कई बार जीतने के लिए किसी योग्यता से ज़्यादा आयोजन की जगह पर आपका होना अहम होता है। अनगिनत औसत लोग जाने क्या-क्या उपलब्धियां गिनाते फ़िरते हैं। असलियत उनको भी पता है और उनके आस-पास के लोगों को भी... बस
Can you recall your earliest writing endeavor? Absolutely! My inaugural venture into storytelling was with a patriotic poem-story titled "Ye Desh hai Un Verro ka," inspired by the Kargil War circ
बीते दो वर्षों में ऑडियो शोज़ के लिए एक टीम सदस्य के तौर पर साझा किए कुछ अवार्ड्स।
यूँ ही बचपन की कुछ धुन, गाने, बातें याद आ गई और कुछ सेकण्ड्स के लिए गुनगुना लिया. शायद आप लोगो की कुछ यादें ताज़ा हो जाएँ....1) - 90s Doodh Advertisement Jingle (32 Seconds)2) - Bollywood Music Just Kidding (54 Seconds) 3) - Dimaag ki Faltu Lyrics (40 Seconds)
Intro Poem Kadr Kavya Comicबेटा जब बड़े हो जाओगे….बेटा जब बड़े हो जाओगे ना……और कभी अपना प्रयास निरर्थक लगें, तो मुरझाये पत्तो की रेखाओं से चटख रंग का महत्त्व मांग लेना। जब जीवन कुछ सरल लगे,तो बरसात की तैयारी में मगन कीड़ो से चिंता जान लेना।बेटा जब बड़े हो जाओगे ना……और कभी दुख का पहाड़ टूट पड़े,तो कड़ी धूप
अपना उधार ले जाना!तेरी औकात पूछने वालो का जहां, सीरत पर ज़ीनत रखने वाले रहते जहाँ, अव्वल खूबसूरत होना तेरा गुनाह, उसपर पंखो को फड़फड़ाना क्यों चुना?अबकी आकर अपना उधार ले जाना!पत्थर को पिघलाती ज़ख्मी आहें,आँचल में बच्चो को सहलाती बाहें,तेरे दामन के दाग का हिसाब माँगती वो चलती-फिरती लाशें। किस हक़ से देखा
कॉमिक्स पत्रिका अनिक प्लैनेट के पहले अंक की कवर स्टोरी लिखी, साथ ही पत्रिका टीम(कॉमिक्स आवर पेशन) ने मेरे 2 आगामी कॉमिक प्रोजेक्ट्स (कद्र और इंसानी परी) के विज्ञापन पत्रिका में शामिल किये.
पणजी स्थित निजी पर्यटन कंपनी में सेल्स मैनेजर आनंद कुमार एक अरसे बाद कुछ दिनों की छुट्टियों पर अपने घर अलीगढ आया था। पहले कभी कॉलेज हॉस्टल से छुट्टियों में घर लौटकर जो हफ़्तों की बेफिक्री रहती थी वो इस अवकाश में नहीं थी। रास्ते में ही आनंद को काम में कुछ अधूरे प्रोजेक्ट्स की बेचैनी सता रही थी। माँ, प
Art - Thomas Lepineकिसी रचनात्मक क्षेत्र में किये गए स्वतंत्र काम को इंडी (Indie/Indy) यानी इंडिपेंडेंट रचना कहा जाता है। इंडी काम कई प्रकार और स्तर का हो सकता है, कभी न्यूनतम या बिना किसी निवेश के बनी रचना केवल कला के बल पर अनेक लोगो तक पहुंच सकती है और धन अर्जित कर सकती है, तो कभी कलाकार का काफी प
CulPop intro - "3 रन का सौदा - भारतीय क्रिकेट में राजनीति और पैसे के खेल से बर्बाद हुए अनेक कैरियर्स की दास्ताँ। सुनहरी दुनिया की रौनक के पीछे के मटमैले धब्बो को दर्शाती अमित अल्बर्ट की कला और मोहित शर्मा की लेखनी से सुसज्जित एक यादगार कॉमिक।"
कलाकार ज्योति सिंह से कुछ विचार साझा किये, जिनके अनुसार उन्होंने यह सुंदर वाटरकलर पेंटिंग बनाई. इस पेंटिंग को अपनी आगामी कॉमिक पेरीफेरल एंजल में काव्य रचना के साथ जगह दूँगा .
एक महत्वपूर्ण संदेश देती यह ऑडियो कहानी.*) – Youtube: http://goo.gl/AeI1Bv*) – SoundCloud: http://goo.gl/klCe7H *) – Vimeo: http://goo.gl/uaQ4IhDuration – 5 Minutes 28 Seconds
नमस्ते! मेरा कथा संग्रह ज़हनजोरी प्रकाशित होने वाला है .आशा है भगवान और आप सबके सहयोग, आशीर्वाद से आगे भी ऐसे ही लिखता रहूँ...
बिल्लो के घर के बाहर उसके साथी किन्नरों का समूह जमा था। बिल्लो के बाहर निकलते ही सबने उसे घेर लिया, भावुक सरोज दल का नेतृत्व कर रहा था।सरोज - “तू रूमी को क्यों पढ़ा रही है? तुझे उसकी माँ बनने का शौक चढ़ा है?”बिल्लो - “रूमी बहुत होशियार है। ग्रैजुएशन कर लिया है, अभी पुलिस अफसर का एग्जाम निकाल देगी देखन
गिरधारी बाबा ऊपरी संकट, भूत-प्रेत-चुड़ैल भगाने में पारंगत थे। एक सुनसान रात बाबा भारी ज्वर से पीड़ित अपने आश्रम के बाहर पड़े होते हैं और कई भूत, चुड़ैल और प्रेत उन्हें घेर लेते हैं। बुखार मे तप रहे बाबा कराहते हुए कहते हैं - “चीटिंग! अब इस हालत में बदला लोगे तुम लोग?”भूत दल के मुखिया - “ओहोहोहो…देखो बहु
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत हितेश कंपनी की तरफ से मिले टूर पर अपने माता-पिता को यूरोप के कुछ देश घुमाने लाया था। टूर के दूसरे दिन उसके अभिभावक सूरज कुमार और वीणा गहन विषय पर चिंतन कर रहे थे। सूरज कुमार - “टूर तो कंपनी का है पर फिर भी यहाँ घूमने-फिरने में काफी खर्चा हो जाएगा।”वीणा -
दिनेश ऑफिस से थका हारा घर पहुंचा। उसकी पत्नी रूपाली जो 1 महीने बाद अपने मायके से लौटी थी, उसके पास आकर बैठी। दोनों बीते महीने की बातें करने लगे। फिर दिनेश ने महीने की बातों के अंत के लिए एक किस्सा बचा कर रखा था। “परसो एक आदमी फ़ोन पर बात कर रहा था। जल्दबाज़ी में ऑफिस के बाहर बैग छोड़ गया, मैंने फिर वाप
एक छोटे कस्बे की आबाद कॉलोनी में औरतों की मंडली बातों में मग्न थी। “बताओ आंगनबाड़ी की दीदी जी, बच्चों के स्कूल की टीचर लोग हम बाइस-पच्चीस साल वाली औरतों को समझाती फिरती हैं कि आज के समय में एक-दो बच्चे बहुत हैं और यहाँ 48 साल की मुनिया काकी पेट फुलाए घूम रहीं हैं। घोर कलियुग है!”“मैं तो सुने रही के 4
उफनते समुद्र से फामित देश के राष्ट्रपति और उनके परिवार को नौका में बचा कर लाते लाओस कोस्ट गार्ड (तटरक्षक) प्रमुख को उनकी टीम के सदस्य घृणा भाव से देख रहे थे। अब तक जिस व्यक्ति को उन्होंने अपना आदर्श माना, आज उसपर से उनका भरोसा उठ गया था। कुछ देर पहले प्रमुख को 2 आपातकाल संदेश आए थे और सीमित साधनों क
शीतकालीन ओलम्पिक खेलों की स्पीड स्केटिंग प्रतिस्पर्धा में उदयभान भारत के लिए पदक (कांस्य पदक) जीतने वाले पहले व्यक्ति बने। यह पदक इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योकि भारत में शीतकालीन खेलों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। मौसम के साथ देने पर हिमांचल, कश्मीर जैसे राज्यों में कुछ लोग शौकिया इन खेलों को खेल लेत