक एडवोकेट