हिंदू धर्म में अतिथि यानी मेहमान को भगवान की संज्ञा दी गई है। इसलिए कहा जाता है मेहमान भगवान के समान होता है, उसकी आवभगत ठीक तरीके से करनी चाहिए। हमारे घर आया हर वो व्यक्ति मेहमान होता है जो रिश्तेदार, परिचित या जान-पहचान वाला हो। चूंकि इनके आने की कोई तिथि (समय) निश्चित नहीं होता, इसलिए इन्हें अतिथि कहा जाता है।
भारतीय संस्कृति के अनुसार, अगर कोई अनजान व्यक्ति भी भूले-भटके हमारे घर आ जाए तो उसे भी मेहमान ही समझना चाहिए और यथासंभव उसका सत्कार करना चाहिए। परंतु मनु स्मृति के अनुसार, कुछ लोगों को कभी मेहमान नहीं बनाना चाहिए और यदि ऐसे लोग दिख भी जाएं तो उनसे नमस्ते भी नहीं करना चाहिए। ये लोग कौन हैं और इन्हें क्यों मेहमान नहीं बनाना चाहिए, जानिए-
श्लोक
पाषण्डिनो विकर्मस्थान्बैडालव्रतिकांछठान्।
हैतुकान्वकवृत्तींश्च वाड्मात्रेणापि नार्चयेत्।।
अर्थात्- 1. पाखंडी, 2. बुरे काम करने वाला, 3. दूसरों को मूर्ख बनाकर धन लूटने वाला, 4. दूसरों को दुख पहुंचाने वाला व 5. वेदों में श्रद्धा न रखने वाला। इन 5 लोगों को अतिथि नहीं बनाना चाहिए औरइनका शिष्टाचार पूर्वक स्वागत भी नहीं चाहिए।
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