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पुस्तक प्रतियोगिता की किताबें

कॉलेज का इश्क

कॉलेज का इश्क

ENGINEER SHASHI KUMAR

(प्यार शब्द है बहुत छोटा है लेकिन इसकी गहराई बहुत ही विस्तृत है। इसके विस्तार को समझने के लिए मनुष्य को अपने जीवन में भावनाओं को नियंत्रण करके अपनी आं

68 पाठक
44 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 74/-

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ENGINEER SHASHI KUMAR

(प्यार शब्द है बहुत छोटा है लेकिन इसकी गहराई बहुत ही विस्तृत है। इसके विस्तार को समझने के लिए मनुष्य को अपने जीवन में भावनाओं को नियंत्रण करके अपनी आं

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माय स्कूल डेज़

माय स्कूल डेज़

Jitendra Kumar sahu

अनुभव पर आधारित जीवन के संघर्षों उपलब्धीयो बच्चो व अन्य लोगों के साथ बिताए पलो को किस तरह हम ग्रहण करते हैं । जिस प्रकार से हँस मोती चुगता है उसी प्रक

64 पाठक
22 रचनाएँ
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₹ 71/-

माय स्कूल डेज़

माय स्कूल डेज़

Jitendra Kumar sahu

अनुभव पर आधारित जीवन के संघर्षों उपलब्धीयो बच्चो व अन्य लोगों के साथ बिताए पलो को किस तरह हम ग्रहण करते हैं । जिस प्रकार से हँस मोती चुगता है उसी प्रक

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मेरे लफ्ज कुछ कहते हैं (जनवरी-2023)

मेरे लफ्ज कुछ कहते हैं (जनवरी-2023)

ENGINEER SHASHI KUMAR

शब्द.इन द्वारा दिये गये विषयों पर मेरे विचारों का संगम इस पुस्तक के माध्यम से रचित किया जायेगा जो समाज में घटित वर्तमान, भविष्य और अतीत की घटनाओं को स

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40 पाठक
25 रचनाएँ

निःशुल्क

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ENGINEER SHASHI KUMAR

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आखिर खता क्या थी मेरी ?

आखिर खता क्या थी मेरी ?

Monika Garg

एक ऐसी लड़की की कहानी जो मर के भी मर ना सकी और अपने प्यार के लिए सब कुछ कुर्बान कर गयी । आईए आप भी पढ़ें कनक की कहानी कनक की जुबानी

82 पाठक
12 रचनाएँ
12 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

133/-

आखिर खता क्या थी मेरी ?

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Monika Garg

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मेरे दैनिक लेख

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Dr.Jyoti Maheshwari

मेरे दैनिक लेख जो मैं रोज लिखती हूं इस किताब में संग्रहित कर रही हूं। आशा है आपको पसंद आएंगे। कुछ कोशिश की है कहने की। कुछ कोशिश की है समझने की।

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34 पाठक
20 रचनाएँ

निःशुल्क

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Dr.Jyoti Maheshwari

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अपनो से अपनी बात

अपनो से अपनी बात

Dr.Jyoti Maheshwari

यह मेरा दैनिक लेखों का संग्रह हैं। रोज जो,लेख लिखूंगी वह इसमें संग्रहित कर रही हूं।

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लोकोक्तियों की कविता

लोकोक्तियों की कविता

कविता रावत

लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संद

289 पाठक
50 रचनाएँ
219 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

167/-

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बीतिया वेला

बीतिया वेला

Rajni kaur

मैने बीतिया वेला नाम की किताब लिखी है, जिसमें मैंने बीते समय के दृश्यों को बियान करने की कोशिश की है। जिसमे मैंने हमारे बीते समय में हमारे बजुर्गों की

8 पाठक
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5 लोगों ने खरीदा

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₹ 45/-

बीतिया वेला

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Rajni kaur

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प्रेम क्षणिकाएं..!

प्रेम क्षणिकाएं..!

दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका"

प्रणाम! मैं कोई लेखिका नहीं हूं। लेकिन जब से मेरे जीवन में कृष्ण नाम आया हैं, तब से में स्वत हीं कवयित्री हों गई हूं। इस संग्रह की हर में, हमारे मन की

39 पाठक
101 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 59/-

प्रेम क्षणिकाएं..!

प्रेम क्षणिकाएं..!

दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका"

प्रणाम! मैं कोई लेखिका नहीं हूं। लेकिन जब से मेरे जीवन में कृष्ण नाम आया हैं, तब से में स्वत हीं कवयित्री हों गई हूं। इस संग्रह की हर में, हमारे मन की

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शब्दों की डोर

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लिपिका भट्टी

इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।

46 पाठक
31 रचनाएँ
3 लोगों ने खरीदा

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₹ 65/-

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इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।

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अनसुने अल्फाज

अनसुने अल्फाज

ENGINEER SHASHI KUMAR

इस पुस्तक के माध्यम से स्वरचित कविता,गीत ,ग़ज़ल और शेरों का संगम होगा जो समाज में होने वाली दैनिक घटनाओं और समाज में होने वाले परिवर्तन पर आधारित होगा

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अनसुने अल्फाज

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ENGINEER SHASHI KUMAR

इस पुस्तक के माध्यम से स्वरचित कविता,गीत ,ग़ज़ल और शेरों का संगम होगा जो समाज में होने वाली दैनिक घटनाओं और समाज में होने वाले परिवर्तन पर आधारित होगा

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भूली-बिसरी यादें

भूली-बिसरी यादें

कविता रावत

यह पुस्‍तक मेरी भूली-बिसरी यादों के पिटारे के रूप में प्रस्तुत है। मैंने इस पुस्तक में अपने दैनन्दिनी जीवन के हर पहलू के जिए हुए खट्टे-मीठे पलों को उस

231 पाठक
22 रचनाएँ
90 लोगों ने खरीदा

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₹ 46/-

प्रिंट बुक:

173/-

भूली-बिसरी यादें

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कविता रावत

यह पुस्‍तक मेरी भूली-बिसरी यादों के पिटारे के रूप में प्रस्तुत है। मैंने इस पुस्तक में अपने दैनन्दिनी जीवन के हर पहलू के जिए हुए खट्टे-मीठे पलों को उस

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कुछ खास एहसास

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लिपिका भट्टी

मन के कुछ एहसास हैं , जो बहुत ही खास हैं । मोती पिरोए अक्षरों के मैंने , जो मेरे दिल के पास हैं । भावनाओ के सागर में बहते , आप भी मेरे साथ हैं । खो

52 पाठक
20 रचनाएँ
14 लोगों ने खरीदा

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₹ 40/-

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132/-

कुछ खास एहसास

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लिपिका भट्टी

मन के कुछ एहसास हैं , जो बहुत ही खास हैं । मोती पिरोए अक्षरों के मैंने , जो मेरे दिल के पास हैं । भावनाओ के सागर में बहते , आप भी मेरे साथ हैं । खो

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मेरी डायरी-2023

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ENGINEER SHASHI KUMAR

मेरी डायरी आप लोगों को बतायेगी मेरी जिंदगी के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक अनुभव जो हमें दिन प्रतिदिन की घटनाओं के साथ रूबरू करायेगी।

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मेरी डायरी-2023

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परम शिवभक्त रावण

परम शिवभक्त रावण

वरुण शुक्ला

संसार ने रावण को एक दैत्य के रूप में तो जाना है,पर इस पुस्तक के द्वारा परम शिवभक्त,परम पांडित्य ज्ञाता ,लंकेश ,रावण को एक भिन्न दृष्टि से देखकर अपनी ब

15 पाठक
10 रचनाएँ
51 लोगों ने खरीदा

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₹ 66/-

प्रिंट बुक:

252/-

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ये दुनिया अपनी लीजे

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डॉ. आशा चौधरी

एक ही कॉलोनी में अपने-अपने परिवारों के दायरे में सीमित रहने वाले दो युवा बाहर किसी अनजान शहर में दोस्तों की तरह मिलते हैं और कहा है किसी शायर ने-‘‘एक

12 पाठक
9 रचनाएँ
14 लोगों ने खरीदा

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₹ 53/-

प्रिंट बुक:

215/-

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लफ्जों के अल्फाज

लफ्जों के अल्फाज

ENGINEER SHASHI KUMAR

इस पुस्तक माध्यम से मेरे दैनिक विचारों का संगम आपके सामने प्रस्तुत किया जायेगा जिसमें मेरी दैनिक जीवन की भावनाएं काव्य के रुप में आपके सामने प्रस्तुत

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कुहरा

कुहरा

तीषु सिंह 'तृष्णा'

कुहरा किस्सा है खूबसूरत किरदारों का, किरदारों के जीवन के उतार-चढ़ाव का जब आँखों के आगे सिर्फ कुहरा नज़र आता है और जीवन संघर्ष बन जाता है | तो कुहरा कहा

55 पाठक
11 रचनाएँ
13 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 48/-

प्रिंट बुक:

158/-

कुहरा

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कुहरा किस्सा है खूबसूरत किरदारों का, किरदारों के जीवन के उतार-चढ़ाव का जब आँखों के आगे सिर्फ कुहरा नज़र आता है और जीवन संघर्ष बन जाता है | तो कुहरा कहा

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कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी...

कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी...

भारती

इश्क, मोहब्बत, प्यार, लव, प्रेम, चाहत और न जाने कितने ही नाम हैं इस एहसास के... एहसास वो जिसका बखान करने वाले शायर बन गए... एहसास वो जिसे महसूस करके क

105 पाठक
12 रचनाएँ
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कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी...

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भारती

इश्क, मोहब्बत, प्यार, लव, प्रेम, चाहत और न जाने कितने ही नाम हैं इस एहसास के... एहसास वो जिसका बखान करने वाले शायर बन गए... एहसास वो जिसे महसूस करके क

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मुझे डर लगता है

मुझे डर लगता है

दिनेश कुमार कीर

डर, भय

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13 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

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दिनेश कुमार कीर

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