कल कई प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल्स पर काव्य कॉमिक "मतलबी मेला" प्रकाशित हुई। बम ब्लास्ट त्रासदी को एक बच्ची की आँखों से देखने की कोशिश..... साथी चित्रकार अनुज कुमार जी ने जब यह कॉमिक बनायीं थी तब वो नए थे और इसपर कलर होने में इतना समय लगा अब उनकी कला में बहुत सुधार आया है। यह काव्य- कहानी भी 10 साल पुरानी थी तो मन की तसल्ली के लिए साथ में एक नई रचना जोड़ दी। आशा है आप लोगो को मतलबी मेला पसंद आएगी।