28 दिसम्बर 2016
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समाज लोगों को अध्याय जोड़ना है... गरीबों की सेवा करे... असहाय लोगों की मदद करे...D
बिलकुल सत्य कहा आपने ,ये केसा अंधानुसरण हे ,ना कोई समझना चाहता है बस करे जा रहे हैं क्यों कर रहे हैं, ये उन्हें भी नहीं पता बस एक भेड़ चाल में फसे हैं. आपका, दिशा दिखाने का प्रयास सराहनीय है शायद कुछ लोग समझ जाएँ, और अन्य को भी, दिशा बतला सकें. आप वाले लेख के लिए धन्यवाद जैसे जगाने जैसे जगाने
29 दिसम्बर 2016