पिछले ६७ - ६८ सालों का शासन कुशासन, व्यवस्था अवय्व्स्था की देन है असामाजिक तत्वों से सामाजिक सुरक्षा?
आज सौभाग्य मिला नॉएडा स्थित सेक्टर २१ के स्टेडियम में जाने का कराटे की प्रतियोगिता थी, अभिभावक के तौर पर ज़रूरी से ज्यादा मजबूरी जाने पर विवस कर दिया? स्टेडियम के अंदर प्रवेश करते ही लड़कियों किस संख्या लकड़ो पे भारी, कुछ अभिवावकों से इस दौरान बात हुई, बातों बातों में यह पता चला की यह कवायत मजबूरी से ज्यादा ज़रूरी है? आखिर समाज में इस बदलाव के क्या मायने है, व्यवस्था पर से लोगों का भरोसा क्या एकदम ख़त्म हो गया है, उम्मीद की किरण कहीं दूर दूर नज़र नहीं आ रही है, ऐसे में रास्ता कौन सा और कहाँ से निकलेगा इस सवाल का जवाब देश के जनता के हाथों में है?