प्रोजीट के राष्ट्र प्रमुख फिलांद्रे के सुरक्षा सलाहकार रॉनी अपने सुरक्षाकर्मियों से तेज़ दौड़ते हुए राष्ट्र प्रमुख के पास पहुंचे, जो पहले ही इमरजेंसी मीटिंग में थे।
रॉनी - “चीफ! हमें उन जंगलों में बचावकर्मी भेजने होंगे।”
फिलांद्रे - “तुम जानते हो रॉनी इस तूफ़ान से हुई न्यूक्लियर संयंत्र दुर्घटना के बाद उस जंगल का 60-70 किलोमीटर का क्षेत्र विकिरण के प्रभाव में आ गया है। वहाँ 7-8 कबीलों को बचाने में करोडो डॉलर्स का खर्च होगा, इस से बेहतर तो यह होगा कि हमें उस क्षेत्र को सील कर क्वारंटाइन घोषित कर दें।”
रॉनी - “…लेकिन चीफ मुझे यह खबर मिली है कि न्यूक्लियर एक्सीडेंट के समय आपके छोटे भाई और बहन जंगल सफारी पर थे। वहाँ पोस्टेड लोगो ने बताया कि तूफ़ान के बाद उनका दल भटक गया, दल द्वारा मदद के लिए एक मैसेज भेजा गया था पर वो लोग लोकेट नहीं हो सके…हो सकता है वो दोनों और उनकी टीम अब किसी कबीले के साथ भटक रही हो। ये कबीले संयंत्र से दूर जंगल के अन्य छोर के पास हैं तो अभी भी उम्मीद है कि उन तक जानलेवा विकिरण का प्रभाव कम हुआ हो।”
करोडो की ऐसी-तैसी कर फिलांद्रे ने पूरी फ़ौज लगा दी और एक-एक कर सारे कबीले बचा लिए, कबीलों के लोगों पर विकिरण का गंभीर असर नहीं हुआ था। फिलांद्रे चिंतित था कि किसी कबीले के पास उसके भाई, बहन की खबर नहीं थी। बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे रॉनी का भी आखरी कबीले के बचाव के बाद से कोई अता-पता नहीं था। फिर फिलांद्रे को रॉनी का एक पत्र मिला जिसमे उसके भाई-बहन की टीम का पता था। रॉनी ने उन्हें टीम सहित किडनैप करवाया था ताकि उनकी आड़ में वो सभी कबीलों को बचा सके। देश का सुरक्षा सलाहकार होने के कारण उसके काम और राष्ट्र प्रमुख को दी गयी जानकारी पर किसी ने शक नहीं जताया। अब रॉनी किसी अंजान देश फरार हो चुका था।
मुस्कुराते हुए फिलांद्रे ने सभी कबीलों के इलाज और अन्य जंगली क्षेत्र में उनके पुनर्वास का आदेश दिया।
समाप्त!
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मोहित शर्मा ज़हन