क्रिकेट के काले कमाई के कलंक से कोई भी राजनैतिक दल अछूता नहीं है, एक मामले के उजागर होने से सारे मामलो पर असर पड़नी लाजमी है?
खेल क्रिकेट का, टिकट का पैसा जनता का कमाई न जाने कौन कौन कर रहा है और देश की राजनीती खेल का आनंद ले रही है? तटस्थ संचालन का जिम्मा संभाले हुए क्या खेल के परिंणाम में निर्णायक भूमिका अदा करेंगे या मिलावट की राजनीती के तहत खेल के परिणाम पहले से ही तय है? देखना अभी बाकी है!