ये तो सभी जानते हैं कि यदि पति या पिता अपनी पत्नी या सन्तान का भरण पोषण नहीं करते तो वे गुजारा भत्ता मांग सकते हैं किन्तु ये कुछ ही लोग जानते होंगे कि पति भी गुजारा भत्ता मांग सकता है और हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 25 ऐसी ही व्यवस्था करती है.
बरेली का एक मामला ऐसी ही जानकारी हमें दे रहा है. बेरोजगार पति ने सरकारी सेवारत अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता हासिल करने के लिए अदालत में अर्जी दी है। इस अर्जी में उसने कहा है कि वह खुद भी पढ़ा लिखा बेरोजगार है, फिर भी उसने अपनी पत्नी की सरकारी नौकरी लगवाने के लिए पांच लाख रुपये खर्च किए थे। मगर नौकरी लगने के बाद जब अच्छी-खासी तन्ख्वाह उसकी पत्नी के हाथ आने लगी तो उसके तेवर बदल गए। कुछ ही समय बाद सारा जेवर लेकर उसने उसका घर छोड़ दिया। उसने अदालत से फरियाद की है कि उसकी बेरोजगारी का ख्याल रखते हुए उसे उसकी पत्नी से गुजारा भत्ता दिलाया जाए।
बिशारतगंज के गांव बलेई भगवंतपुर में रहने वाले 25 वर्षीय योगेश कुमार ने अपने वकील के जरिये सोमवार को अदालत में अर्जी दाखिल की। इसमें योगेश ने कहा है कि उसकी शादी तीन जून, 2015 को से हुई थी। शादी के बाद उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी तुनकमिजाज है। कुछ दिन बाद ही वह छोटी-छोटी बातों पर नाराज होकर अपने मायके जाने लगी। हालांकि फिर भी वह उसके साथ निबाह करते रहे। इसी दौरान उनके ससुर यशवीर सिंह ने उससे कहा कि अगर वह पांच लाख रुपये खर्च करें तो वह उनकी पत्नी की सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं। उन्होंने रिश्तेदारों से उधार लेकर यह रकम ससुर को दे दी। 31 मई 2016 को उनकी पत्नी को वन विभाग में नौकरी मिल गई और अब वह डीएफओ बरेली के कार्यालय में तैनात है।
योगेश का कहना है कि सरकारी नौकरी लगते ही उनकी पत्नी का उसके साथ रहा-सहा लगाव भी खत्म हो गया। एक दिन उनकी गैरमौजूदगी में उसने उनके घर आकर तीन लाख के जेवर और पांच हजार का कैश निकाला और वापस चली गई। काफी समझाने के बाद भी फिर उनके घर नहीं लौटी। वह कई बार उसे बुलाने गया लेकिन उसने उनके साथ रहने से इनकार कर दिया। उन्होंने अदालत में मुकदमा भी दायर किया मगर फिर भी वह उनके साथ रहने को तैयार नहीं हुई। योगेश ने कहा कि उनकी पत्नी सरकारी नौकर है। उसे 28 हजार रुपये वेतन मिल रहा है जबकि वह बेरोजगार हैं। आय का कोई जरिया भी नहीं है लिहाजा उनकी पत्नी पर उनका 14 हजार रुपये महीने के गुजारा भत्ते का दावा बनता है जो वह आसानी से उन्हें दे सकती है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख तय की है।
पति भी मांग सकता है गुजारा भत्ता
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 25 के मुताबिक कोई भी पक्षकार, वह चाहे पति हो या पत्नी, एक-दूसरे से गुजारा भत्ता की मांग कर सकते हैं। अदालत इस मामले में अपने क्षेत्राधिकार का प्रयोग करके ऐसा आदेश भी कर सकती है। इस मामले में आर्थिक स्थिति के अलावा पक्षकारों का रवैया भी अहमियत रखता है। हालात बदलने पर आदेश में परिवर्तन भी किया जा सकता है।
इसलिए कानून तो योगेश के पक्ष में है बाकी गुजारा भत्ता पत्नी को उसे देना चाहिए या नहीं यह कोर्ट द्वारा वास्तविक स्थिति देखकर ही निश्चित किया जाएगा.
शालिनी कौशिक एडवोकेट
(कानूनी ज्ञान)