इस्लामाबाद : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान यात्रा पर दुनियाभर की नजर टिकी है। अटकलों और संभावनाओं का बाजार गर्म है। आतंकवाद के खात्मे को लेकर पाकिस्तान के कदम और प्रयास पर सब सशंकित हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर उनके ताजा बयान को दुनियाभर में हो रहे आतंकी हमलों से जोड़कर देखा जा रहा है। दो दिनों की भारत यात्रा पर आए अमेरिका के उप विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन द्वारा पाकिस्तान को दी गई चेतावनी के भी मायने निकाले जा रहे हैं।
भारत-पाक में हो सकती है जंग
ब्लिंकेन ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए मंगलवार को कहा था, पाकिस्तान को तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा में फर्क नहीं करना चाहिए। फिर चाहे ऐसे आतंकी संगठन पाक के अंदर हों या बाहर। भारत में आतंकी हमला होता है तो दोनों देशों में जंग हो सकती है इसलिए वह आतंकवाद से निपटे।
आतंकी सिर्फ आतंकी होता है
ब्लिंकेन ने जोर देते हुए कहा कि आतंकी सिर्फ आतंकी होता है फिर चाहे वह पाक तालिबान का हो, लश्कर का हो या फिर हक्कानी नेटवर्क का। उन्होंने पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ का भी समर्थन किया। पिछले दिनों अमेरिकी दौरे पर गए पाक सेना प्रमुख ने कहा था कि किसी भी आतंकी संगठन में फर्क नहीं किया जा सकता, चाहे वह तालिबान का हो या फिर लश्कर-ए-तैयबा का।
भारत-पाक वार्ता जरूरी
ब्लिंकेन ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को आपस में बात करनी चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सके। दोनों देशों को आपस में ज्यादा सहयोग दिखाना होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि दक्षिण एशिया में बढ़ते एटमी हथियारों के जखीरे से भारत और पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया को खतरा है। पाकिस्तान में छोटे एटमी हथियार तेजी से बढ़े हैं। यदि इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो जंग जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।