संविधान का अनुच्छेद 21 भारतीय नागरिकों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान करता है और इसके अंतर्गत किसी व्यक्ति को, उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं।
और यह अधिकार एक सामान्य नागरिक को मिला है या नहीं इसकी बात करना तो दूर की बात है जब यह अधिकार देश की प्रमुख पार्टी काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में सांसद राहुल गांधी जी तक को नहीं मिला है और इसका सबूत यह है -
नई दिल्ली: बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बार-बार विदेश यात्राओं की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है. पार्टी के प्रवक्ता जीएवएल नरसिम्हा राव (G. V. L. Narasimha Rao) ने कहा है कि राहुल गांधी को संसद में इसकी जानकारी देनी चाहिए. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा क्या महान रहस्य है कि राहुल गांधी लोकसभा सचिववालय को इसकी जानकारी नहीं दे सकते हैं. क्या वह विदेश में 'लग्जीरियस ट्रिप' (सैर-सपाटे) के लिए जाते हैं. राव ने पूछा, जनता का प्रतिनिधि और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के नाते उनसे उम्मीद की जाती है कि वह इन यात्राओं की डिटेल दें बजाए इसके कि उन पर रहस्य का पर्दा डाले रहे हैं. नरसिम्हा राव ने इस बात की भी जानकारी दी कि राहुल गांधी पिछले 5 साल में 16 बार विदेश यात्राओं पर गए हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की इन विदेश यात्राओं का क्या रहस्य है? क्या वह किसी गुप्त मिशन में शामिल हैं जिसे देश और उनकी खुद की पार्टी को जानना चाहिए? इन 16 विदेश यात्राओं में 9 के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
पहली बात तो यह कि जी वी एल नरसिम्हा राव जी चाहते हैं कि राहुल अपनी विदेश यात्राओं का ब्यौरा सार्वजनिक करें और ऐसा न होने पर वे अपनी पार्टी भाजपा की रणनीति के तहत उन्हें देशद्रोही करार दिए जाने की कोशिश करते हैं और इसी कोशिश के क्रम में वे उनकी विदेश यात्राओं को सीक्रेट मिशन का दर्जा देते हैं, जबकि किसी भी कानून में यह नहीं कहा गया है कि देश के राजनेता इस तरह व्यक्तिगत यात्रा का ब्यौरा सार्वजनिक करें, किन्तु समझ में नहीं आता कि राहुल गांधी क्यूँ अपने खिलाफ इस तरह बकवास करने वालों को देश के कानून के अनुसार नहीं घेरते.
भारतीय दंड संहिता की धारा 499 कहती है कि -
" जो कोई बोले गए या पढे जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्य रूपणों द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में कोई लांछन इस आशय से लगाता या प्रकाशित करता है कि ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि की जाए या यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए लगाता या प्रकाशित करता है कि ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि होगी, एतसिमन पश्चात अपवादित दशाओं के सिवाय उसके बारे में कहा जाता है कि वह उस व्यक्ति की मानहानि करता है. "
और इसके अनुसार नरसिम्हा खुले तौर पर राहुल गांधी की मानहानि कर रहे हैं और पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय भोली जनता के मन में राहुल गांधी के प्रति संदेह उत्पन्न किया जाए और उनकी लोकप्रियता की अपहानि की जाए, ऐसे में राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि वे देश के कानून को महत्व देते हुए गलत लोगों के कुत्सित इरादों को चोट पहुंचाने के लिए आगे आएं और बेवजह उन्हें कानूनी मामलों में घसीट कोर्ट में खड़े करने वालों को और गलत बयानबाजी करने वालों को देश और देशवासियों का हित देखते हुए मानहानि के लिए कोर्ट में पेश कर अन्याय का मुँहतोड़ जवाब दें. साथ ही दिखा दें कि जीवन को गरिमा से जीने का अधिकार एक आम भारतीय की तरह वे भी रखते हैं और जब तक वे किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं तब तक भारतीय जनता के बीच उन्हें गलत साबित करने की कोई भी भाजपाई कूटनीति सफल नहीं होने दूँगा.
शालिनी कौशिक एडवोकेट
(कानूनी ज्ञान)