शालिनी कौशिक एडवोकेट
कहते हैं ये जीवन अनेकों रंगों से भरा है संसार में सभी की इच्छा होती है इन रंगों को अपने में समेट लेने की मेरी भी रही और मैंने बचपन से आज तक अपने जीवन में अनेकों रंगों का आवागमन देखा और उन्हें महसूस भी किया .सुख दुःख से भरे ये रंग मेरे जीवन में हमेशा ही बहुत महत्वपूर्ण रहे .एक अधिवक्ता बनी और केवल इसलिए कि अन्याय का सामना करूँ और दूसरों की भी मदद करूँ .आज समाज में एक बहस छिड़ी है नारी सशक्तिकरण की और मैं एक नारी हूँ और जानती हूँ कि नारी ने बहुत कुछ सहा है और वो सह भी सकती है क्योंकि उसे भगवान ने बनाया ही सहनशीलता की मूर्ति है किन्तु ऐसा नहीं है कि केवल नारी ही सहनशील होती है मैं जानती हूँ कि बहुत से पुरुष भी सहनशील होते हैं और वे भी बहुत से नारी अत्याचार सहते हैं इसलिए मैं न नारीवादी हूँ और न पुरुषवादी क्योंकि मैंने देखा है कि जहाँ जिसका दांव लग जाता है वह दूसरे को दबा डालता है.
AdvocateShalini2
शालिनी कौशिक एडवोकेट को लेखन से आत्मसंतुष्टि मिलती है और ये पेज इस भाव को ही अभिव्यक्त करता है.
AdvocateShalini2
शालिनी कौशिक एडवोकेट को लेखन से आत्मसंतुष्टि मिलती है और ये पेज इस भाव को ही अभिव्यक्त करता है.
shalinikaushik2
नित नयी घटनाएँ मन को झकझोरती हैं और मानव प्रकृति कुछ न कुछ अभिव्यक्त करने को प्रेरित करती है बस इसी में दिखता है ''कौशल '' घटनाओं पर विरोध जताने की भावना में और मन में निरंतर उठती भावनाओं को अभिव्यक्त करने में .
shalinikaushik2
नित नयी घटनाएँ मन को झकझोरती हैं और मानव प्रकृति कुछ न कुछ अभिव्यक्त करने को प्रेरित करती है बस इसी में दिखता है ''कौशल '' घटनाओं पर विरोध जताने की भावना में और मन में निरंतर उठती भावनाओं को अभिव्यक्त करने में .