4 दिसंबर 1984 की वो भयानक रात ! भोपाल शहर मे अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के कारखाने मे से ( मिथाइल आइसोनेट ) नामक गैस का रिसाव शुरू हुआ ! और देखते ही देखते पूरा शहर लाशों के ढेर मे बदल गया ! एक ही रात मे 15 हजार लोग क्या बच्चे क्या बूढ़े तड़प-तड़प कर मर गये ! हवा का बहाव जिस और जाता गया तड़पती -चीखती -चिलाती आवाजों के साथ लाशों का ढेर लगता गया !पूरे देश को बता दिया गया भोपाल मे जो कुछ हुआ वो एक accident था ! लेकिन वास्तव मे वो accident नहीं एक experiment था ! एक परीक्षण था ! दरअसल अमीर देशो की बहुत सी कंपनियाँ हथियार बनाती है अमेरिका जैसे देश की तो 85 % आमदनी हथियारों की बिक्री से होती है ! जैसे ford कंपनी हमारे देश मे कारे बेचती है अपने देश अमेरिका मे हथियार बनाती है ! general motors हमारे यहाँ कारें बेचती है अपने देश मे हथियार बनाती है ऐसे ही और अन्य कंपनिया अमेरिका मे हथियार बनाने का काम करती हैं !
तो कुल मिलाकर हथियारों का व्यवसाय चलना चाहिए ये उनकी हमेशा से जरूरत रहती है और आप जानते है हथियारो का व्यवसाय दो ही तरीक़ो से चल सकता है या तो दो देशो मे आपस मे युद्ध चल रहा हो ! वहाँ हथियार बेचे जाएँ और या पूरी दुनिया मे कोई युद्ध चल रहा हो वहाँ हथियार बेचे जाए ! और आप जानते है आजकल पूरी दुनिया मे एक अघोषित युद्ध चल रहा है जिसे आतंकवाद कहते है वो चाहे कश्मीर मे हो ,आसाम मे हो ,नागालैंड मे ! या कहीं और वहाँ सब आतंकवादियो को हथियार बेचने का काम ऐसी ही कंपनियाँ करती हैं
हथियार मुख्यता दो तरह के होते है एक तो बंदूक ,बम गोला बारूद आदि ! लेकिन आज की दुनिया मे कुछ खतरनाक तरह के भी हथियार बनते है जिनको हम chemical weapons ( रासयानिक हथियार ) कहते हैं ये बम तोप के गोले से कुछ भिन्न तरह के होते है उनमे जहरीली गैसे भरी जाती है और जब बम फटता है तो ये गैसे वातावरण मे फ़ेल जाती है और जो लोग सूंघते है वो मरते है ! और अमेरिका की ढेरों कंपनियाँ कैमिकल बम बनाती है !
कैमिकल बम बनाने के लिए कुछ तरह की गैसे इस्तेमाल होती है जिनमे से एक का नाम है फासजीन और दूसरी है ( मिथाइल आइसोनेट ) और ऐसी दो तीन और गैसें है ! और ये जो भोपाल के कारखाने से जो गैस निकली थी वो ( मिथाइल आइसोनेट ) थी ! और इस ( मिथाइल आइसोनेट ) गैस का test करके देखना हो कि ये कितने लोगो को मार सकती है ये अमेरिका मे नहीं किया जा सकता क्योंकि वो मानते है की अमेरिका मे लोगो की ज़िंदगी की कीमत बहुत है और अमेरिका क्या अमेरिका जैसे किसी भी अमीर देश मे नहीं कर सकते क्योंकि उनके पर्यावरण के कानून बहुत मजबूत है !
तो ऐसी जहरीली गैसों के प्रयोग के लिए अमेरिका जैसे देशो की कंपनियाँ हिन्दूस्थान जैसे देशों को तलाशती है और यही हुआ था भोपाल मे ! मिथाइल आइसोनेट गैस निकली और 15 हजार लोग एक ही झटके मे मर गए ! पिछले 30 साल मे 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए है ! मौत का तांडव आज भी वहाँ पर चलता है लोगो के जीन मे उसका असर हो चुका !
और इसी परीक्षण के बाद अमेरिका यूरोप की फोजों ने खाड़ी युद्ध मे ये रसायनिक हथियार ईराक पर गिराये ! और उसके उनको बराबर परिणाम मिले ! लेकिन ये बम गिराने से पहले के प्रयोग हिंदुस्तान ,कोलोम्बिया चिली ,जैसे गरीब देशो मे किए गये ! जहां की सरकारे बिकाऊ होती है वहाँ ऐसे प्रयोग किए जाते हैं !
4 दिसंबर 1984 की वो भयानक रात ! भोपाल शहर मे अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के कारखाने मे से ( मिथाइल आइसोनेट ) नामक गैस का रिसाव शुरू हुआ ! और देखते ही देखते पूरा शहर लाशों के ढेर मे बदल गया ! एक ही रात मे 15 हजार लोग क्या बच्चे क्या बूढ़े तड़प-तड़प कर मर गये ! हवा का बहाव जिस और जाता गया तड़पती -चीखती -चिलाती आवाजों के साथ लाशों का ढेर लगता गया !पूरे देश को बता दिया गया भोपाल मे जो कुछ हुआ वो एक accident था ! लेकिन वास्तव मे वो accident नहीं एक experiment था ! एक परीक्षण था ! दरअसल अमीर देशो की बहुत सी कंपनियाँ हथियार बनाती है अमेरिका जैसे देश की तो 85 % आमदनी हथियारों की बिक्री से होती है ! जैसे ford कंपनी हमारे देश मे कारे बेचती है अपने देश अमेरिका मे हथियार बनाती है ! general motors हमारे यहाँ कारें बेचती है अपने देश मे हथियार बनाती है ऐसे ही और अन्य कंपनिया अमेरिका मे हथियार बनाने का काम करती हैं !
तो कुल मिलाकर हथियारों का व्यवसाय चलना चाहिए ये उनकी हमेशा से जरूरत रहती है और आप जानते है हथियारो का व्यवसाय दो ही तरीक़ो से चल सकता है या तो दो देशो मे आपस मे युद्ध चल रहा हो ! वहाँ हथियार बेचे जाएँ और या पूरी दुनिया मे कोई युद्ध चल रहा हो वहाँ हथियार बेचे जाए ! और आप जानते है आजकल पूरी दुनिया मे एक अघोषित युद्ध चल रहा है जिसे आतंकवाद कहते है वो चाहे कश्मीर मे हो ,आसाम मे हो ,नागालैंड मे ! या कहीं और वहाँ सब आतंकवादियो को हथियार बेचने का काम ऐसी ही कंपनियाँ करती हैं
हथियार मुख्यता दो तरह के होते है एक तो बंदूक ,बम गोला बारूद आदि ! लेकिन आज की दुनिया मे कुछ खतरनाक तरह के भी हथियार बनते है जिनको हम chemical weapons ( रासयानिक हथियार ) कहते हैं ये बम तोप के गोले से कुछ भिन्न तरह के होते है उनमे जहरीली गैसे भरी जाती है और जब बम फटता है तो ये गैसे वातावरण मे फ़ेल जाती है और जो लोग सूंघते है वो मरते है ! और अमेरिका की ढेरों कंपनियाँ कैमिकल बम बनाती है !
कैमिकल बम बनाने के लिए कुछ तरह की गैसे इस्तेमाल होती है जिनमे से एक का नाम है फासजीन और दूसरी है ( मिथाइल आइसोनेट ) और ऐसी दो तीन और गैसें है ! और ये जो भोपाल के कारखाने से जो गैस निकली थी वो ( मिथाइल आइसोनेट ) थी ! और इस ( मिथाइल आइसोनेट ) गैस का test करके देखना हो कि ये कितने लोगो को मार सकती है ये अमेरिका मे नहीं किया जा सकता क्योंकि वो मानते है की अमेरिका मे लोगो की ज़िंदगी की कीमत बहुत है और अमेरिका क्या अमेरिका जैसे किसी भी अमीर देश मे नहीं कर सकते क्योंकि उनके पर्यावरण के कानून बहुत मजबूत है !
तो ऐसी जहरीली गैसों के प्रयोग के लिए अमेरिका जैसे देशो की कंपनियाँ हिन्दूस्थान जैसे देशों को तलाशती है और यही हुआ था भोपाल मे ! मिथाइल आइसोनेट गैस निकली और 15 हजार लोग एक ही झटके मे मर गए ! पिछले 30 साल मे 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए है ! मौत का तांडव आज भी वहाँ पर चलता है लोगो के जीन मे उसका असर हो चुका !
और इसी परीक्षण के बाद अमेरिका यूरोप की फोजों ने खाड़ी युद्ध मे ये रसायनिक हथियार ईराक पर गिराये ! और उसके उनको बराबर परिणाम मिले ! लेकिन ये बम गिराने से पहले के प्रयोग हिंदुस्तान ,कोलोम्बिया चिली ,जैसे गरीब देशो मे किए गये ! जहां की सरकारे बिकाऊ होती है वहाँ ऐसे प्रयोग किए जाते हैं !