इंडिया की ब्यूटीफुल गर्ल्स जिन्हें फोटोज शेयर करना पसंद है और जो मॉडलिंग या ग्लैमर इंडस्ट्री में जाना चाहती हैं
दैनिक जीवन में तकनीक ने क्रांति ला दी है। क्या हम इसका उपयोग अपने को विकसित करने पृथ्वी को बचाने व जागरुकता लाने में कर सकते है। हमारे पास नये नये खोजो से चलने वाले यन्त्र है जो आज तीव्र गति से पैर पसार चुके है जिसके हम आदि है और हमारी धरती जो हरी भर
यह किताब मनुष्य के दैनिक जीवन पर आधारित है जो वह क्रियाकलाप रोजमर्रा के काम में करता है ।वह बेहोश होकर ना जाने क्या क्या करता है ।कभी वर्तमान में तो कभी बीते कल में तो कभी भविष्य में ।खुद क्लिष्ट जीवन अपने लिये चुनता है या सरल जीवन वह अपना मालिक है प
Teen Sau Ramayan Read more
यह पुस्तक राजेन्द्र यादव की पुस्तक शृंखला ‘कांटे की बात’ का ग्यारवी पुस्तक है। यह पुस्तक बताती है कि उत्तर-भारत में खासतौर पर हिन्दी-समाज का आचार-व्यवहार, सोच-विचार जिन तीन तत्त्वों से निर्मित और संचालित होता है वे है मनुस्मृति, रामचरितमानस और गंगा न
The capability of reading and other personal skills get improves on reading this book Sampoorna Hitopdesh by Aacharya Vadrayan.This book is available in Hindi with high quality printing.Books from Indian Epic category surely gives you the best readin
Remember that the ides behind these studies is to prevent you from entering into blind alleys of astrological superstitions. Read more
निदा फ़ाजली चलती फिरती लेकिन लम्हा-ब-लम्हा बदलती ज़िन्दगी के शायर हैं। उनका कलाम मेहज़ ख़याल आराई या किताबी फलसफा तराज़ी नहीं है। वजूदी मुफ़िक्कर व अदीब कामियो ने कहा है। मेरे आगे न चलो, मैं तुम्हारी पैरवी नहीं कर सकता। मेरे पीछे न चलो मैं रहनुमाई नहीं कर
हम जितने होते हैं वो हमें हमसे कहीं ज़्यादा दिखाती है। कभी एक गुथे पड़े जीवन को कलात्मक कर देती है तो कभी उसके कारण हमें डामर की सड़क के नीचे पगडंडियों का धड़कना सुनाई देने लगता है। वह कविता ही है जो छल को जीवन में पिरोती है और हमें पहली बार अपने ही
Ups and Downs in Career Read more
पताकी रिष्ट चक्र यदि आपका बच्चा बीमार है तो इस चक्र का प्रयोग करने के बाद फलादेश कीजिये I यदि डॉक्टर के डाइग्नोसिस में कुछ अस्पष्टता है और बच्चे के जीवन के ऊपर खतरा मडराता हुआ नज़र आता है तो इस चक्र का प्रयोग करके फलादेश कीजिये I आज के इस युग में भौति
Timing Events Through Vimshottari Dasha Read more
Vigyapan Kala Read more
Laxman Rekha Read more
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में ‘पानी के प्राचीर’ डॉ. रामदरश का बहुचर्चित उपन्यास है, जिसे काफी सम्मान मिला है। यह उपन्यास स्वतन्त्रता प्राप्ति तक के भारतीय गाँव की प्रामाणिकता गाथा प्रस्तुत करता है मिश्र जी गाँव के जीवन के किसी एक पक्ष का इकहरा विधान
सिनेमा और समाज ये दोनों एक दुसरे के अभिन्न अंग हैं ,और एक दुसरे के पूरक भी बशर्ते सिनेमा में तत्कालीन समाज की झलक हो ,अगर ऐसा सिनेमा बनता है तो फिर देर कान्हा लगेगी समाज के सड़े हुए कचरे को निकलने में