सच के मायने ही बदल गए हैं आज व्यक्ति विशेष जो कह देते हैं वही सच की श्रेणी में आ जाता है. यहाँ बात हो रही है हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की, आज का समय मोदी जी का है और मोदी जी आज कल पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी, इंदिरा जी व राजीव गांधी जी के बारे में जो कुछ भी कह रहे हैं वह आज की गांधारी जनता के दिल में घर करता जा रहा है, स्वतंत्रता के बाद ये देश जिन हाथों में गया उन्होंने इनके अनुसार देश को रसातल में पहुंचा दिया, ये तो मोदी जी का समय है जब देश मंगल ग्रह पर पहुंच रहा है, विश्व के विभिन्न देशों में देश के प्रधानमंत्री का सम्मान मोदी जी के द्वारा दी गई भारत की पहचान का असर है क्योंकि इनके आने से पहले विश्व के किसी भी देश में भारतीय प्रधान मंत्री को बुलाया तक नहीं जाता था.
आज स्थिति यह है कि भावनाओं का अगाध सागर मोदी जी के दिल में ही बह रहा है और इस सागर का ही असर है कि मोदी जी बहरीन में भी भावनाओं का समंदर बहा देते हैं और कहते वक़्त ऐसा सत्य उद्घाटित करते हैं कि यकीन न करने का तो सवाल ही नहीं उठता.
मोदी 22 अगस्त को तीन देशों फ्रांस, यूएई और बहरीन के दौरे पर गए थे। प्रधानमंत्री ने बहरीन में भारतीय समुदाय कोसंबोधित किया। इस दौरान अरुण जेटली को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मैं एक दर्द दबा कर आपके बीच खड़ा हूं। विद्यार्थीकाल से लेकर सार्वजनिक जीवन में हम मिलकर साथ चले.
अब मोदी जी की इस बात की पड़ताल करने के लिए हमने अरुण जेटली जी व नरेंद्र मोदी जी के विकिपीडिया पर नज़र डाली जो यह कहता है -
अरुण जेटली का जन्म दिल्ली में महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर में हुआ। उनके पिता एक वकील हैं, उन्होंने अपनी विद्यालयी शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से 1957-69 में पूर्ण की।उन्होंने अपनी 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से कॉमर्स में स्नातक की। उन्होंने 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से विधि की डिग्री प्राप्त की।छात्र के रूप में अपने कैरियर के दौरान, उन्होंने अकादमिक और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियों दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के विभिन्न सम्मानों को प्राप्त किया हैं। वो 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे।
और अब नज़र डालते हैं मोदी जी के विकिपीडिया पर -
नरेन्द्र मोदी का जन्म तत्कालीन बॉम्बे राज्य के महेसाना जिला स्थित वडनगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यम-वर्गीय परिवार में १७ सितम्बर १९५० को हुआ था।वह पैदा हुए छह बच्चों में तीसरे थे। मोदी का परिवार 'मोध-घांची-तेली' समुदाय से था, जिसे भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। वह पूर्णत: शाकाहारी हैं। भारत पाकिस्तान के बीच द्वितीय युद्ध के दौरान अपने तरुणकाल में उन्होंने स्वेच्छा से रेलवे स्टेशनों पर सफ़र कर रहे सैनिकों की सेवा की। युवावस्था में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए | उन्होंने साथ ही साथ भ्रष्टाचार विरोधी नव निर्माण आन्दोलन में हिस्सा लिया। एक पूर्णकालिक आयोजक के रूप में कार्य करने के पश्चात् उन्हें भारतीय जनता पार्टी में संगठन का प्रतिनिधि मनोनीत किया गया। किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान चला चुके मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की। उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और एम॰एससी॰ की डिग्री प्राप्त की।
अगर हम भारत के नक्शे का अवलोकन करते हैं तो गुजरात व दिल्ली तो एक दूसरे के पड़ोसी राज्य भी नहीं हैं और विकिपीडिया के अनुसार जेटली जी की शिक्षा दिल्ली में व मोदी जी की शिक्षा गुजरात में हुई है फिर वे सहपाठी कैसे हुए, समझ से परे है ऐसे में भी हम मोदी जी पर शक़ नहीं कर सकते, वे तो सदा सत्य भाषण ही करते हैं और फिर दूसरे देश में भारतीय प्रधान मंत्री की सत्यता की हँसी वे क्यूँ उडवायेंगे ऐसे में तो विकिपीडिया को ही झूठा कहना पड़ेगा और इसका एक मुख्य कारण उनके विकिपीडिया में दी गई यह पंक्ति है जो कहती हैं कि उन्होंने 1980 में गुजरात विश्विद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और एम एस सी की डिग्री प्राप्त की अब ये गलती विकिपीडिया ही कर सकता है जो राजनीति विज्ञान को विज्ञान का विषय समझ मोदी जी को एम एस सी की डिग्री दिला दे, मोदी जी ये गलती थोड़े ही कर सकते हैं या ये झूठ थोड़े ही बोल सकते हैं कि वे राजनीति विज्ञान की स्नातकोत्तर परीक्षा से एम एस सी हैं वे तो जो पढ़ाई किए हुए हैं उसे अपनी राजनीति से देश विदेश की जनता को प्रभावित कर ही रहे हैं और कलियुग में महाभारत के कौरव प्रशासन की भली भांति याद दिला रहे हैं.
शालिनी कौशिक एडवोकेट
(कौशल)