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काँग्रेस की महान देन देश के लिए - जे एन यू

23 नवम्बर 2019

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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, देश की विख्यात शिक्षण संस्थानों में से एक, पिछले कुछ समय से, विशेष तौर पर उस समय से जब से नेहरू विरोधी सत्ता उभरकर सामने आई है एक ऐसे संस्थान के रूप में दिखाया जा रहा है जैसे यह संस्थान राष्ट्र विरोधी ताकतों का "अड्डा" हो, जबकि इस संस्थान का स्थापना से लेकर आज तक देश के विभिन्न मुद्दों पर क्या नजरिया रहा है और देश के संकट की घड़ी में यह संस्थान किस तरह देश के साथ खड़ा रहा है इस पर "अमर उजाला दैनिक" ने एक विस्तृत अवलोकन 22 नवंबर 2019 को प्रस्तुत किया और इस सभी की जानकारी देश को भटकाव की तरफ ले जाने वाले, देश के लिए कुर्बानी का जज्बा और समर्पण की भावना रखने वाले संस्थान की प्रसिद्धि को देश विरोधी गुट से जोड़ने की कोशिश करने वालों की कोशिशों को नाकाम करने के लिए हम सभी आम भारतीयों द्वारा जानना आवश्यक है -

14 नवंबर 1969 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। भारतीय संसद द्वारा 22 दिसंबर 1966 में इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था। जेएनयू को अधिनियम 1966 (1966 का 53) के तहत बनाया गया।

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जेएनयू का उद्देश्य रहा है- अध्ययन, अनुसंधान और अपने समस्त जीवन के प्रभाव द्वारा ज्ञान का प्रसार करना।

जेएनयू का मकसद जवाहरलाल नेहरू ने जिन सिद्धान्तों पर जीवन-पर्यंन्त काम किया, उनके विकास के लिए प्रयास करना है।

जेएनयू की नींव विचार पर रखी गई थी और फिर इसने एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में अपने आप को स्थापित किया। इससे शिक्षा प्राप्त करके निकले छात्रों ने देश विदेश में बहुत नाम अर्जित किया,

उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, नौकरशाह या फिर फिल्मी दुनिया में अपने हुनर की पहचान बिखेरना हो, मंत्री से संत्री तक और देश विदेश तक अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं।

अनिल कुमार गुप्ता (उपराष्ट्रपति आरिसेंट) से लेकर मुकुल शर्मा ( कैप जेमिनी अमेरिका एलएलसी, शिकागो ) तक जेएनयू के पूर्व छात्र रहे हैं।

जेएनयू के कामयाब छात्रों की फेहरिस्त में निर्मला सीतारमण, अभिजीत बनर्जी, योगेंद्र यादव, मेनका गांधी, अजित सेठ, पी साईनाथ, तलत अहमद, सीताराम येचुरी, प्रकाश करात आदि ऐसे बहुत नाम हैं।

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सुब्रमण्यम जयशंकर

सुब्रमण्यम जयशंकर ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जयशंकर ने राजनीति विज्ञान में एमफिल किया है और फिर जेएनयू से पीएचडी की उपाधि ली। सुब्रमण्यम जयशंकर को परमाणु कूटनीति में विशेषज्ञता हासिल है।


विदेश सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे हैं। जयशंकर की पहली पोस्टिंग रूस के भारतीय दूतावास में थी। सुब्रमण्यम जयशंकर ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जयशंकर तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के प्रेस सचिव भी रह चुके हैं।


वे विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी के पद पर भी रहे हैं। सुब्रमण्यम जयशंकर अमेरिका में भारत के प्रथम सचिव भी रहे हैं। वे पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भी हैं।

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निर्मला सीतारमण

वर्तमान में भारत की वित्त मंत्री।

स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के बाद भारत के रक्षा मंत्रालय की कमान संभालने वाली दूसरी महिला नेता हैं और स्वतंत्र रूप से पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री बनी हैं।

2003 से 2005 तक निर्मला सीतारमण राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या रह चुकी हैं।

3 सितंबर 2017 तक भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता के साथ-साथ भारत की वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री रही हैं।

3 सितंबर 2017 को श्री नरेंद्र मोदी की सरकार में उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया।

1980 में निर्मला सीतारमण ने सीतालक्ष्मी रामास्वामि कॉलेज, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु से स्नातक की शिक्षा पूर्ण की।

निर्मला सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय में एमफिल किया है।

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अभिजीत बनर्जी

अपने कैंपस के दिनों को याद करते हुए नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने लिखा है -

2016 में एक लेख में उन्होंने ये भी बताया था कि,

"उन्हें किस तरह से 1983 में अपने दोस्तों के साथ तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था, तब जेएनयू के वाइस चांसलर को इन छात्रों से अपनी जान को ख़तरा हुआ था अपने आलेख में उन्होंने लिखा था, और हुआ ये था कि एक बार जेएनयू के तत्कालीन वाइस चांसलर पीएन श्रीवास्तव का विरोध करने के बाद छात्रों के घेराव करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था और तिहाड़ जेल में भेज दिया गया।

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जेएनयू की स्थापना कांग्रेस के शासनकाल में हुई थी और इसका नाम भी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया। राजनीतिक रूप से जेएनयू कभी भी कांग्रेसी विचारधारा का नहीं रहा। जेएनयू के विद्यार्थियों का झुकाव ज्यादातर वामपंथी राजनीति की तरफ रहा है।

जब जेएनयू ने किया इंदिरा गांधी का विरोध

सत्तर के दशक का समय था आपातकाल घोषित हुआ इसी दौरान जेएनयू तत्कालीन सरकार विरोध में आगे रहा और जेएनयू कैंपस से निकले सीताराम येचुरी और प्रकाश करात ने वामपंथी राजनीति में अपना कमाया और देश की राजनीति में अपनी जगह बनाई।

जेएनयू के आंदोलन के समय ये फोटो सोशल मीडिया में खूब प्रसारित होता है।आंदोलनरत छात्रों से बात करने खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी पहुँचती हैं।छात्रसंघ अध्यक्ष सीताराम येचुरी ने उनके सामने ही निंदा प्रस्ताव पढ़ा और जेएनयू के चांसलर पद से इस्तीफा माँगा।इंदिरा जी ने इस्तीफा दिया भी।छात्रों ने जेएनयू की संस्थापक इंदिरा जी को जेएनयू में घुसने नहीं दिया था।घोषित आपातकाल लगाने वाली 'देवी दुर्गा' इंदिरा ने छात्रों पर लाठियाँ नहीं चलवाईं।ये दास्तान तो ज्यादातर लोगों को मालूम है।लेकिन एक अनकही दास्तान बताता हूँ।जेएनयू के अध्यक्ष रहे और आपातकाल में जेल गये डी.पी.त्रिपाठी के हवाले से यह बात लिख रहा हूँ। बात 1977 की है।आपातकाल हटने के ठीक एक दिन पहले की।रात को करीब 1 बजे तीन चार नौजवान प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के आवास में बाउण्ड्री फाँदकर घुस आए।सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया।नौजवानों ने कहा हम लोग जेएनयू के छात्र हैं और प्रधानमंत्री से मिलने आए हैं।सुरक्षाकर्मियों से कहा सुनी हो रही थी,तभी अंदर से आवाज आई,'कौन है वहाँ।'यह इंदिरा जी की आवाज थी।वे संभवतया परेशान और चिंतित अवस्था में टहल रही थीं। सुरक्षा कर्मियों ने बताया,कुछ लड़के हैं जो कह रहे हैं कि जेएनयू के छात्र हैं और मैडम से मिलने आए हैं।इंदिरा जी ने कहा,ले आओ उन्हें।जेएनयू के छात्र अब प्रधानमंत्री के सामने थे।इंदिरा जी ने पूछा,इतनी रात को बाउण्ड्री से कूदकर क्यौं आए हो।वे बोले,सामने से आते तो क्या आपके सुरक्षा कर्मी हमें घुसने देते।इंदिरा जी ने पूछा,अच्छा बताओ क्यों आए हो।छात्र बोले,मैडम आपको समझाने आए हैं।आप आपातकाल हटा दीजिए।इंदिरा गाँधी कुछ नहीं बोलीं।उन्होंने पूछा और कुछ कहना है।छात्र बोले,नहीं बस यही कहने आए हैं। इंदिरा जी ने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि इन्हें चाय पानी पिलाकर भेज दो।छात्रों ने प्रतिकार किया कि हम चाय पानी नहीं पियेंगे।तब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मुख्य द्वार से बाहर भेज दिया। इत्तेफाक देखिए।दूसरे दिन इंदिरा गाँधी ने आपातकाल खत्म करने की घोषणा कर दी।इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उन छात्रों के कहने से इंदिरा जी ने ऐसा किया।लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि आपातकाल हटाने के अपने निर्णय में इस घटना ने जरूर इंदिरा जी की मदद की होगी। ऐसा है जेएनयू और यहाँ के छात्र और उनके आंदोलन।बस फर्क इतना आया है कि हुक्मरान बदल गये।उस समय के शासक जेएनयू के संस्थापक थे,अब के विध्वंसक। (जया सिंह की फेसबुक वाल से साभार)


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सीताराम येचुरी का जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अध्यक्ष के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जो मुझे याद है कि श्रीमती को मजबूर करना था। इंदिरा गांधी ने जेएनयू के कुलपति के रूप में पद छोड़ दिया, जिसे उन्होंने 1977 के चुनावों में हार के बाद भी जारी रखा था।


जेएनयू के छात्रों ने पहले ही डॉ बीडी नागचौधरी को कुलपति के रूप में इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था, [और] सीताराम येचुरी के नेतृत्व में 500+ मजबूत प्रदर्शन दोपहर में जेएनयू परिसर से इंदिरा गांधी के निवास तक चला गया था।


"आपातकाल के अपराधियों" के खिलाफ जोरदार नारेबाजी के 10-15 मिनट के बाद, इंदिरा गांधी, अपने कुख्यात आपातकाल के समय के गृह मंत्री ओम मेहता के साथ और दो और गेट तक तेजी से चलीं। मुझे कहना चाहिए कि मैं उसके प्रभावशाली लेकिन सुखद दिखने वाले व्यक्तित्व से प्रभावित था। वह मुस्कुरा रही थी और थोड़ी देर के लिए नारे सुन रही थी। फिर, सीताराम येचुरी ने जेएनयूएसयू की मांगों को पढ़ना शुरू किया। उन्होंने इसे सबसे प्रभावी शैली में पढ़ा, जिसके लिए वह त्रुटिहीन अंग्रेजी में जाने जाते हैं। बहुत पहले पैराग्राफ ने सबसे ग्राफिक विस्तार में वर्णित आपातकाल के दौरान लोगों के खिलाफ उनकी सरकार के अपराधों को सूचीबद्ध किया।


कुछ ही क्षणों में उसकी मुस्कुराहट झुंझलाहट का रास्ता दे गई, वह ज्ञापन को पूरी तरह से नहीं सुन सकी और गुस्से में चेहरे के साथ वापस अपने निवास पर चली गई, अपने चार नाबालिगों के साथ, जैसे वह आई थी। नारेबाजी जारी रही और भाषण भी। ज्ञापन वहाँ छोड़ दिया गया था और अगले दिन, उसने जेएनयू के कुलपति के रूप में इस्तीफा दे दिया

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जेएनयू के छात्र चुनाव अपने आप में यूनिक होते है और ये चुनाव खुद छात्र ही करवाते हैं।

कैंपस के छात्र मिलकर ही एक चुनाव समिति बनाते हैं।

जो चुनाव की रणनीति और चुनावी प्रक्रिया तय करते हैं।

चुनावों में खुलकर बहस होती है।

करीब सारे बैनर पोस्टर हाथ से बनाए जाते हैं, छपवा कर पोस्टर बैनर लगाने का चलन नहीं है और यही बात चुनावों को अलग बनाती हैं।बोलने की आजादी हो या फिर चुनावों के दौरान बहस का मुद्दा, इन मुद्दों में सरकार और सरकारी नीतियों की आलोचना भी की जाती है और अपनी बात भी रखी जाती है इसलिए इस कैंपस में छात्रों को बोलने की स्वतंत्रता ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसी है। इस तरह की बहस में जमकर पर्चे छपते हैं और इसका जवाब भी पर्चों के माध्यम से आता है।

और आज देश के इस संस्थान को जिसने देश को बड़े बड़े महान व्यक्तित्व दिए हैं, संकट की घड़ी में खड़े रहने की ताकत दी है को बदनाम किया जा रहा है जिसकी स्थापना ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के आदर्शो को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिनके अनुसार एक विश्वविद्यालय कैसा होना चाहिए -

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जेएनयू संस्था नहीं विचार है,

13 दिसंबर 1947 को जवाहरलाल नेहरू ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपने भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था,

"किसी भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य मानवता, सहनशीलता, तर्कशीलता, चिंतन प्रक्रिया और सत्य की खोज की भावना को स्थापित करना होता है"

जवाहर लाल नेहरू जी के इन्हीं विचारों के मद्देनजर काँग्रेस पार्टी द्वारा जे एन यू की स्थापना की गयी और उनके इन्हीं आदर्शों को ध्यान में रखते हुए काँग्रेस पार्टी ने वहां अंदरुनी दखलंदाजी से खुद को दूर रखा और इसी का असर यह रहा कि वहां वामपंथी विचारधारा को पनपने का अवसर मिला किन्तु आज बिल्कुल विरोधी विचारधारा सत्तासीन है जो कि येन केन प्रकारेण अपनी विचारधारा को मनवाना चाहती है और इसी लिए देश में इस संस्थान को लेकर ऐसा जाल बिछा रही है जो कि इस संस्थान के विषय में ऐसी ऐसी भ्रांतियां जन जन के मन में फैला रहे हैं जिससे इस संस्थान के वास्तविक स्वरूप से बिल्कुल विपरीत स्वरूप उभरकर सामने आ रहा है.

शालिनी कौशिक एडवोकेट

(कौशल)


हर्ष वर्धन जोग

हर्ष वर्धन जोग

बढ़िया लेख

30 नवम्बर 2019

डॉ. शिखा कौशिक

डॉ. शिखा कौशिक

कांग्रेस ने दे श को बहुत कुछ दिया है . जेएनयू उनमें से एक है . सार्थक आलेख हेतु बहुत-बहुत बधाई व मंगलकामनायें

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पड़ोस में आंटी की सुबह सुबह चीखने की आवाज़ सुनाई दी .... ''अजी उठो ,क्या हो गया आपको ,अरे कोई तो सुनो ,देखियो क्या हो गया इन्हें ...'' हालाँकि हमारा घर उनसे कुछ दूर है किन्तु सुबह के समय कोलाहल के कम होने के कारण उनकी आवाज़ साफ़ सुनाई दे रही थी ,मैंने ऊपर से आयी अपनी बहन से कहा कि ''

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माथे ऊपर हाथ वो धरकरबैठी पत्थर सी होकरजीवन अब ये कैसे चलेगाचले गए जब पिया छोड़कर..........................................बापू ने पैदा होते हीझाड़ू-पोंछा हाथ थमायामाँ ने चूल्हा-चौका दे दियाचकला बेलन हाथ थामकर .

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 करते हैं बैठ चर्चा, खाली ये जब भी होते, कोई काम इनको करते मैने कभी न देखा. ................................................... वो उसके साथ आती, उसके ही साथ जाती, गर्दन उठा घुमाकर बस इतना सबने देखा. .............................................

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इंदिरा गाँधी -ध्रुवतारा :विरोधियों के कुत्सित प्रयासों के बाद भी सबसे प्यारी

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जब ये शीर्षक मेरे मन में आया तो मन का एक कोना जो सम्पूर्ण विश्व में पुरुष सत्ता के अस्तित्व को महसूस करता है कह उठा कि यह उक्ति तो किसी पुरुष विभूति को ही प्राप्त हो सकती है किन्तु तभी आँखों के समक्ष प्रस्तुत हुआ वह व्यक्तित्व जिसने

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वकील ज्यादा समझदार वेस्ट यूपी में

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मेरठ बार एसोसिएशन के शपथग्रहण समारोह में प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग का समर्थन किया और कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता कर समाधान निकालेंगे . बेंच को लेकर 1979 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता संघर्षरत हैं और इ

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बीजेपी में आदिकाल से होती रही हैं रेप की घटनाएं

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हरियाणा में पिछले दिनों हुई रेप की घटनाओं ने राज्य के साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया है, वहीं कुरुक्षेत्र के बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी ने रेप को लेकर विवादित बयान दिया है। राज्य में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर सैनी ने कहा की रेप की घटनाएं आदिकाल से होती आ रही हैं और यह सरकार से पूछकर नहीं ह

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माँ ......खुदा की कुदरत

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तमन्ना जिसमे होती है कभी अपनों से मिलने की रूकावट लाख भी हों राहें उसको मिल ही जाती हैं , खिसक जाये भले धरती ,गिरे सर पे आसमाँ भी खुदा की कुदरत मिल्लत के कभी आड़े न आती है . ............................................................................................ फ़िक्र जब होती अपनों की समय तब निकल

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नारी नहीं है बेचारी -महिला दिवस विशेष

6 मार्च 2018
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हिंदी बलागिंग

14 सितम्बर 2017
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हिंदी ब्लॉग्गिंग आज लोकप्रियता के नए नए पायदान चढ़ने में व्यस्त है .विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं की तानाशाही आज टूट रही है क्योंकि उनके द्वारा अपने कुछ चयनित रचनाकारों को ही वरीयता देना अनेकों नवोदित कवियों ,रचनाकारों आदि को हतोत्साहित करना होता था और अनेकों को गुमनामी के अंधेरों में धकेल देत

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तिरंगा शान है अपनी, फ़लक पर आज फहराये।

14 अगस्त 2019
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तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए ,फतह की ये है निशानी ,फ़लक पर आज फहराए ....रहे महफूज़ अपना देश ,साये में सदा इसके ,मुस्तकिल पाए बुलंदी फ़लक पर आज फहराए .....मिली जो आज़ादी हमको ,शरीक़ उसमे है ये भी,शाकिर हम सभी इसके फ़लक पर आज फहराए ....क़सम खाई तले इसके ,भगा देंगे फिरंगी को ,इरादों को दी मज़बू

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कल आप हैं निशाना

2 जनवरी 2017
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" कहने को हैं बहुत कुछ, गर कहने पर आयें,फट जायेगा कलेजा, गर दास्ताने हकीकत सुनायें." सर्दियों की शाम, 7.30 का वक्त, अचानक दो स्कूटी तीन मोटर साइकिल आकर रूकती हैं, दस बारह लड़के दुकान का शटर गिरा रहे एक लड़के को घेर लेते हैं और लड़के के

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ये तो नेहरू से भी बड़े सिरदर्द

20 अक्टूबर 2019
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महात्मा गांधी एक वह नाम जो एक पार्टी के लिए तारणहार तो एक पार्टी के लिए मारणहार की भूमिका में रहा है और यही कारण रहा कि एक पार्टी उन्हें बचाने में लगी रही तो एक पार्टी ने उन्हें निबटाने में अपनी अहम भूमिका निभाई किन्तु समय बीतते बीतते ऐसा समय आ गया कि मारणहार की लोकप्रियता और जन समुदाय का उनके प्रति

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स्वच्छता अभियान :नेपाल गुरु

2 अप्रैल 2017
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उत्तर प्रदेश में इस वक़्त ब्लॉक स्तर पर केंद्र सरकार के '' स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण'' के अन्तर्गत '' खुले में शौच मुक्त ''अभियान को लेकर कार्य जोरों पर है .उत्तर प्रदेश पंचायत राज विभाग के सचिव अमित कुमार गुप्ता के अनुसार '' प्रदेश के तीस जिले दिसंबर तक खुले में शौच मु

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आपकी संपत्ति : आपका दायित्व

24 अक्टूबर 2017
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हमारे घर के पास अभी हाल ही में एक मकान बना है .अभी तो उसकी पुताई का काम होकर निबटा ही था कि क्या देखती हूँ कि उस पर एक किसी ''शादी विवाह ,पैम्फलेट आदि बनाना के विज्ञापन चिपक गया .बहुत अफ़सोस हो रहा था कि आखिर लोग मानते क्यों नहीं ?क्यूं नई दीवार पर पोस्टर लगाकर उसे गन्दा कर देते हैं ?

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अब पछताये क्या होत -कहानी

12 जनवरी 2017
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विनय के घर आज हाहाकार मचा था .विनय के पिता का कल रात ही लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया .विनय के पिता चलने फिरने में कठिनाई अनुभव करते थे .सब जानते थे कि वे बेचारे किसी तरह जिंदगी के दिन काट रहे थे और सभी अन्दर ही अन्दर मौत की असली वजह भी जानते थे किन्तु अपने मन को समझाने के लिए सभी बीमारी को ही

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नारी तो चुभती ही है .

8 नवम्बर 2017
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नहटौर में एक चुनावी सभा में ''आप''नेता अलका लम्बा पर पत्थर से हमला ,कोई नई बात नहीं है .राजनीति के क्षेत्र में उतरने वाली महिलाएं आये दिन कभी शब्द भेदी बाणों का तो कभी पत्थरों आदि के हमलों का शिकार होती रहती हैं .ममता बनर्जी तो पश्चिमी बंगाल में इसका जीता-जागता उदाह

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क्या योगी सरकार को कैराना से प्यार है

10 मई 2017
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योगी सरकार का प्रदेश में सत्तारूढ होना प्रदेश के लिए लगभग सभी मायनों में प्रदेश के लिए लाभकारी दिखाई दे रहा है. योगी सरकार ने अपनी छठी कैबिनेट बैठक में लिये गये इन फैसलों से कैराना के अधिवक्ताओं में पुन:उममीद की किरण जगा दी वे फैसलै हैं - -फैजाबाद व अयोध्या को मिलाकर अयोध्या नगर निगम बनाया जाएगा

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आखिर सुषमा क्यों पीछे हटी ?

12 दिसम्बर 2017
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आतंकवाद के खिलाफ नई दिल्ली में भारत ,रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के १५वें सम्मलेन में तीनों देशों ने इसके खात्मे का ऐलान किया है .साथ ही टेरर फंडिंग रोकने और आतंकी

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हाफिज तेरे पाकिस्तान की खैर नहीं

25 नवम्बर 2017
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२००८ के मुंबई हमलों की नौवीं बरसी आ गयी है और अभी तक इसके मास्टर माइंड सजा से बहुत दूर हैं दुःख होता है जब भी अपने शहीदों को याद करते हैं और सबसे ज्यादा दुःख तब होता है जब हमारे कर्मठ व् युवा अधिकारियों के असमय काल का ग्रास बन जाने के जिम्मेदार लोगों के सिर

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प्रियंका और प्रधानमंत्री जी

3 जून 2017
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भारतीय संस्कृति ,जिसका हम इस विश्व में बहुत बढ़-चढ़ कर गुणगान करते हैं अब लगता है उसकी तरफ से मुंह फेरने का वक़्त नज़दीक आ गया है .कहने को यहाँ मेरी सोच को पुरातनवादी कहा जायेगा ,पिछड़ी हुई कहा जायेगा ,बहनजी सोच कहा जायेगा किन्तु क्या यही आ

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क्रिसमस और उससे जुड़े तथ्य हार्दिक शुभकामनायें

23 दिसम्बर 2017
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'क्रिसमस' ईसाइयों का प्रसिद्द त्यौहार है। यह 25 दिसंबर को प्रति वर्ष सम्पूर्ण विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस का त्यौहार ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह ईसाइयों का सबसे बड़ा और खुशी का त्यौहार है। इसे 'बड़ा दिन' भी कहा जाता है। क्रिसमस के त्यौहार की तैयारियां पहले से

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तेजाबी गुलाब है मीडिया का वैलेनटाइन

14 फरवरी 2017
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''गूंजे कहीं शंख कहीं पे अजान है , बाइबिल है ,ग्रन्थ साहब है,गीता का ज्ञान है , दुनिया में कहीं और ये मंजर नहीं नसीब , दिखलाओ ज़माने को ये हिंदुस्तान है .'' ऐसे हिंदुस्तान में जहाँ आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्शों की स्थापना और प्रेर

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तीन तलाक केवल बक-बक

6 जनवरी 2018
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राज्‍यसभा अनिश्चितकाल तक के लिए स्‍थगित, तीन तलाक बिल लटकाराज्‍यसभा शुक्रवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्‍थगित हो गई है. इसके चलते तीन तलाक बिल लटक गया है .सभापति ने गतिरोध खत्‍म करने के लिए सरकार और विपक्ष की बैठक बुलाई थी जो बेनतीजा रही.लोकसभा में 28 दिसंबर

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मीरा कुमार जी को हटाया क्यूं नहीं सुषमा जी

26 जून 2017
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 विपक्षी दलों ने जब से भाजपा के राष्ट्रपति पद के दलित उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद के सामने दलित उम्मीदवार के ही रूप में मीरा कुमार जी को खड़ा किया है तब से भाजपा के नेताओं व् भाजपा के समर्थकों के पसीने छूटने लगे हैं.कभी मीरा कुमार जी के दलित होने को लेकर सोशल मीडिया पर खील्ली उड़ाई जा रही है तो क

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हीरालाल कश्यप भी दोषी

27 जनवरी 2018
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भारत वर्ष में दहेज़ को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता में भी प्रावधान हैं और इसके लिए अलग से दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम भी बनाया गया है जिसकी जानकारी आप मेरे ब्लॉग कानूनी ज्ञान की इस पोस्ट''कानून है तब भी " से ले सकते हैं किन्तु इस सबके बावजूद दहेज़ हत्याओं में कमी नही

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भाजपा देगी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को हाई कोर्ट बेंच ?

18 दिसम्बर 2016
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भाजपा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच, सोचकर भी दिल इस पार्टी से किसी सकारात्मक रवैये की आशा नहीं रख पाता और अगर रखना भी चाहे तो ये पार्टी अपनी हरकतों से उस पर पानी फेर देती है। २३ जुलाई २०१५ को पार्टी के प्रमुख नेता देश के केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा जी कहते हैं -''कि क

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दिखावा ही तो है

20 फरवरी 2018
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.अरस्तू के अनुसार -''मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज जिससे हम जुड़े हैं वहां रोज़ हमें नए तमाशों के दर्शन होते हैं .तमाशा ही कहूँगी मैं इन कार्यों को जिनकी आये दिन समाज में बढ़ोतरी हो रही है .एक शरीर ,जिसमे प्राण नहीं अर्थात जिसमे से आत्मा निकल कर अपने परमधाम को चली गयी ,को मृत कहा जाता है और

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पता ही नहीं चला

22 अगस्त 2017
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बारिश की बूंदे गिरती लगातार रोक देती हैं गति जिंदगी की और बहा ले जाती हैं अपने साथ कभी दर्द तो कभी खुशी भी वक्त संग संग बहता है और नहीं रूकता अपनी आदत के अनुसार और बूंदे कभी दर्द मिटाती हैं कभी खुशी चुराती हैं और कैसे वक्त को बहा ले

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जीना है तो जल बचा- ओ! इंसान

24 मार्च 2018
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बहुत पहले एक फिल्म आयी थी ,''रोटी ,कपड़ा और मकान '' तब हम बहुत छोटे थे ,घरवालों व् आसपास वालों की बातों को फिल्म के बारे में सुनता तो लगता कि यही ज़िंदगी की सबसे बड़ी ज़रुरत हैं किन्तु जैसे जैसे बड़े हुए जीवन की सच्चाई सामने आने लगी और तब एहसास हुआ कि जीवन की सबसे बड़ी ज़रुरत ''पानी '' है ,एक बार

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होली की हार्दिक शुभकामनायें

12 मार्च 2017
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आज जब मैं बाज़ार से घर लौट रही थी तो देखा कि स्कूलों से बच्चे रंगे हुए लौट रहे हैं और वे खुश भी थे जबकि मैं उनकी यूनीफ़ॉर्म के रंग जाने के कारण ये सोच रही थी कि जब ये घर पहुंचेंगे तो इनकी मम्मी ज़रूर इन पर गुस्सा होंगी .बड़े होने पर हमारे मन में ऐसे ही भाव आ जाते हैं जबकि किसी भी त्यौहार का पूरा

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ये श्री राम का देश है मलाला युसुफजई

9 अगस्त 2019
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‘कश्मीरी लोग बरसों से मुश्किलें झेल रहे हैं। उनके हालात तब भी बुरे थे जब मैं छोटी थी, तब भी जब मेरे माता पिता छोटे थे और वे लोग तब भी मुश्किलों में जी रहे थे जब मेरे दादा जी जवान थे। उन्हें और कष्ट झेलने की जरूरत नहीं है।’ -मलाला का ट्वीट मलाला युसूफजई का यह ट्वीट कश्मीर की जनता का दुख दर्द

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शामली जिला जज कोर्ट का कैराना हकदार

27 सितम्बर 2017
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योगी सरकार का प्रदेश में सत्तारूढ होना प्रदेश के लिए लगभग सभी मायनों में प्रदेश के लिए लाभकारी दिखाई दे रहा है. योगी सरकार ने अपनी छठी कैबिनेट बैठक में लिये गये इन फैसलों से कैराना के अधिवक्ताओं में पुन:उममीद की किरण जगा दी वे फैसलै हैं - -फैजाबाद व अयोध्या को मिलाकर अयोध्या नगर निगम बनाया

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गांधारी का सच - मोदी के बोल

27 अगस्त 2019
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सच के मायने ही बदल गए हैं आज व्यक्ति विशेष जो कह देते हैं वही सच की श्रेणी में आ जाता है. यहाँ बात हो रही है हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की, आज का समय मोदी जी का है और मोदी जी आज कल पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी, इंदिरा जी व राजीव गांधी जी के बारे में जो कुछ भी कह रहे हैं

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परिकर जी के लिए तालियां

14 अक्टूबर 2016
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सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना का एक एेसा कार्य जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए और जो कि है भी और जिस कार्य के लिए विपक्ष तक ने प्रधानमंत्री तक की तारीफ करने में कोई कोताही नहीं बरती लेकिन सत्ता पक्ष सेना के इस कदम को पूरी तरह अपना कदम साबित करने में जुटा है घमंड रक्षा मंत्री के सिर चढ़कर बोल रहा

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रामानंद सागर को राम जी ने ही चुना

8 अक्टूबर 2019
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आज दशहरा है .जहाँ देखो रामलीला और रामायण की धूम है .आज बहुत से फिल्म निर्देशक और निर्माता रामायण की लोक प्रियता को भुनाने के मूड में हैं और राम के चरित्र से जुड़े इस कथानक पर आधारित धारावाहिकों व् फिल्मों की बाढ़ सी आ गयी है किन्तु यदि हम इन सभी की गुणवत्ता का आकलन कर

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.... ...जननी गयी हैं मुझसे रूठ .

9 अक्टूबर 2017
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वो चेहरा जो शक्ति था मेरी , वो आवाज़ जो थी भरती ऊर्जा मुझमें , वो ऊँगली जो बढ़ी थी थाम आगे मैं , वो कदम जो साथ रहते थे हरदम, वो आँखें जो दिखाती रोशनी मुझको ,वो चेहरा ख़ुशी में मेरी हँसता था , वो चेहरा दुखों में मेरे रोता था , वो आवाज़ बाते

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पारिवारिक निपटान आलेख और मानस जायसवाल

13 अक्टूबर 2017
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मेरे पूर्व आलेख ' 'मेमोरेंडम ऑफ़ फॅमिली सेटलमेंट-पारिवारिक निपटान के ज्ञापन का महत्व '' को लेकर पाठकों की उत्साहवर्धक टिप्पणी प्राप्त हुई लेकिन इसके साथ ही एक पाठक ''श्री मानस जायसवाल'' जी के तो कई प्रश्न थे जिनके निवारण हेतु मैं एक नयी पोस्ट आप सभी से साझा कर रही हू

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शाह सच बोल रहे हैं .....

7 जनवरी 2017
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''सच्चाई छिप नहीं सकती ,बनावट के उसूलों से , कि खुशबू आ नहीं सकती कभी कागज़ के फूलों से .'' दुश्मन फिल्म का ये गाना एकाएक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस दावे '' ढाई साल से थी नोटबंदी की तैयारी '' पढ़ते ही ज़ुबान पर आ गया .शाह का यह बयां मोदी के द्वारा नोटबंदी की आड़ मे

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पट्टा-लाइसेंस और मानस जायसवाल

20 अक्टूबर 2017
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मेरी पिछली पोस्ट ''पारिवारिक निपटान आलेख और मानस जायसवाल ''में मानस जायसवाल जी ने एक प्रश्न और पूछा था ,जो कुछ इस प्रकार था - धन्यवाद शालिनी जी, अभी भी एक सवाल बाकी है | अपने वाद के अनुसार पूछता हूँ| पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए 3 भाई एक नए शहर में बस गए| उन्होंने खुली नीलामी में अलग

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नारी शक्ति सिरमौर - कोई माने या न माने

9 अप्रैल 2017
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''कुछ लोग वक़्त के सांचों में ढल जाते हैं ,कुछ लोग वक़्त के सांचों को ही बदल जाते हैं ,माना कि वक़्त माफ़ नहीं करता किसी कोपर क्या कर लोगे उनका जो वक़्त से आगे निकल जाते हैं .'' नारी शक्ति को लेकर ये पंक्तियाँ एकदम सटीक उतरती हैं क्योंकि न

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तू गुलाम है ......

26 अक्टूबर 2017
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अभी अभी एक नए जोड़े को देखा पति चैन से जा रहा था और पत्नी घूंघट में ,भले ही दिखाई दे या न दे किन्तु उसे अब ऐसे ही चलने का अभ्यास करना होगा आखिर करे भी क्यूँ न अब वह विवाहित जो है जो कि एक सामान्य धारणा के अनुसार यह है कि अब वह धरती पर बोझ नहीं है ऐसा हमारे एक परिचित हैं उनका कहना है कि ''जब तक

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तो ये हैं मोदी के अच्छे दिन

17 नवम्बर 2016
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''कर दिया न मोदी ने फिर सर्जिकल स्ट्राइक ''कह जैसे ही साथी अधिवक्ता ने मोदी की तारीफ सुननी चाही तो सही में इस बार मन कड़वा हो गया अभी तक तो अपनी राजनीतिक नापसंदगी के कारण मोदी की तारीफ करने को मुंह नहीं खुलता था किन्तु आज मोदी के इस काम के कारण उसकी तारीफ करने को सच में मन

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अरे ! घर तो छोड़ दो .

5 नवम्बर 2017
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''सियासत को लहू पीने की लत है , वर्ना मुल्क में सब खैरियत है .'' महज शेर नहीं है ये ,असलियत है हमारी सियासत की ,जिसे दुनिया के किसी भी कोने में हो ,लहू पीने की ऐसी बुरी लत है कि उसके लिए यह सड़कों से लेकर चौराहों तक, राजमहलों से लेकर साधारण घरों

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क्या आदमी सच में आदमी है ?

24 अप्रैल 2017
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'' आदमी '' प्रकृति की सर्वोत्कृष्ट कृति है .आदमी को इंसान भी कहते हैं , मानव भी कहते हैं ,इसी कारण आदमी में इंसानियत , मानवता जैसे भाव प्रचुर मात्र में भरे हैं ,ऐसा कहा जाता है किन्तु आदमी का एक दूसरा पहलु भी है और वह है इसका अन्याय अत्याचार जैसी बुराइयों से गहरा नात

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डी.जे. बंद.............

14 नवम्बर 2017
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अभी पिछले दिनों की बात है घर के पीछे स्थित एक धर्मशाला में विवाह समारोह था और जैसा कि आजकल का प्रचलन है वहाँ डी.जे. बज रहा था और शायद full volume में बज रहा था और जैसा कि डी.जे. का प्रभाव होता है वही हो रहा था ,उथल-पुथल मचा रहा था ,मानसिक शांति भंग कर रहा था औ

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हिंदू मुस्लिम - क्या हम सब कुछ बांटेंगे?

20 जनवरी 2017
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एक सार्वभौमिक सत्य के बारे में आप सभी जानते ही होंगें कि दूध गाय -भैंस ही देती हैं और जहाँ तक हैं इनका कोई धर्म जाति नहीं होती ,इनमे आपस में होती हो तो पता नहीं किन्तु जहाँ तक इंसान की बात है वह इस सम्बन्ध में कम से कम मेरी जानकारी के अनुसार तो अनभिज्ञ ही कहा जायेगा . पर आज मेरी यह जानकारी धरी की

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लो फिर बिक गया .........

21 नवम्बर 2017
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कल से उत्तर-प्रदेश में नगरपालिका चुनावों में पहले चरण का मतदान आरम्भ होने जा रहा है .सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए निष्पक्ष एवं स्वतंत्र मतदान करेंगे.इससे बड़ा झूठ इस भारतीय लोकतंत्र में नहीं हो सकता. निष्पक्ष एवं स्वतंत्र मतदान की हामी भरने वाला भारत

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कांधला से कैराना -हाय रे बच्चों वाली औरतें

17 मई 2017
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कांधला से कैराना और पानीपत ,एक ऐसी बस यात्रा जिसे भुला पाना शायद भारत के सबसे बड़े घुमक्कड़ व् यात्रा वृतांत लिखने वाले राहुल सांकृत्यायन जी के लिए भी संभव नहीं होता यदि वे इधर की कभी एक बार भी यात्रा करते . कोई भी बात या तो किसी अच्छे अनुभव के लिए याद की जाती है

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तभी लेंगे शपथ .....

10 दिसम्बर 2017
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''औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाजार दिया .'' कैसी विडम्बना है जन्म देने वाली की ,जन्म देने का सम्मान तो मिलना दूर की बात है ,अपने प्यार के बदले में प्यार भी नहीं मिलता ,मिलती है क्या एक औलाद जो केवल मर्द की हवस को शांत करने का एक जरिया म

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देश बिका तो खरीददार कौन ?

29 नवम्बर 2017
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बचपन में अपने स्कूली पाठ्यक्रम में एक कहानी पढ़ी थी .जिसमे जंगल में एक जीव भागा जा रहा है और उससे जब अन्य जानवर ये पूछते हैं कि वह क्यों भागा जा रहा है तब वह कहता है ''कि आसमान गिर रहा है ,आसमान गिर रहा है ,पहले कोई यकीन नहीं करता पर

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तुम केवल वकील हो समझे ...

26 मई 2017
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''जातियां ही चुनावी घडी हो गयी , उलझनें इसलिए खड़ी हो गयी , प्रजातंत्र ने दिया है ये सिला कुर्सियां इस देश से भी बड़ी हो गयी .'' केवल शेर नहीं है ये ,सच्चाई है जिसे हम अपने निजी जीवन में लगभग रोज ही अनुभव करते हैं.मेरठ बार एसोसिएशन के कल हुए चुनाव का समाचार देते हुए

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और बचा लो इज़्ज़त - बेटी तो फालतू है ना

14 दिसम्बर 2017
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छेड़खानी महिलाओं विशेषकर स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं के साथ प्रतिदिन होने वाला अपराध है जिससे परेशानी महसूस करते करते भी पहले छात्राओं द्वारा स्वयं और बाद में अपने परिजनों को बताने पर उनके द्वारा दरकिनार कर दिया जाता है किन्तु यही छेड़खानी कभी छात्रा के विरोध य

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भावुक सहनशील नारीशक्ति स्वरूप

8 फरवरी 2017
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ये सर्वमान्य तथ्य है कि महिला शक्ति का स्वरुप है और वह अपनों के लिए जान की बाज़ी लगा भी देती है और दुश्मन की जान ले भी लेती है.नारी को अबला कहा जाता है .कोई कोई तो इसे बला भी कहता है किन्तु यदि सकारात्मक रूप से विचार करें तो नारी इस स्रष्टि की वह रचना है जो शक्ति का साक्षात् अवतार है.धेर्य ,सहनशी

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धारा 154 cr .p .c .-पुलिस करे कड़ा अनुपालन

21 दिसम्बर 2017
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विशाल अग्रवाल बनाम छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड [2014 ]3 .एस.सी.सी.696 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट को पंजीकृत करना पुलिस प्राधिकारियों का कर्तव्य तथा उत्तरदायित्व है .पुलिस प्राधिकारी उसका अन्वेषण करने और इसके पश्चात् मजिस्ट्रेट के समक्ष इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करन

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दुष्कर्म व् प्रकृति विरुद्ध अपराध-भारत रूस से आगे

8 जून 2017
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11 महीने पहले रूस ने महिलाओं को दुष्कर्म करने वाले को निजी प्रतिरक्षा में मारने की अनुमति दी और जिससे वहां यह आशा की गयी कि यह कानून वहां पुरुषों और लड़कों को भी निजी प्रतिरक्षा में उनके साथ ऐसा करने वालों को मृत्यु दंड देने की अनुमति देग

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कांग्रेस है तो देश -------

26 दिसम्बर 2017
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के दो प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं, जिन में अन्य भारतीय जनता पार्टी हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ में हुई थी;इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी

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मुस्लिम महिला की स्थिति मजाक

10 दिसम्बर 2016
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा -''मुस्लिम महिलाओं से क्रूरता है तीन तलाक ''.आरम्भ से हम सुनते आये कि मुसलमानों में बस पति ने कहा ''तलाक-तलाक-तलाक'' और हो गया तल

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मुस्लिम महिलाओं को यशोदा बेन मत बनाओ मोदी जी

1 जनवरी 2018
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तीन तलाक के खिलाफ लोकसभा से बिल पारित किए जाने के ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हज यात्रा को लेकर मुस्लिम महिलाओं के हक में आवाज उठाई है। पुरुष अभिभावक के बिना महिलाओं के हज यात्रा पर रोक को भेदभाव और अन्याय बताते हुए पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। पीएम ने साल के अंति

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कानून पर कामुकता हावी

20 जून 2017
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१६ दिसंबर २०१२ ,दामिनी गैंगरेप कांड ने हिला दिया था सियासत और समाज को ,चारो तरफ चीत्कार मची थी एक युवती के साथ हुई दरिंदगी को लेकर ,आंदोलन हुए ,सरकार पलटी , दुष्कर्म सम्बन्धी कानून में बदलाव हुए लगा अब इस

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वसीयत और मरणोपरांत वसीयत

13 जनवरी 2018
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वसीयत एक ऐसा अभि लेख जिसके माध्यम से व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति की व्यवस्था करता है .भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 3 में वसीयत अर्थात इच्छापत्र की परिभाषा इस प्रकार है - ''वसीयत का अर्थ वसीयतकर्ता का अपनी संपत्ति के सम्बन्ध में अपने अभिप्राय

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शहंशाही मर्दों की ,कुबूल की है कुदरत ने,

24 फरवरी 2017
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तखल्लुस कह नहीं सकते ,तखैयुल कर नहीं सकते , तकब्बुर में घिरे ऐसे ,तकल्लुफ कर नहीं सकते . ………………………………………………………………. मुसन्निफ़ बनने की सुनकर ,बेगम मुस्कुराती हैं , मुसद्दस लिखने में मुश्किल हमें भी खूब आती है , महफ़िलें सुन मेरी ग़ज़लें ,मुसाफिरी पर जाती हैं , मसर

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पुनर्विवाह के बाद विधवा विधवा कहाँ ?

21 जनवरी 2018
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आज सुबह के समाचार पत्र में एक समाचार था कि ''पुनर्विवाह के बाद भी विधवा पूर्व पति की कानूनी वारिस '' ये निर्णय महिला अधिकारों पर पंजाब व् हरियाणा हाईकोर्ट का था ,अहम् फैसला है किन्तु क्या सही है ? क्या एक महिला जो कि दुर्भाग्य से विधवा हो गयी थी और समाज के प्रगतिशील रुख के कारण दोबारा सुहागन

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काश ऐसी हो भारतीय नारी

8 जुलाई 2017
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चली है लाठी डंडे लेकर भारतीय नारी , तोड़ेगी सारी बोतलें अब भारतीय नारी . ................................................ बहुत दिनों से सहते सहते बेदम हुई पड़ी थी , तोड़ेगी उनकी हड्डियां आज भारतीय नारी . .......................................................... लाता नहीं है एक भी तू पैसा कमाकर , क

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एक मजबूत साक्ष्य -मृत्युकालीन कथन

5 फरवरी 2018
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साक्ष्य अधिनियम की धारा 32 में वे दशाएं बताई गयी हैं जिनमे उस व्यक्ति द्वारा सुसंगत तथ्य का किया गया कथन सुसंगत है जो मर गया है या मिल नहीं सकता इत्यादि ,और ऐसे में जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है धारा 32 [1 ] जो कि मृत्यु के कारण से सम्बंधित है ,इसमें कहा गया है - ''

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कृतज्ञ दुनिया इस दिन की .

30 सितम्बर 2016
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एक की लाठी सत्य अहिंसा एक मूर्ति सादगी की, दोनों ने ही अलख जगाई देश की खातिर मरने की . .......................................................................... जेल में जाते बापू बढ़कर सहते मार अहिंसा में , आखिर में आवाज़ बुलंद की कुछ करने या मरने की . .......................................

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अब जनता मांगे हाईकोर्ट बेंच मेरठ

18 फरवरी 2018
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मुंबई हाईकोर्ट की एक खडपीठ कोल्हापुर में बनने का रास्‍ता साफ हो गया है. कोल्‍हापुर खंडपीठ के लिए महाराष्‍ट्र सरकार कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकार खंडपीठ के लिए 1120 करोड़ रुपये भी प्रदान करेगी. जिसे खंडपीठ की इमारत निर्माण और विभिन्‍न व्‍यवस्‍थाओं

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शत शत नमन इस विभूति को

19 अगस्त 2017
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आज जन्मदिन है देश के नौवें राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल शर्मा जी का और वे सदैव मेरे लिए श्रद्धा के पात्र रहेंगे क्योंकि उनके बारे में जो सबसे महत्वपूर्ण है वह ये कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि देश के प्रथम नागरिक के पद से जब उनकी सेवानिवृति का अवसर आया तो उनके चेहरे पर तनिक भी विषाद नहीं था

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मीडिया और वी के सिंह

24 फरवरी 2018
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जनरल वीके सिंह विवरण : गाजियाबाद के सांसद और केंद्र में मंत्री जनरल वीके सिंह का पूरा नाम जनरल विजय कुमार सिंह है। उनका जन्‍म 10 मई 1951 को हरियाणा के भिवानी जिले के बपोरा गांव में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम कृष्‍णा कुमारी और जगत सिंह है। उनके पिता भी सेना में कर्नल

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..औरत ........लांछित ...है

8 मार्च 2017
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व्यथित सही ,पीड़ित सही ,पर तुझको लगे ही रहना है , जब तक सांसें ये बची रहें ,हर पल मरते ही रहना है . ............................................................................ पिटना पतिदेव के हाथों से ,तेरी किस्मत का लेखा है , इस दुनिया की ये बातें ,माथे धरकर ही रहना

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उड़ती खुशखबरी -जनपद न्यायाधीश कैराना बैठेंगे

10 मार्च 2018
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जिला न्यायालय के लिए शामली के अधिवक्ताओं ने पहले भी इस सत्य को परे रखकर न्यायालय के कार्य को ठप्प किया और अब भी जब से कैराना में जनपद न्यायाधीश के बैठने की सम्भावना बनी है तबसे फिर उनके द्वारा काम ठप्प किये जाने ,आंदोलन किये जाने की धमकियाँ दी जा रही हैं जबकि सभ

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सोशल मीडिया

10 सितम्बर 2017
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जनलोकपाल का मुद्दा और जनांदोलन कोई ऐसी नयी बात नहीं थी पहले भी ऐसे बहुत से मुद्दे लेकर जनांदोलन होते रहे और थोड़ी बहुत असहज परिस्थितियां सरकार के लिए उत्पन्न करते रहे किन्तु यह आंदोलन अन्ना और केजरीवाल की अगुआई में एक ऐसा आंदोलन बना कि सरकार की जड़ें हिला दी कारण

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सुप्रीम कोर्ट से टक्कर लेती खाप पंचायतें

28 मार्च 2018
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खाप पंचायत को लेकर बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों को झटका देते हुए कहा कि शादी को लेकर खाप पंचायतों के फरमान गैरकानूनी हैं। अगर दो बालिग अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं तो कोई भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता

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अब और न मरेंगे मोदी जी

28 दिसम्बर 2016
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"कुछ लोगों को मनसब गूंगा बहरा कर देते हैं, रोटी मंहगी करने वाले जहर को सस्ता कर देते हैं." गुलजार देहलवी की ये पंक्तियाँ हमें रूबरू करा रही हैं उन परिस्थितियों से जो हमारे मीडिया द्वारा बनाये गये, अच्छे दिनों की सोच लाये गये नई - नई जैकिट, कुर्ते व सूट से सजाये

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आसाराम बेटियों का सहारा

25 अप्रैल 2018
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आसाराम दोषी करार, बिटिया के पिता ने कोर्ट का किया धन्यवादजोधपुर में आसाराम और उसके सहयोगियों को दोषी करार दिए जाने के बाद बिटिया के पिता के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। उन्होंने अपने मकान से बाहर आकर मीडिया से कहा कि कोर्ट ने आसाराम और उसके सहयोगियों को दोषी करार दिया

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..........तभी कम्बख्त ससुराली ,

22 सितम्बर 2017
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थी कातिल में कहाँ हिम्मत ,मुझे वो क़त्ल कर देता , अगर मैं अपने हाथों से ,न खंजर उसको दे देता ................................................................................वो बढ़ जाए भले आगे ,लिए तलवार हाथों में ,मिले न जिस्म मेरा ये ,क़त्ल वो किसको कर लेता ......

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वैमनस्य पर लगाम लगाएं जैन धर्म अनुयायी

11 अगस्त 2019
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कल को देश भर में बकरीद का त्योहार मुसलमान धर्मावलम्बियों द्वारा पूरी अकीदत व श्रद्धा से मनाया जाएगा, आजकल देश भर में इस त्यौहार को मनाने वाले बहुत खुशी से इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं, ऐसे में एक समाचार इनकी खुशियों पर विराम लगाने आ जाता है कि मेरठ के 28 जैन मंदिरों में लाखों की संख्या में काटे ज

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शादीशुदा दासी नहीं

17 मार्च 2017
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आज जैसे जैसे महिला सशक्तिकरण की मांग जोर पकड़ रही है वैसे ही एक धारणा और भी बलवती होती जा रही है वह यह कि विवाह करने से नारी गुलाम हो जाती है ,पति की दासी हो जाती है और इसका परिचायक है बहुत सी स्वावलंबी महिलाओं का विवाह से दूर रहना . यदि हम सशक्तिकरण की परिभाषा में जाते हैं तो यही पाते हैं कि ''स

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राजीव गांधी - सदैव हरदिल अजीज रहेंगे.

19 अगस्त 2019
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एक नमन राजीव जी को आज उनकी जयंती और वह भी 75 वीं जयंती के अवसर पर.राजीव जी बचपन से हमारे प्रिय नेता रहे आज भी याद है कि इंदिरा जी के निधन के समय हम सभी कैसे चाह रहे थे कि राजीव जी आयें और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाएँ क्योंकि ये ब

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संस्कृति रक्षक केवल नारी

2 अक्टूबर 2017
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. यूनान ,मिस्र ,रोमां सब मिट गए जहाँ से , बाकी अभी है लेकिन ,नामों निशां हमारा . कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी , सदियों रहा है दुश्मन ,दौरे ज़मां हमारा . भारतीय संस्कृति की अक्षुणता को लक्ष्य कर कवि इक़बाल ने ये ऐसी अभिव्यक्ति दी जो हमारे जागृत व् अवचेतन मन में चाहे -अनचाहे विद्यम

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इसलिए है गुड़िया बच्ची का सहारा

31 अगस्त 2019
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सुनो छोटी सी गुड़िया की नन्ही कहानी...सच में एक ऐसी मासूम कहानी जो आज पूरे देश में सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो गई। अमर उजाला ने शुक्रवार के अंक में एक मासूम बच्ची की खबर फोटो के साथ प्रकाशित की थी। जिसमें उस मासूम बच्ची की जिद थी कि उसकी गुड़िया के पैरों पर प्ला

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शहीदों के प्रति संवेदना का अभाव

19 सितम्बर 2016
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बचपन में माखनलाल चतुर्वेदी कृत पुष्प की अभिलाषा पढी, जिसमें पुष्प कहता है - "चाह नहीं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं, चाह नहीं प्रेमी माला में विंध नित प्यारी को ललचाऊं, चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हर

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नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

29 सितम्बर 2019
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शीश नवायेंगें मैया कोदर पर चलकर जाएंगे. मैया तेरे आशीषों से खुशियां खुलकर पाएंगे. https://youtu.be/B-9A8Q62Ddc(मेरा भजन मेरे स्वर में)शालिनी कौशिक (कौशल)

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मेमोरेंडम ऑफ़ फैमिली सेटलमेंट ''पारिवारिक निपटान के ज्ञापन '' का महत्व

8 अक्टूबर 2017
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संपत्ति का विभाजन हमेशा से ही लोगों के लिए सरदर्द रहा है और कलह,खून-खराबे का भी इसीलिए घर के बड़े-बुजुर्ग हमेशा से इसी कोशिश में रहे हैं कि यह दुखदायी कार्य हमारे सामने ही हो जाये .इस सबमेँ करार का बहुत महत्व रहा है .करार पहले लोग मौखिक भी कर लेते थे और कुछ समझदार लोग वकीलों से सलाह लेकर लिखि

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अब तो आर. एस. एस की लाठी

14 अक्टूबर 2019
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बयान / भागवत ने कहा- भारत हिंदुओं का देश, इसीलिए दुनिया में सबसे सुखी मुसलमान यहां मिलेंगे. देश पर जान कुर्बान करने वाले, देश का संविधान बनाने वाले, देश का नव निर्माण करने वाले जिस भावना के लिए अपनी सारी ऊर्जा लगा गए उसे मिटाने के लिए आरंभ से प्रयत्नशील आर. एस. एस. को आखिर अपने इरादों में सफल हो

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ये भी क्रूरता है संभलकर ....

30 मार्च 2017
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आपका लिखा एक खत आपको क्रुर बताने और तलाक दिलाने के लिए काफी है। कोर्ट ने अपने पत्नी से अलग रह रहे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। द टाइम्स ऑफ इं‌‌डिया में छपी एक खबर के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति 28 साल से अपनी पत्नी से अलग रह रहा था। 1990 में उसकी पत

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सच में देश बदल देंगे मोदी

22 अक्टूबर 2019
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BJP✔@BJP4Indiaमैं सोशल मिडिया जरूर देखता हूं इससे मुझे बाहर क्या चल रहा है इसकी जानकारी मिलती है। मैं आपका भी और टविंकल खन्ना जी का भी ट्विटर देखता हूं और जिस तरह वो मुझ पर गुस्सा निकालती हैं तो मैं समझता हूं की इससे आपके परिवार में बहुत शांति रहती होगी:पीएम #ModiWithAkshay #BharatKaGarvModiये ट्वीट

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#जागो रे अाम आदमी

31 मार्च 2017
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किसी शायर ने कहा है - ''कौन कहता है आसमाँ में सुराख़ हो नहीं सकता , एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों .'' भारतवर्ष सर्वदा से ऐसी क्रांतियों की भूमि रहा है जिन्होंने हमेशा ''असतो मा सद्गमय ,तमसो मा ज्योतिर्गमय ,मृत्योर्मामृतं गम

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कैराना -मोदी-योगी को घुसने का मौका

14 अक्टूबर 2017
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पलायन मुद्दे के शोर ने कैराना को एकाएक चर्चा में ला दिया ,सब ओर पलायन मुद्दे के कारण कैराना की बात करना एक रुचिकर विषय बन गया था ,कहीं चले जाओ जहाँ आपने कैराना से जुड़े होने की बात कही नहीं वहीं आपसे बातचीत करने को और सही हालात जानने को लोग एकजुट होने

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एन जी टी इस देश में असफल

1 नवम्बर 2016
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ये देश कानून से चलता है ,यहाँ कानून की सत्ता है ,कानून सर्वोपरि है ,ऐसी बातें सुनी बहुत पर देखी नहीं क्योंकि कानून का मखौल आम जनता या आम सड़कें क्या उड़ाएंगी उसके लिए कचहरी परिसर ही पर्याप्त है .कैराना [शामली ] की

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जीएसटी ने मारा धक्का ,मुंह खोले महंगाई खड़ी .....

18 अक्टूबर 2017
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वसुंधरा के हर कोने को जगमग आज बनायेंगे , जाति-धर्म का भेद-भूलकर मिलकर दीप जलाएंगे . ....................................................................... पूजन मात्र आराधन से मात विराजें कभी नहीं , होत कृपा जब गृहलक्ष्मी को हम सम्मान दिलायेंगें . ..............................................

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जिन्हें न शर्म लेश

5 अप्रैल 2017
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बहुत बार देखी हैं हथेली की रेखाएं किताबों में लिखा जिन्हें सर्वश्रेष्ठ ,उमर आधे से ज्यादा है बीत गयीखोया ही खोया पाया बस क्लेश , नहीं कोई चाहत है अब पाल रखी नहीं लेना दुनिया से है कुछ विशेष ,सुकूँ से बिता लें सम्मान से रह

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मर्द की एक हकीकत

21 अक्टूबर 2017
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''प्रमोशन के लिए बीवी को करता था अफसरों को पेश .''समाचार पढ़ा ,पढ़ते ही दिल और दिमाग विषाद और क्रोध से भर गया .जहाँ पत्नी का किसी और पुरुष से जरा सा मुस्कुराकर बात करना ही पति के ह्रदय में ज्वाला सी भर देता है क्या वहां इस तरह की घटना पर यकीन किया जा सकता है ?किन्तु चाहे अनचाहे यकीन करना पड़ता है

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कमज़र्फ़ के एहसान से अल्लाह बचाये

10 जनवरी 2017
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''डिग्री, मेहनत और योग्यता, रखी रही बेकार गयी, उनकी हर तिकड़म रंग लाई, हमें शराफत मार गई." सत्ताधारी दल के सामने विपक्ष की यह बेबसी जग जाहिर है. विपक्ष सत्ताधारी दल को हमेशा देश के कानून की पेचीदगियां बता-बताकर उसे बार-बार चे

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जनता सोना छोड़ो

24 अक्टूबर 2017
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दिल्ली के गांधीनगर में पांच वर्षीय गुडिया के साथ हुए दुष्कर्म ने एक बार फिर वहां की जनता को झकझोरा और जनता जुट गयी फिर से प्रदर्शनों की होड़ में .पुलिस ने एफ.आई.आर.दर्ज नहीं की ,२०००/-रूपए दे चुप बैठने को कहा और लगी पुलिस पर हमला करने -परिणाम एक और लड़की दुर्घटना की

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हाय रे औरतों की बीमारी

12 अप्रैल 2017
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कवि शायर कह कह कर मर गए-''इस सादगी पे कौन न मर जाये ए-खुदा,''''न कजरे की धार,न मोतियों के हार, न कोई किया सिंगार फिर भी कितनी सुन्दर हो,तुम कितनी सुन्दर हो.'' पर क्या करें आज की महिलाओं के दिमाग का जो बाहरी सुन्दरता को ही सबसे ज्

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कामकाजी महिलाएं और कानून

27 अक्टूबर 2017
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. आज यदि देखा जाये तो महिलाओं के लिए घर से बाहर जाकर काम करना ज़रूरी हो गया है और इसका एक परिणाम तो ये हुआ है कि स्त्री सशक्तिकरण के कार्य बढ़ गए है और स्त्री का आगे बढ़ने में भी तेज़ी आई है किन्तु इसके दुष्परिणाम भी कम नहीं हुए हैं जहाँ एक तरफ महिलाओं को कार्यस्थल

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हाईकोर्ट बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आवश्यक आवश्यकता

21 सितम्बर 2016
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पश्चिमी यूपी के कई जिलों के लोगों को न्याय पाने के लिए 800 किमी की दूरी तय करके इलाहाबाद जाना जाना पड़ता है। 22 जिलों में बेंच के लिए आंदोलन चल रहा है। वकील सप्ताह में एक दिन हड़ताल पर रहते हैं। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहते हैं बुनियादी तौर पर यह मांग केंद्र सरकार से जुड़ी है। सदन से पहले प्र

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हाय रे ! क्रूरता पर भी भरण-पोषण

5 नवम्बर 2017
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पति द्वारा क्रूरता से तो सभी वाकिफ हैं और उसके परिणाम में पति को सजा ही सजा मिलती है किन्तु आनंद में तो पत्नी है जो क्रूरता भी करती है तो भी सजा की भागी नहीं होती उसकी सजा मात्र इतनी कि उसके पति को उससे तलाक मिल सकता है किन्तु नारी-पुरुष समानता के इस युग में पारिवारिक संबंधों के मामले में पुरुष

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बेटी की माँ

21 अप्रैल 2017
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बेटी का जन्म पर चाहे आज से सदियों पुरानी बात हो या अभी हाल-फ़िलहाल की ,कोई ही चेहरा होता होगा जो ख़ुशी में सराबोर नज़र आता होगा ,लगभग जितने भी लोग बेटी के जन्म पर उपस्थित होते हैं सभी के चेहरे पर मुर्दनी सी ही छा जाती है.सबसे ज्यादा आश्

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मृतक का आश्रित :अनुकम्पा नियुक्ति

8 नवम्बर 2017
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अभी लगभग १ वर्ष पूर्व हमारे क्षेत्र के एक व्यक्ति का देहांत हो गया .मृतक सरकारी कर्मचारी था और मरते वक्त उसकी नौकरी की अवधि शेष थी इसलिए मृतक आश्रित का प्रश्न उठा .यूँ तो ,निश्चित रूप से उसकी पत्नी आश्रित की अनुकम्पा पाने की हक़दार

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खादी वाले मोदी -मुहँ में राम बगल में छुरी

13 जनवरी 2017
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  "खुद जिन्दगी के हुस्न का मैयार बेचकर, दुनिया रईस हो गई किरदार बेचकर. " अशोक 'साहिल' के ये शब्द और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दूसरे के समपूरक नजर आते हैं. चर्चाओं में बने रहने को मोदी कुछ भी कर सकते हैं, कुछ भी कह सकते हैं यह तो उन

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बच्चे बदले क्यूँ न जब चाचा बदले ?

13 नवम्बर 2017
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बचपन जीवन का स्वर्णिम समय होता है .न कोई फ़िक्र न कोई परवाह ,अपनी मस्ती में बचपन के दिन बीतते रहते हैं .ये समय ऐसा होता है जब मन पर न तो किसी के लिए कोई निन्दित भाव होता है और न ही बहुत ज्यादा प्यार का भाव ,किसी का जरा सा प्यार अगर बच्चे को उसके करीब ला देता है तो जर

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समीक्षा - '' ये तो मोहब्बत नहीं ''-समीक्षक शालिनी कौशिक

29 अप्रैल 2017
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समीक्षा - '' ये तो मोहब्बत नहीं ''-समीक्षक शालिनी कौशिक उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ द्वारा प्रकाशित डॉ.शिखा कौशिक 'नूतन' का काव्य-संग्रह 'ये तो मोहब्बत नहीं ' स्त्री-जीवन के यथार्थ चित्र को प्रस्तुत करने वाला संग्रह है .आज भी हमारा समाज पितृ-सत्ता की ज़ंजीरों में ऐसा जकड़ा ह

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चुनाव आयोग ख़त्म ..........?

15 नवम्बर 2017
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उत्तर प्रदेश में नगरपालिका चुनाव कार्यक्रम आरम्भ हो चुका है .चुनाव आचार संहिता अधिसूचना जारी होते ही लागू हो चुकी है .सरकारी घोषणाओं पर विराम लग चुका है ,सरकारी बंदरबाट फ़िलहाल उत्तर प्रदेश में बंद हो चुकी है किन्तु भारत के अन्य राज्यों की तरह यह राज्य भी संप्रभु नह

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इंदिरा गांधी जी के 100 वें जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

19 नवम्बर 2016
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अदा रखती थी मुख्तलिफ ,इरादे नेक रखती थी , वतन की खातिर मिटने को सदा तैयार रहती थी . .............................................................................. मोम की गुड़िया की जैसी ,वे नेता वानर दल की थी ,,

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तलाक़ ऐसे भी ...

20 नवम्बर 2017
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तलाक कहूं या विवाह -विच्छेद ,बहुत दुखद होता है किन्तु बहुत सी शादियां ऐसी होती हैं जिनमे अगर तलाक न हो तो न पति जी सकता है और न पत्नी ,बच्चों के तो कहने ही क्या ,ऐसे में तलाक आवश्यक हो जाता है .हिन्दू विधि में तलाक के बहुत से ढंग कानून ने दिए हैं किन्तु उनमे बहुत सी बार इतना समय लग जाता

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मेरी माँ

13 मई 2017
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वो चेहरा जो शक्ति था मेरी ,वो आवाज़ जो थी भरती ऊर्जा मुझमें , वो ऊँगली जो बढ़ी थी थाम आगे मैं , वो कदम जो साथ रहते थे हरदम, वो आँखें जो दिखाती रोशनी मुझको , वो चेहरा ख़ुशी में मेरी हँसता था , वो चेहरा दुखों

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गूगल नारी सम्मान -हार्दिक धन्यवाद्

24 नवम्बर 2017
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आज का गूगल का डूडल फिर एक नए रुप में सबके सामने आया है। आज गूगल ने फिर से इतिहास के पन्नों से एक महिला को हमारे सामने जिंदा कर दिया है। आज के डूडल में एक महिला जिसके गले में डॉक्टर स्टेथस्कोप(आला) है और उनके आस-पास कुछ महिला मरीज के बिस्तर और नर्स उनकी सेवा करती नजर आ

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हमसफर फिल हकीकत में ,फलक पर आज फहराये

23 जनवरी 2017
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तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए , फतह की ये है निशानी ,फ़लक पर आज फहराए . ............................................... रहे महफूज़ अपना देश ,साये में सदा इसके , मुस्तकिल पाए बुलंदी फ़लक पर आज फहराए . ............................................. मिली जो आज़ादी

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राजस्थान की संगठित शक्ति की जय हो

26 नवम्बर 2017
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पद्मावती आजकल सुर्ख़ियों में हैं .हों भी क्यूँ न नारी शक्ति की जो मिसाल पद्मावती ने पेश की वह अनूठी है और ऐसी मिसाल ही होती हैं जो अनुकरणीय बन जाती हैं यही कारण है कि आज राजस्थान उनके सम्मान को लेकर भंसाली की सोच से ,भंसाली की फिल्म से लड़ रहा है और साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि भंस

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गर रख लो जायदाद

19 मई 2017
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दो पल सुकून के नहीं ,गर रख लो जायदाद ,पलकें झपक न पाओगे ,गर रख लो जायदाद ,चुभती हैं अपने हाथों पर अपनी ही रोटियांखाना भी खा न पाओगे ,गर रख लो जायदाद . ................................................................. क्या करती बड़े घर क

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सुनवाई बीजेपी कंट्रोल के बाद

8 दिसम्बर 2017
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जब से बीजेपी सत्ता में आयी है तब से हमारा मीडिया तो पहले ही यह शुरू कर चुका है कि किसी भी तरकीब से कॉंग्रेस के किसी भी कदम को ,किसी भी नेता को उपहास की श्रेणी में लाया जाये .पप्पू नाम राहुल गाँधी के लिए इसी मीडिया की देन है और उपहास की ऐसी श्रेणी जिसकी इज़ाज़त भा

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ऐसा साधु देखा कभी

3 दिसम्बर 2017
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बड़े बड़े शहरों में ,महानगरों में जाम की समस्या से सामना होता ही रहता है और इसे बड़े शहरों के लिए एक वरदान के रूप में स्वीकार भी लिया जाता है किन्तु छोटे कस्बे और गावों के लिए जाम को स्वीकार नहीं किया जा सकता इनमे ज़िंदगी आसान ही इसीलिए होती है क्योंकि इनमे किसी भी जगह ज

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संभल जा रे नारी .....

22 मई 2017
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''हैलो शालिनी '' बोल रही है क्या ,सुन किसी लड़की की आवाज़ मैंने बेधड़क कहा कि हाँ मैं ही बोल रही हूँ ,पर आप ,जैसे ही उसने अपना नाम बताया ,अच्छा लगा ,कई वर्षों बाद अपनी सहपाठी से बात कर रही हूँ ,पर आश्चर्य हुआ कि आखिर उसे मेरा नंबर कैसे मिला ,क्योंकि आज जो फोन नंबर की स्थिति

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कानूनन भी नारी बेवकूफ कमजोर पर क्या वास्तव में

12 दिसम्बर 2017
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नारी की कोमल काया व् कोमल मन को हमारे समाज में नारी की कमजोरी व् बेवकूफी कह लें या कम दिमाग के रूप में वर्णित किये जाते हैं .नारी को लेकर तो यहाँ तक कहा जाता है कि इसक

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उफ ये समाज और बेटियाँ

3 फरवरी 2017
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 'साहब !मैं तो अपनी बेटी को घर ले आता लेकिन यही सोचकर नहीं लाया कि समाज में मेरी हंसी उड़ेगी और उसका ही यह परिणाम हुआ कि आज मुझे बेटी की लाश को ले जाना पड़ रहा है .'' केवल राकेश ही नहीं बल्कि अधिकांश वे मामले दहेज़ हत्या के हैं उनमे यही स्थिति है दहेज़ के दानव पहले

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सैल्यूट टू शामली एस.पी.डॉ.अजयपाल शर्मा

13 दिसम्बर 2017
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शामली जिला अपराधियों से भरपूर क्षेत्र ,कोई भी अधिकारी पुलिस का ज्यादा समय नहीं टिक पाता और इन्हीं अपराधियों की भरमार ने जन्म दिया ''कैराना पलायन प्रकरण '' को .जब दिनदहाड़े अपराधी वारदात को अंजाम देने लगें ,दुकान पर बैठे व्यापार ी को गोली मार मौत के घाट उतारने लग

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हस्ती ....जिसके कदम पर ज़माना पड़ा

28 मई 2017
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कुर्सियां,मेज और मोटर साइकिल नजर आती हैं हर तरफ और चलती फिरती जिंदगी मात्र भागती हुई जमानत के लिए निषेधाज्ञा के लिए तारीख के लिए मतलब हक के लिए! ये आता यहां जिंदगी का सफर, है मंदिर ये कहता न्याय का हर कोई, मगर नारी कदमों को देख यहां लगाता है लांछन बढ हर कोई. है व

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इस डर के आगे जीत नहीं

17 दिसम्बर 2017
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कांधला के गांव श्यामगढ़ी में छात्रा सोनी को उसी के गांव के अमरपाल ने कथित एकतरफा प्रेम में बलकटी से मारकर मौत के घाट उतार दिया और जिस वक़्त ये घटना हुई छात्रा सोनी के साथ तकरीबन 50 छात्राएं मौजूद थी किन्तु सिवाय सोनी की अध्यापिका के किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं क

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बोलो जनता जिंदाबाद

6 दिसम्बर 2016
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'आस-पास ही देख रहा हूँ मिटटी का व्यापार , चुटकी भर मिटटी की कीमत जहाँ करोड़ हज़ार , और सोचता हूँ आगे तो होता हूँ हैरान बिका हुआ है कुछ मिटटी के ही हाथों इंसान .'' कविवर गोपाल दास ''नीरज '' की ये पंक

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लो ! इन्हें भी मौका मिल गया .

20 दिसम्बर 2017
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राजनीति एक ऐसी बला है जो सेर को सवा सेर बना देती है ,चमकने पर अगर आये तो कांच को हीरा दिखा देती है ,ये कहना मात्र एक मजाक नहीं सच्चाई है .ये राजनीति की ही आदत है जो आदमी को वो भी दिखा देती है जिसे देखने का ख्याल तक उसके गुमान में न

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...क़त्ल कर देता .

6 जून 2017
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अगर बिन दर्द के अपने मुझे तू क़त्ल कर देता , खुदा अपने ही हाथों से ये तेरी सांसें ले लेता , जन्म मेरा ज़मीं पर चाहा कब कभी किसने जुनूनी कोई भी बढ़कर कलम ये सर ही कर देता . ................................................................ दिलाओ मुझको हर तालीम हवाले फिर कहीं कर

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भारत रत्न अब चौधरी चरण सिंह को

21 दिसम्बर 2017
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कोई जीना ही जिंदगी समझा , और फ़साना बन गया कोई . अपनी हस्ती मिटाकर ए-अंजुम , अपनी हस्ती बना गया कोई . सुलक्षणा 'अंजुम' द्वारा कही गयी उपरोक्त पंक्तियाँ अक्षरशः सही प्रतीत होती हैं परम पूजनीय ,किसानों के मसीहा ,दलितों के देवता ,चौधरी चरण सिंह जी पर .२३ दिसंबर १९०२ को किसान परिवार में जन्मे चौधरी

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प्यार से भी मसलों का हल निकलता है

11 फरवरी 2017
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" प्यार है पवित्र पुंज ,प्यार पुण्य धाम है. पुण्य धाम जिसमे कि राधिका है श्याम है .श्याम की मुरलिया की हर गूँज प्यार है. प्यार कर्म प्यार धर्म प्यार प्रभु नाम है." एक तरफ प्यार को "देवल आशीष"की उपरोक्त पंक्तियों से विभूषित किया जाता है तो एक तरफ प्यार को "ब

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ई -रिक्शा चालकों के लिए खुशखबरी

25 दिसम्बर 2017
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आज इलेक्ट्रॉनिक दुनिया है ,सब कुछ ''ई '' होता जा रहा है ,मतलब ई -गवर्नेंस ,ई -कार्ट ,ई -रिक्शा इत्यादि ,ऐसे ही आज आपको जहाँ भी जाना हो अपने स्कूटी ,स्कूटर ,मोटर साइकिल आदि की कोई आवश्यकता नहीं , हर जगह ई -रिक्शा उपलब्ध है और अच्छी बात यह है कि इसे खींचने का काम आदमी

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नारी :एक कामयाब अपराधी

8 जून 2017
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ईरान की संसद और खोमैनी के मकबरे पर इस्लामिक स्टेट के हमलों में 12 की मौत ईरान की संसद और खोमैनी के मकबरे पर इस्लामिक स्टेट के हमलों में 12 की मौत ईरान की संसद और यहां के क्रांतिकारी संस्थापक रूहुल्लाह खोमैनी के मकबरे पर बुधवार को बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों ने सुन

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तू ------ बस सोचकर बोलना

30 दिसम्बर 2017
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मुस्लिम महिलाओं को भी मिले तीन तलाक का अधिकार

26 सितम्बर 2016
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मुस्लिम विधि में तलाक का एक तरीका है - "तलाक - उल - बिददत". वर्तमान में यह तरीका ही विवाद का विषय बना हुआ है और आंध्र व तेलंगाना के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष आबिद रसूल खान का इसी तलाक के दुष्परिणाम के लिए कहना है "कि आज मुस्लिम समुदाय के सामने यह बड़ी सामाजिक समस्या है क्योंकि सही मायने में लाखों क

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अलबेली ये शीत लहर है -happy new year -2018

31 दिसम्बर 2017
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अमरावती सी अर्णवनेमी पुलकित करती है मन मन को , अरुणाभ रवि उदित हुए हैं खड़े सभी हैं हम वंदन को . अलबेली ये शीत लहर है संग तुहिन को लेकर आये , घिर घिर कर अर्नोद छा रहे कंपित करने सबके तन को . मिलजुल कर जब किया अलाव गर्मी आई अर्दली बन , अलका बनकर ये शीतलता छेड़े जाकर

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पितृ दिवस की शुभकामनायें

17 जून 2017
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झुका दूं शीश अपना ये बिना सोचे जिन चरणों में , ऐसे पावन चरण मेरे पिता के कहलाते हैं . ……................................................... बेटे-बेटियों में फर्क जो करते यहाँ , ऐसे कम अक्लों को वे आईना दिखलाते हैं . ........................................................ शिक्षा दिलाई हमें बढा

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इस्लाम इतना कमजोर नहीं ?

3 जनवरी 2018
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मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का आज लखनऊ में निधन हो गया. वह करीब 70 वर्ष के थे. जलालपुरी के बेटे शाहकार के मुताबिक, उनके पिता ने आज सुबह लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में आखिरी सांस ली. उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं. उन्होंने बताया कि जलालपुरी को गत 28 दिसंबर को उनके घर में मस्तिष्क आघात के ब

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धरम का .....दिया बुझाके चल दिये

22 फरवरी 2017
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कविवर गोपाल दास ''नीरज''ने कहा है - ''जितनी देखी दुनिया सबकी दुल्हन देखी ताले में कोई कैद पड़ा मस्जिद में ,कोई बंद शिवाले में , किसको अपना हाथ थमा दूं किसको अपना मन दे दूँ , कोई लूटे अंधियारे में ,कोई ठगे उजाले में .'' धर्म के ये ही दो रूप हमें भी दृ

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राष्ट्रगान पर भारी सेल्फी

10 जनवरी 2018
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राष्ट्रगान एक ऐसा गान जो देशभक्ति की भावना हर एक भारतीय में भर देता है .जब भी कहीं राष्ट्रगान की धुन सुनाई देती है हर भारतीय का मस्तक गर्व से तन जाता है और वह अनायास ही सावधान की मुद्रा में खड़ा हो जाता है और तब तक खड़ा रहता है जब तक राष्ट्रगान बजता रहता है .30 नवम्बर 2016 को सुप्रीम कोर

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ईद मुबारक

25 जून 2017
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मुबारकबाद सबको दूँ ,जुदा अंदाज़ हैं मेरे , महक इस मौके में भर दूँ ,जुदा अंदाज़ हैं मेरे , ********************************************* मुब्तला आज हर बंदा ,महफ़िल -ए -रंग ज़माने में , मिलनसारी यहाँ भर दूँ ,जुदा अंदाज़ हैं मेरे , ************************************************************* मुक़द्दस

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विभीषण अब भी हैं

14 जनवरी 2018
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देश में इस वक़्त चारों तरफ एक मुद्दा गर्म है और वह है लोकतंत्र में खतरे का और खतरा कैसा? वैसा ही जैसा हमारे माननीय चार न्याधीशों ने हमें बताया है ,चलिए मान लेते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है और मानना सामान्यतः थोड़े ही है विशेष रूप से क्योंकि संविधान ने हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट को लोकतंत्र

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शाईस्तगी को भूल ये सत्ता मद में चूर हैं

13 दिसम्बर 2016
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तानेज़नी पुरजोर है सियासत की गलियों में यहाँ , ताना -रीरी कर रहे हैं सियासतदां बैठे यहाँ . ................................................इख़्तियार मिला इन्हें राज़ करें मुल्क पर , ये सदन में बैठकर कर रहे सियाहत ही यहाँ . ......................................................तल्खियाँ इनके

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हिन्दू विधवा पुनर्विवाह बाद भी उत्ताधिकारी

21 जनवरी 2018
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एक सामान्य सोच है कि यदि हिन्दू विधवा ने पुनर्विवाह कर लिया है तो वह अपने पूर्व पति की संपत्ति को उत्तराधिकार में प्राप्त नहीं कर सकती है किन्तु हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम कहता है कि यदि विधवा ने पुनर्विवाह कर लिया है तब भी वह उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति से निर

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कभी देती

30 जून 2017
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न रखते हैं दुनिया में कभी जीने की हम चाहत , तभी तो मौत दरवाजे मेरे दस्तक नहीं देती . ..................................................... न खाते पेट भरने को जब खाने हम बैठें, तभी तो रोटी थाली की कभी भी ख़त्म न होती . .......................................................... नहीं हम जागना चाहें जो ज

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कानून है तब भी

27 जनवरी 2018
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लड़की की शादी और उसमे दहेज़ एक बहुत बड़ी समस्या है जिसके निबटारे के लिए देश में बहुत सख्त कानून बना है .जो इस प्रकार है - दहेज निषेध अधिनियम, 1 9 61 में धारा 3 दहेज देने या लेने के लिए दंड-1 (1) ] यदि कोई व्यक्ति, इस अधिनियम के प्रारंभ होने के बाद, दहेज देने या लेने पर ले जाता है या लेता

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दहेज लोभियों को सबक

28 फरवरी 2017
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मंडप भी सजा ,शहनाई बजी ,आई वहां बारात भी ,मेहँदी भी रची ,ढोलक भी बजी ,फिर भी लुट गए अरमान सभी .समधी बात मेरी सुन लो ,अपने कानों को खोल के ,होगी जयमाल ,होंगे फेरे ,जब दोगे तिजोरी खोल के .आंसू भी बहे ,पैर भी पकड़े ,पर दिल पत्थर था समधी का ,पगड़ी भी रख दी पैरों में ,पर दिल न पिघला समधी का .सुन लो समधी

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कांधला-कैराना को बेसहारा छोड़ गए बाबू जी

4 फरवरी 2018
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बाबू हुकुम सिंह ,वह नाम जिससे कैराना को राष्ट्र स्तर पर वह पहचान मिली कि कैराना का निवासी इस पूरे विश्व में मात्र इतना ही कहते पहचाना जाने लगा कि वह कैराना का रहने वाला है .एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व जो बना ही देश के लिए कुछ करने को था ,क्या किया यह इनके क्षेत्र के निव

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''बेटी को इंसाफ -मरने से पहले या मरने के बाद ?

22 जुलाई 2017
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'' वकील साहब '' कुछ करो ,हम तो लुट गए ,पैसे-पैसे को मोहताज़ हो गए ,हमारी बेटी को मारकर वो तो बरी हो गए और हम .....तारीख दर तारीख अदालत के सामने गुहार लगाने के बावजूद कुछ नहीं कर पाए ,क्या वकील साहब अब कहीं इंसाफ नहीं है ? " रोते रोते उसने मेरे सामने अपनी बहन की दहेज़ हत

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वेलेंटाइन मतलब मीडिया का तेजाबी गुलाब

10 फरवरी 2018
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''गूंजे कहीं शंख कहीं पे अजान है , बाइबिल है ,ग्रन्थ साहब है,गीता का ज्ञान है , दुनिया में कहीं और ये मंजर नहीं नसीब , दिखलाओ ज़माने को ये हिंदुस्तान है .'' ऐसे हिंदुस्तान में जहाँ आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्शों की स्थापना और प्रेरणा यहाँ के मीडिया का पुनीत उद्देश्य हुआ करता था .स्वत

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हर्ष फायरिंग की अनुमति है ही क्यों ?

30 अप्रैल 2016
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हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से

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सेना का तमाशा बनाया बाबू मोशा ने

15 फरवरी 2018
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आज के समाचार पत्रों में एक समाचार के शीर्षक ने सर शर्म से झुका दिया ,शीर्षक था -''शहीद का कोई धर्म नहीं होता ,''शीर्षक सही था और लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने बात कही भी सही थी क्योंकि शहीद का केवल एक धर्म होता है ''वतन '' और केवल एक ही मकसद होता है ''वतन के ल

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तुम राम बनके दिल यूँ ही दुखाते रहोगे

31 जुलाई 2017
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अवसर दिया श्रीराम ने पुरुषों को हर कदम , अग्नि-परीक्षा नारी की तुम लेते रहोगे , करती रहेगी सीता सदा मर्यादा का पालन पर ठेकेदार मर्यादा के यहाँ तुम ही रहोगे . .......................................................... इक रात भी नारी अगर घर से रहीबाहर घर से निकाल तुम उसे बाहर ही करोगे , पर लौटके तुम

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मिथ्या वाद भी दंडनीय

20 फरवरी 2018
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आजकल जहाँ एक तरफ न्यायालयों की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए लोगों द्वारा अपना अधिकार छोड़कर न्यायालयीन वादों को समझौतों द्वारा निपटने के प्रयास जारी हैं वहीँ कितने ही मामलों में न्यायालयों में अपनी अनुचित मांगें मनवाने को झूठे वाद दायर करने की भी एक परंपरा स

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मासूम बच्चों से यौन अपराध -जिम्मेदारी आधुनिक नारीकी?

6 मार्च 2017
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''आंधी ने तिनका तिनका नशेमन का कर दिया , पलभर में एक परिंदे की मेहनत बिखर गयी .'' फखरुल आलम का यह शेर उजागर कर गया मेरे मन में उन हालातों को जिनमे गलत कुछ भी हो जिम्मेदार नारी को ठहराया जाता है जिसका सम्पूर्ण जीवन अपने परिवार के लिए त्याग और समर्पण पर आधारित रहता है .

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बेंच से क्या होगा ?

22 फरवरी 2018
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पश्चिमी यू.पी.उत्तर प्रदेश का सबसे समृद्ध क्षेत्र है .चीनी उद्योग ,सूती वस्त्र उद्योग ,वनस्पति घी उद्योग ,चमड़ा उद्योग आदि आदि में अपनी पूरी धाक रखते हुए कृषि क्षेत्र में यह उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वाधिक राजस्व प्रदान करता है .इसके साथ ही अपराध के क्षेत्र में भी य

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राजीव गांधी :अब केवल यादों में -शत शत नमन

20 अगस्त 2017
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एक नमन राजीव जी को आज उनकी जयंती के अवसर पर.राजीव जी बचपन से हमारे प्रिय नेता रहे आज भी याद है कि इंदिरा जी के निधन के समय हम सभी कैसे चाह रहे थे कि राजीव जी आयें और प्रधानमंत

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श्रीदेवी तिरंगे की हक़दार

4 मार्च 2018
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श्रीदेवी एक ऐसी अदाकारा ,जो सभी की चहेती थी ,सभी के दिलों में निवास करती थी ,अचानक इस दुनिया से सब कुछ छोड़ सभी की तरह हमें अकेले छोड़ गयी ,नहीं बर्दाश्त हुआ सभी को उनका जाना ,आज भले ही वे फ़िल्मी दुनिया से दूर थी किन्तु इस दुनिया में हैं ,ये सभी के लिए तसल्ली की बात थी कोई नहीं चाहता था कि वे

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मान गए भाई भाजपाई ही देशभक्त : भाजपाई ही रामभक्त

20 दिसम्बर 2016
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महफ़िल में मुझे गलियां देकर है बहुत खुश , जिस शख्स पर मैंने कई एहसान किये हैं .'' राहत ''इंदौरी '' का यह शेर राहत के दिल को भले ही दुनिया को दिखाने को भले ही स्वान्तः सुखाय रचना के आधार पर राहत दे दे लेकिन ह्रदय की टीस को ,दिल की क

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प्रकृति से पवित्र है नारी

7 मार्च 2018
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राजनीति का सुनहरा आकाश हो या बिजनेस का चमकीला गगन ,अंतरिक्ष का वैज्ञानिक सफर हो या खेत -खलिहान का हरा-भरा आँगन ,हर जगह आज की नारी अपनी चमक बिखेर रही है ,अपनी सफलता का परचम लहरा रही है .आज घर की दहलीज को पार कर बाहर निकल अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाली महिलाओं की संख्या में दिन

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शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

4 सितम्बर 2017
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अर्पण करते स्व-जीवन शिक्षा की अलख जगाने में , रत रहते प्रतिपल-प्रतिदिन शिक्षा की राह बनाने में . .......................................................................................... आओ मिलकर करें स्मरण नमन करें इनको मिलकर , जिनका जीवन हुआ सहायक हमको सफल बनाने में . ...........................

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शामली अधिवक्ता अनैतिक धरना-प्रदर्शन की राह पर

18 मार्च 2018
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शामली के अधिवक्ता अनैतिक धरना-प्रदर्शन की राह पर चल पड़े हैं ,जहाँ कैराना में जिला न्यायाधीश की कोर्ट की स्थापना के लिए हाईकोर्ट व् सरकार के कदम बढ़ते हैं तभी शामली के अधिवक्ता अपना काम-काज ठप्प कर धरना प्रदर्शन करने बैठ जाते हैं , 2011 में प्रदेश सरकार न

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आहा भारतीय अवसरवाद

10 मार्च 2017
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भारतीय परम्पराओं के मानने वाले हैं ,ये सदियों से चली आ रही रूढ़ियों में विश्वास करते हैं और अपने को लाख परेशानी होने के बावजूद उन्हें निभाते हैं ये सब पुराने बातें हैं क्योंकि अब भारतीय तरक्की कर रहे हैं और उस तरक्की का जो असर हमारी परम्पराओं के सुन्दर स्वरुप पर पड़ र

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--------- खाप पंचायतों के फरमान गैरकानूनी'

28 मार्च 2018
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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 'वयस्क जोड़े की शादी के खिलाफ खाप पंचायतों के फरमान गैरकानूनी'नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खाप पंचायत को लेकर बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों को झटका देते हुए कहा कि शादी को लेकर खाप पंचायतों के फरमान गैरकानूनी हैं। अगर दो बालिग अपनी

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लो भई योगी सरकार गई काम से

11 सितम्बर 2017
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हाय रे! योगी सरकार ऐसी गलती कैसे कर गयी, सुबह का अखबार देख केवल मेरा ही नहीं बल्कि सारी महिलाओं का माथा ठनक गया. समाचार कुछ यूँ था- "बसों में मुफत सफर करेंगी 60 साल से ऊपर की महिलायें" समाचार ही ऐसा था कि किसी के भी मुंह से योगी सरकार के लिए आशीर्वाद को हाथ नहीं उठे, वजह कोई जानना कठिन थोड़े

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औरत की तकदीर

1 अप्रैल 2018
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औरत की तकदीर में देखो ,हरदम रोना-धोना है , मिलना उसको नहीं है कुछ भी ,सब कुछ हर पल खोना है , -------------------------------------------------------------------------- तड़प रहेगी उसके दिल में ,जग में कुछ कर जाने की , नहीं पायेगी वो कुछ भी कर ,बोझ जनम का ढोना है , --------------------------------

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जशोदा बेन भी किसी की बेटी है मोदी जी

12 अक्टूबर 2016
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लखनऊ में मोदी का संदेश - आतंक की मदद करने और पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. और एक बार पहले भी बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर मोदी जी ने कहा था - कि अत्याचार की कोई भी घटना समाज पर कलंक है. सवाल ये है कि क्या ये बातें मात्र

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सरकार फिर सफल ?

6 अप्रैल 2018
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सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अपने फैसले में एस-सी -एस -टी एक्ट के तहत तुरंत गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी और साथ ही सुभाष महाजन के इस केस में अग्रिम जमानत दिए जाने के निर्देश भी दिए ,इसी फैसले के मद्देनज़र दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को व

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हम मजबूरों की एक और मजबूरी -बाल मजदूरी

17 सितम्बर 2017
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बचपन आज देखो किस कदर है खो रहा खुद को , उठे न बोझ खुद का भी उठाये रोड़ी ,सीमेंट को .” ........................................................................ ”लोहा ,प्लास्टिक ,रद्दी आकर बेच लो हमको , हमारे देश के सपने कबाड़ी कहते हैं खुद को .” .........................................................

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जज नियुक्ति -सरकार का दखल बंद हो

5 मई 2018
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जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार व् सुप्रीम कोर्ट में विवाद फिर से गहरा गया है ,जहाँ सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जजों के नाम की सिफारिश नियुक्ति हेतु कर पहली पसंद जाहिर करता है वहीँ दूसरी व् अंतिम पसंद केंद्र सरकार की होती है जिसके चलते कोलेजियम द्वारा की गयी छंटनी और संक्षिप्त

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लिव इन _भारतीय संस्कृति पर चोट

14 मार्च 2017
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प्रसिद्द समाजशास्त्री आर.एन.सक्सेना कहते हैं कि-''ज्यों ज्यों एक समाज परंपरा से आधुनिकता की ओर बढ़ता है उसमे शहरीकरण ,औद्योगीकरण ,धर्म निरपेक्ष मूल्य ,जनकल्याण की भावना और जटिलता बढ़ती जाती है ,त्यों त्यों उसमे कानूनों और सामाजिक विधानों का महत्व भी बढ़ता जाता है .'' सक्सेना जी के विचार और मूल्यां

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क्या लड़कियां सम्पत्ति होती हैं?

10 अगस्त 2019
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मोदी और शाह की जोड़ी द्वारा जब से कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 A हटाया गया है सारे देश में एक चर्चा गर्म है - "कश्मीरी लड़कियों से शादी करने की" और न केवल आम जनता बल्कि सत्तारुढ़ पार्टी के जिम्मेदार नेता भी इस हवन में अपनी आहुति दे रहे हैं. भाजपा के उत्तर प्रदेश के खतौली क्षेत्र के विधायक विक्रम स

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न भाई ! शादी न लड्डू

24 सितम्बर 2017
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''शादी करके फंस गया यार , अच्छा खासा था कुंवारा .'' भले ही इस गाने को सुनकर हंसी आये किन्तु ये पंक्तियाँ आदमी की उस व्यथा का चित्रण करने को पर्याप्त हैं जो उसे शादी के बाद मिलती है .आज तक सभी शादी के बाद नारी के ही दुखों का रोना रोते आये हैं किन्तु क्या कभी गौर किया उस विपदा का जो आदमी के गले

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इंडिया वर्सेस एडवेंचर्स मोदी

12 अगस्त 2019
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नई दिल्ली: डिस्कवरी चैनल के एडवेंचर शो 'मैन वर्सेज वाइल्ड (Man VS Wild)' के स्पेशल एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), बेयर ग्रिल्स (Bear Grylls) के साथ जंगल में खतरों से खेलते नजर आएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी और बेयर ग्रिल्स (Bear Grylls) का ये स्पेशल एपिसोड उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट न

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सोनिया-मुलायम :राजनीति के आदर्श

29 दिसम्बर 2016
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''जो भरा नहीं है भावों से , बहती जिसमे रसधार नहीं . वह ह्रदय नहीं है पत्थर है , जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं .'' बचपन से राष्ट्रप्रेम की ये पंक्तियाँ पढ़ते हुए ह्रदय में राष्ट्र भावना सर्वोपरि रही किन्तु आज के दो समाचार इस भावना में थोड़ा सा हेर-फेर कर गए और व

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डॉ शंकर दयाल शर्मा - सदैव श्रद्धेय व्यक्तित्व

18 अगस्त 2019
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विकिपीडिया से साभार आज जन्मदिन है देश के नौवें राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल शर्मा जी का और वे सदैव मेरे लिए श्रद्धा के पात्र रहेंगे क्योंकि उनके बारे में जो सबसे महत्वपूर्ण है वह ये कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि देश के प्रथम नागरिक के पद से जब उनकी सेवानिवृति का अवसर आ

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उत्तर प्रदेश तहसील दिवस :एक धोखा

1 अक्टूबर 2017
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हर महीने के पहले और तीसरे मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हर जिले में हर तहसील पर तहसील दिवस आयोजित किया जाता है .जिसमे कभी जिला मजिस्ट्रेट तो कभी उप-जिला मजिस्ट्रेट उपस्थित हो लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उनकी समस्याओं को देखते हुए तहसील स्तर के विभागों से जिन कर्

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आश्चर्यजनक है वकीलों की चुप्पी

22 अगस्त 2019
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आईएनएक्स मीडिया केस में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के करीब 30 घंटे बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बुधवार रात 10.25बजे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले याचिका खारिज होनेके बाद चिदंबरम पहले कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंचिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मामले में उनके खि

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क्या नारीशक्ति यथार्थ है

19 मार्च 2017
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नारी सशक्त हो रही है .इंटर में लड़कियां आगे ,हाईस्कूल में लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ा ,आसमान छूती लड़कियां ,झंडे गाडती लड़कियां जैसी अनेक युक्तियाँ ,उपाधियाँ रोज़ हमें सुनने को मिलती हैं .किन्तु क्या इन पर वास्तव में खुश हुआ जा सकता है ?क्या इसे सशक्तिकरण कहा जा सकता है ? नहीं .....................

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झूठ के सिवा आता ही क्या है तुम्हें

29 अगस्त 2019
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जम्मू-कश्मीर / महाराजा हरि सिंह के भारत में विलय के प्रस्ताव को ठुकराकर नेहरू ने विश्वासघात किया: संघ नेता ये हैं आज के स्वामी विवेकानंद जी के अनुयायी, जो आज की अपनी भाषण बाजियों द्वारा उनके आदर्शों का इतना उच्च स्थान सृजित कर रहे हैं कि आँखे शर्म से झुकी जाती हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक स

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को एक देशभक्त महिला अधिवक्ता का खुला पत्र

3 अक्टूबर 2017
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बहुत सह लिया ,सुन लिया ,सारी परिस्थितियां अपने क्षेत्र के पक्ष में होते हुए मात्र राजनीतिक स्थिति खिलाफ होते हुए कम से कम मेरा मन सब कुछ गंवाने को गंवारा न हुआ क्योंकि न केवल इसमें मात्र मेरे क्षेत्र के आर्थिक हितों की हानि है बल्कि इसमें जनता के न्यायिक हित भी छिन रहे है

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अर्पण करते स्व जीवन - शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

5 सितम्बर 2019
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अर्पण करते स्व-जीवन शिक्षा की अलख जगाने में ,रत रहते प्रतिपल-प्रतिदिन शिक्षा की राह बनाने में ...........................................................................................आओ मिलकर करें स्मरण नमन करें इनको मिलकर ,जिनका जीवन हुआ सहायक हमको सफल बनाने में .................................

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भारत में असहिष्णुता है .

11 दिसम्बर 2015
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संविधान दिवस और धर्मनिरपेक्षता और असहिष्णुता पर संग्राम ये है आज की राजनीति का परिपक्व स्वरुप जो हर मौके को अपने लिए लाभ के सौदे में तब्दील कर लेता है .माननीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस मौके पर संविधान निर्माता के मन की बात बताते हैं वैसे भी इस सरकार के मुखिया ही जब मन की बात करते फिरते हैं तब तो इसके

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नारी नहीं है बेचारी

29 सितम्बर 2019
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दुष्कर्म आज ही नहीं सदियों से नारी जीवन के लिए त्रासदी रहा है .कभी इक्का-दुक्का ही सुनाई पड़ने वाली ये घटनाएँ आज सूचना-संचार क्रांति के कारण एक सुनामी की तरह नज़र आ रही हैं और नारी जीवन पर बरपाये कहर का वास्तविक परिदृश्य दिखा रही हैं .भारतीय दंड सहिंता में दुष्कर्म ये ह

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अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन -राजस्थान --हिंदी साहित्य को बंधन मुक्त करें

6 अक्टूबर 2017
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देश में १ अक्टूबर से १२ अक्टूबर तक राजस्थान में १५ वां अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन चल रहा है . लेखन कार्य में लगी हूँ तो ऐसे सम्मलेन का कौन लेखक होगा जो हिस्सा नहीं

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दो अक्टूबर विशेष

1 अक्टूबर 2019
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एक की लाठी सत्य अहिंसा एक मूर्ति सादगी की,दोनों ने ही अलख जगाई देश की खातिर मरने की ...........................................................................जेल में जाते बापू बढ़कर सहते मार अहिंसा में ,आखिर में आवाज़ बुलंद की कुछ करने या मरने की ........................

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धारा 375 -भारतीय दंड संहिता

28 मार्च 2017
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भारतीय दंड संहिता १८६० का अध्याय १६ का उप-अध्याय ''यौन अपराध ''से सम्बंधित है जिसमे धारा ३७५ कहती है-[I.P.C.]Central Government ActSection 375 in The Indian Penal Code, 1860375. Rape.-- A man is said to commit" rape" who, except i

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देह तक सिमटती आधुनिक नारी की सोच

13 अक्टूबर 2019
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सर्दियों का मौसम लगभग आरंभ हो गया है. सुबह और शाम को हल्की हल्की ठंड महसूस होने लगी है. रात को सोते समय पंखों का बंद होना भी शुरू हो गया है. सुबह के समय खेतों पर जाते हुए लोग गरम चादर ओढ़कर जाते हुए दिखने लगे हैं. मौसम परिवर्तन लोगों की वेषभूषा में बदलाव तो लाता ही है किन्तु जितना अधिक बदलाव पुरुषों

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गौतम से पहले मुनेश को सलाम

8 अक्टूबर 2017
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''दरों दीवार पे हसरत से नज़र रखते हैं , खुश रहो अहले वतन हम तो सफर करते हैं .'' कह एलम का नौजवान गौतम पंवार भी अपने देश पर शहीद हो गया और नाम रोशन कर गया न केवल अपने छोटे से कसबे एलम का बल्कि पूरे प्रदेश का जहाँ से कोई भी अब ये नहीं कह सकता कि यहाँ की मिटटी में

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मैं किसी से कम थोड़े ही हूँ.

18 अक्टूबर 2019
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दिखावा और औरतें आज के समय में एक दूसरे के पर्याय बने हुए हैं. थे तो पहले से ही, पर आज कुछ ज्यादा ही हो गए हैं और ऐसा नहीं है कि ऐसा मैं किसी व्यक्तिगत चिढ़ की वजह से कह रही हूँ बल्कि मैंने आज की औरतों को देखा है और महसूस किया है कि महज दिखावे के लिए ये अपनी सारी जिंदगी तबाह कर लेती हैं. अभी कल ही कर

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अरूणाचल प्रदेश : सी एम हाउस का वास्तु सुधारें

4 जनवरी 2017
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अरुणाचल प्रदेश में सी.एम्.हाउस में तीन सी.एम्. की मौत के बाद वहां की सरकार भी भूत-प्रेत में विश्वास करने लगी और बंगले को पूजा पाठ के बाद गेस्ट हाउस में तब्दील करने की योजना पर काम करने में जुट गयी .इसे कहते हैं समस्या के सही निदान की न सोचकर इधर-उधर हाथ पैर मारना, हमें स्वयं विचार करना चाहिए कि

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शामली में गैस रिसाव से ३०० बच्चे बीमार और चेतन भगत

10 अक्टूबर 2017
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दिल्ली -एनसीआर में ३१ अक्टूबर तक सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई ही थी कि लेखक चेतन भगत उसकी भर्तसना भी करने लग गए यह कहते हुए कि ,''यह हमारी परंपरा का हिस्सा है बिना पटाखों के बच्चों की कैसी दिवाली ? उनकी इस ट्वीट की देखा देखी ठाकरे भी बोले तो क्या व्

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भारत में असहिष्णुता है .

11 दिसम्बर 2015
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संविधान दिवस और धर्मनिरपेक्षता और असहिष्णुता पर संग्राम ये है आज की राजनीति का परिपक्व स्वरुप जो हर मौके को अपने लिए लाभ के सौदे में तब्दील कर लेता है .माननीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस मौके पर संविधान निर्माता के मन की बात बताते हैं वैसे भी इस सरकार के मुखिया ही जब मन की बात करते फिरते हैं तब तो इसके

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मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब

13 फरवरी 2016
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मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब                                १४ फरवरी अधिकांशतया वसंत ऋतू के  आरम्भ का समय है .वसंत वह ऋतू जब प्रकृति  नव स्वरुप ग्रहण करती है ,पेड़ पौधों पर नव कोपल विकसित होती हैं ,विद्या की देवी माँ सरस्वती का जन्मदिन भी धरती वासी वसंत पंचमी को ही मनाते हैं .इ

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कैराना : राजनीति पलायन की

22 सितम्बर 2016
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कैराना उत्तर प्रदेश की यूं तो मात्र एक तहसील है किन्तु वर्तमान विधान सभा चुनाव के मद्देनजर वोटों की राजधानी बना हुआ है. इसमे पलायन का मुद्दा उठाया गया है और निरन्तर उछाल दे देकर इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देकर वोट बैंक में तब्दील किया जा रहा है जबकि अगर हम मुद्दे की गहराई में जाते हैं तो पलायन की

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”ये भी मुमकिन है वक़्त ले करवट …..”

2 दिसम्बर 2016
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''बस तबाही के ही आसार नज़र आते हैं , लोग जालिम के ही तरफदार नज़र आते हैं , ज़ुल्म भी हम पे ही होता है ज़माने में सदा और फिर हम ही गुनाहगार नज़र आते हैं .'' डॉ. तनवीर गौहर की ये पंक्तियाँ आज अगर हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा की गयी

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औरत गुलाम है

30 जनवरी 2017
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 अभी अभी एक नए जोड़े को देखा पति चैन से जा रहा था और पत्नी घूंघट में ,भले ही दिखाई दे या न दे किन्तु उसे अब ऐसे ही चलने का अभ्यास करना होगा आखिर करे भी क्यूँ न अब वह विवाहित जो है जो कि एक सामान्य धारणा के अनुसार यह है कि अब वह धरती पर बोझ नहीं है ऐसा हमारे एक परिचित हैं उनका कहना है कि ''जब तक लड़

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....मरे जो शादियां करके .

21 मई 2017
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दर्द गृहस्थी का ,बह रहा आँखों से छलके , ये उसके पल्लू बाँधा है ,उसी के अपनों ने बढ़के . ................................................................पिता के आदेशों को मान ,चली थी संग जिसके वो. उसी ने सड़कों पर डाला ,उसे बच्चे पैदा करके. ..................................

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देख के जाना जेवर लेने

6 दिसम्बर 2017
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आपने अक्सर देखा होगा कि आपके आस-पास के किसी सर्राफ को बाहर प्रदेश से आयी हुई पुलिस पकड़कर ले जा रही है .सर्राफों के बारे में यूँ तो सभी जानते हैं कि ये जबान के बहुत मीठे होते हैं और जब भी बोलते हैं शहद से भरे शब्द ही बोलते हैं किन्तु ये मिठास अपने में अपरध का जहर भी

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