दृष्टिकोण और नजरिया दोनों अलग अलग हो सकते है?
ईमानदार राजनीती में मिलावट भर्ष्टाचार का, भर्ष्टाचार में मिलावट ईमानदारी का ज़हर है?
दबंग राजनीती में मिलावट शराफत का, शराफत वाली राजनीती में मिलावट दबंगई का ज़हर है?
धर्म निरपेक्षता की राजनीती में धर्म का, और धर्म की राजनीती में मिलावट धर्म निरपेक्षता ज़हर है?
भाईचारे वाली राजनीती में घर के भेदी का, या जासूसी वाली राजनीती में तलाश भाईचारे का ज़हर है ?
अब तय करना जनता को है की ज़हर सत्ता है या मिलावट?