आज इलेक्ट्रॉनिक दुनिया है ,सब कुछ ''ई '' होता जा रहा है ,मतलब ई -गवर्नेंस ,ई -कार्ट ,ई -रिक्शा इत्यादि ,ऐसे ही आज आपको जहाँ भी जाना हो अपने स्कूटी ,स्कूटर ,मोटर साइकिल आदि की कोई आवश्यकता नहीं , हर जगह ई -रिक्शा उपलब्ध है और अच्छी बात यह है कि इसे खींचने का काम आदमी नहीं करता बैटरी करती है .पहले इसके लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं था और इस कारण पुलिस भी इन्हें सड़कों पर चलने से रोक रही थी किन्तु मोटर यान [संशोधन] अधिनियम ,2015 [ 2015 का 3 ]द्वारा ई -रिक्शा के लिए भी एक्ट में प्रावधान किया गया है किन्तु भारत में अभी भी इस संशोधन की जानकारी कम है इसलिए आये दिन पुलिस द्वारा ई -रिक्शा चालकों को परेशान किया जाता है और इसे चलाने से रोका जाता है जबकि अब इस संशोधन द्वारा ये कानून के दायरे में हैं और रजिस्ट्रेशन कराकर व् मानकों का पालन करते हुए सड़कों पर प्रयुक्त किये जा सकते हैं *
[मोटर यान [संशोधन]अधिनियम 2015 [2015 का 3] की धारा 2 द्वारा अंतःस्थापित [7 -1 -2015 ]से भूतलक्षी रूप से प्रभावी ]धारा 2 -क मूल अधिनियम ई-गाड़ी और ई -रिक्शा के लिए कहती है -
'' [1 ]-धारा 7 की उपधारा [1 ]के परन्तुक और धारा 9 की उपधारा [10 ]में जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय ,इस अधिनियम के उपबंध ई-गाड़ी और ई-रिक्शा को लागू होंगे ,
[2 ] इस धारा के प्रयोजनों के लिए ,ई-गाड़ी या ई-रिक्शा के से भाड़े या पारिश्रमिक के लिए ,यथा स्थिति ,मॉल या यात्रियों के लिए वहन हेतु ऐसे विनिर्देशों के अनुसार जो इस निम्मित विहित किये जाएँ ,विनिर्मित ,संनिर्मित या अनुकूलित ,सुसज्जित और अनुरक्षित एक तीन पहियों वाला 4000 वाट से अनधिक विद्युत शक्ति का विशेष प्रयोजन बैटरी युक्त यान अभिप्रेत है ,]
और इस तरह अब ई-रिक्शा चालक अपने यान का यदि वह 4000 वाट से अधिक विद्युत शक्ति के बैटरी से चलता है तो उसका इस अधिनियम की धारा 39 में सार्वजानिक स्थान पर चलाने के लिए रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी से नियत फीस देकर रजिस्ट्रीकरण करा सकता है और कानून के अनुसार चलते हुए अपने वाहन से अपने व्यवसाय का काम चला सकता है ,तो फिर सभी ई-रिक्शा चालक कानून के अनुसार चलें और अपने वाहन का आर्थिक लाभ उठायें ,
शालिनी कौशिक
[एडवोकेट ]
[कानूनी ज्ञान ]