@ जो भारतमाता के वीर सिपाही सीमा पर हमारी रक्षा के लिए दिन रात जागते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे यात्री दीपावली में अपने घर नहीं पहुच पते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे रोगी जो असाध्य रोगों और घायल अवस्था में अस्पतालों में हैं ,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे अपनों के ठुकराए वृद्ध लोग जो कि वृद्धाश्रम में निवास करते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे अनाथ बच्चे और बच्चियां, जो कि समाज से ठुकराए हुए अनाथ आश्रम में हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे भारतीय रेल के ड्राईवर और अन्य रेलवे कर्मचारी, जो २४ घन्टे हमें सेवा देते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो हमारी सुरक्षा में लगे वह पुलिस और ट्रैफिक कर्मी जो कि त्योहारों में हमें सेवा देते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे मजदूर अपना गाँव और शहर छोड़ के दुसरे नगरों में रहते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे भिखारी जो कि मंदिरों और फूटपाथ के किनारे अपना जीवन गुजारते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे डाक्टर जो त्योहारों में भी हमारी सेवा के लिए २४ घन्टे मौजूद हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
@ जो बेचारे पालतू जीव हमारे घरों में और आस पास सडको पर रहते हैं,
===दीपावली इनकी भी है,
मित्रों मेरी आपसे यह विनती है की यदि आप अपने आस पास थोडा सा समय निकाल कर,
इन प्रकार लोगो के साथ दीपावली मनाये तो इससे उत्तम इश्वर सेवा कोई नहीं होगी,
क्यों की दीपावली सबकी होती है, और अगर हम चाहेंगे तो सभी लोग इस त्यौहार को मना सकेंगे,
मेरा एक सुंदर स्वप्न जो की आप सबके प्रयास से सार्थक हो सकता है,
आओ सब मिलकर , सबके साथ दीपावली की खुशियाँ बांटे,