इंडिया संवाद ब्यूरो
नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सरकार ने जो सख्त कदम उठाए हैं, वह पहली नजर में भले ही हमें परेशान करता हो लेकिन चीन की राजधानी बीजिंग में प्रदूषण को लेकर जारी 'रेड अलर्ट' हमें अपने गुस्से पर पुनर्विचार करने को मजबूर करता है।
चीन में प्रदूषण का स्तर किस कदर बढ़ चुका है, इसका अंदाजा वहां की सरकार के ताजा निर्णय से लगाया जा सकता है। गुरुवार तक धुंध और प्रदूषण का खतरा बरकरार रहने की आशंका जताते हुए चीन के अफसरों ने गुरुवार दोपहर 12 बजे तक स्कूल और आउटडोर कंस्ट्रक्शन वर्क बंद रखने को कहा है।
पहले कभी नहीं हुआ था रेड अलर्ट जारी
न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, इससे पहले बीजिंग में हालात इतने बुरे कभी नहीं हुए। कभी रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया। यह सबसे हाई अलर्ट है। बीजिंग के किसी भी टूरिस्ट प्लेस पर भविष्य को लेकर सशंकित कर देने वाला धुंध भरा नजारा आसानी देखा जा सकता है। पहले जहां टूरिस्ट तस्वीरें खिंचवाते नजर आते थे, प्रदूषण की वजह से अब वहां मास्क पहने नजर आ रहे हैं।
सीसीटीवी न्यूज चैनल के मुताबिक, बीते वीकेंड बीजिंग के कई हिस्सों में विजिबिलिटी महज 200 मीटर (660 फीट) रह गई थी। 30 नवंबर को भी बीजिंग धुंध से बेहाल था। इस दिन खतरे का सेकेंड लेवल ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया गया था।
दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली भी
बीजिंग में यूएस एंबेसी की ओर से लगाए गए एयर पॉल्यूशन मीटर के मुताबिक, यहां की हवा में तय स्टैंडर्ड के मुताबिक 10 गुना ज्यादा खतरनाक पार्टिकल्स मौजूद हैं। ऐसे हालत तब हैं, जब हाल ही में एक रिपोर्ट में एशिया के दो बड़े शहर दिल्ली और बीजिंग की हवा को दुनिया में सबसे प्रदूषित माना गया।
बीते दिनों पेरिस में चल रही क्लाइमेट चेंज समिट में भी दोनों शहरों में बढ़ती आबादी पर चिंता जाहिर की गई थी। चीन सरकार ने 2020 तक सभी पावर सेक्टर में कार्बन इमिशन 60 प्रतिशत तक घटाने का फैसला किया है। 2020 तक चीन कोल थर्मल पावर जेनरेशन से निकलने वाली 18 करोड़ टन कार्बन डायऑक्साइड को भी कम करने की कोशिश करेगा।