मेरा नाम अफजल हैं में ग़ज़िआबाद में रहता हु मैंने फ़िलहाल ही में ग्रेजुएशन कम्पलीट किया है
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इस पुश्ताख में शायरी दिल की दुआ दिल के दर्द से जुडी हुई है
<blockquote><em><strong>हर एक नज़र के लिए मुख्तलिफ पयाम है </strong></em></blockquote> <blockqu
<blockquote><em><strong> मेरी माँ </strong></em></blockquote> <blockquote><em><strong>मेर
<p><br></p> <p><u><em>लड़कियां कहीं भी सुरक्षित क्यों नहीं हैं?</em></u></p> <p><u><em>उन्हें एक खिल