यह किताब दैनिक विषयों की समालोचनात्मक समीक्षा का संग्रह है। इस किताब में आप विभिन्न विषयों पर सुंदर आलेख पढ़ सकते हैं।
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भूतनाथ बाबू देवकीनंदन खत्री का तिलस्मि उपन्यास है। चन्द्रकान्ता सन्तति के एक पात्र को नायक का रूप देकर देवकीनन्दन खत्री जी ने इस उपन्यास की रचना की। किन्तु असामायिक मृत्यु के कारण वे इस उपन्यास के केवल छः भागों लिख पाये उसके बाद के अगले भाग को उनके प
भूतनाथ बाबू देवकीनंदन खत्री का तिलस्मि उपन्यास है। चन्द्रकान्ता सन्तति के एक पात्र को नायक का रूप देकर देवकीनन्दन खत्री जी ने इस उपन्यास की रचना की। किन्तु असामायिक मृत्यु के कारण वे इस उपन्यास के केवल छः भागों लिख पाये उसके बाद के अगले भाग को उनके प
हम सभी देशवासियों के साथ सरकार और नियम है हमें अपने मतदान को सोच समझ के साथ देश हितार्थ सेवा के साथ निर्णय लेना चाहिए।
हम सभी देशवासियों के साथ सरकार और नियम है हमें अपने मतदान को सोच समझ के साथ देश हितार्थ सेवा के साथ निर्णय लेना चाहिए।
पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड' और 'साहित्य की राजधानी' जैसे और भी कई विशेषणों से मशहूर शहर इलाहाबाद को एक पत्रकार और उभरते कहानीकार ने जैसा देखा, जिया और भुगता, हूबहू वैसा उतार दिया है। इस अलहदा शहर की मस्ती, इसकी बेबाकी और इसमें मिली मोहब्बत का कोलाज है यह किता
पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड' और 'साहित्य की राजधानी' जैसे और भी कई विशेषणों से मशहूर शहर इलाहाबाद को एक पत्रकार और उभरते कहानीकार ने जैसा देखा, जिया और भुगता, हूबहू वैसा उतार दिया है। इस अलहदा शहर की मस्ती, इसकी बेबाकी और इसमें मिली मोहब्बत का कोलाज है यह किता
विश्व स्तरीय शिक्षा का अधिकार हो सभी को सही देश में सभी नागरिकों को समानाधिकार और व्यवस्था का सहयोग हो
विश्व स्तरीय शिक्षा का अधिकार हो सभी को सही देश में सभी नागरिकों को समानाधिकार और व्यवस्था का सहयोग हो
प्रेमपूर्वक कठोर झिड़की भी दी है। अब, कि जब सचमुच उनकी पुस्तक आ रही है, तो यह उनसे अधिक मेरे लिए हर्ष का विषय है। लोकेश रहस्य-रोमांच विधा में शानदार लिखते रहे हैं और उन्होंने अपने पहले उपन्यास "कालदण्ड" में एक अद्भुत रहस्यमय कहानी गढ़ी है। उम्मीद है कि
प्रेमपूर्वक कठोर झिड़की भी दी है। अब, कि जब सचमुच उनकी पुस्तक आ रही है, तो यह उनसे अधिक मेरे लिए हर्ष का विषय है। लोकेश रहस्य-रोमांच विधा में शानदार लिखते रहे हैं और उन्होंने अपने पहले उपन्यास "कालदण्ड" में एक अद्भुत रहस्यमय कहानी गढ़ी है। उम्मीद है कि
,हिन्दू तलाक नीति में परिवर्तन करनवाने हेतु प्रयासरत जुम्मे रात की अमर कहानिया
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विज्ञान और धर्म (बुद्धि और हदय) में मात्र इतना ही अंतर है कि विज्ञान मानता है काला रंग वास्तव में कोई रंग न होकर समस्त रंगों की अनुपस्थिति मात्र है। जहां कोई रंग नहीं वहां काला अर्थात् अंधकार ही होगा । इसी प्रकार सफेद रंग वास्तव में सभी रंगों के मिश्
विज्ञान और धर्म (बुद्धि और हदय) में मात्र इतना ही अंतर है कि विज्ञान मानता है काला रंग वास्तव में कोई रंग न होकर समस्त रंगों की अनुपस्थिति मात्र है। जहां कोई रंग नहीं वहां काला अर्थात् अंधकार ही होगा । इसी प्रकार सफेद रंग वास्तव में सभी रंगों के मिश्
जीवन में होने वाली घटनाएं, परिस्थितियां हमारे भावों, विचारों को शब्दों में ढालकर, कविता संग्रह के रूप में मेरी एक छोटी सी कोशिश है जीवन कश्ती। पुस्तक के बारे में अपनी राय, समीक्षा देकर मेरा मार्गदर्शन करें। धन्यवाद 🙏
जीवन में होने वाली घटनाएं, परिस्थितियां हमारे भावों, विचारों को शब्दों में ढालकर, कविता संग्रह के रूप में मेरी एक छोटी सी कोशिश है जीवन कश्ती। पुस्तक के बारे में अपनी राय, समीक्षा देकर मेरा मार्गदर्शन करें। धन्यवाद 🙏
Pawan Kumar Sharma kavi kautilya
**शिव और शंकर में अंतर** शिव जी को "देवों के देव महादेव" कहा जाता है। उन्हें हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है जिनकी पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है। उन्हें वैष्णव, शैव और शाक्त पंथों में भी माना जाता है। शिव जी का अर्थ होता है "शुद्ध
Pawan Kumar Sharma kavi kautilya
**शिव और शंकर में अंतर** शिव जी को "देवों के देव महादेव" कहा जाता है। उन्हें हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है जिनकी पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है। उन्हें वैष्णव, शैव और शाक्त पंथों में भी माना जाता है। शिव जी का अर्थ होता है "शुद्ध
“इतिहास जब-तब जीवन की शक्तियों और मृत्यु की शक्तियों के बीच ऐसे संघर्षों का साक्षी बनता है जहाँ एक ओर, मृत्यु की शक्ति की हर पराजय असत्य पर सत्य की विजय में आस्था को बल प्रदान करती है तो दूसरी ओर, असत्य की हर कामयाबी में मनुष्यता के सम्पूर्ण विनाश की
“इतिहास जब-तब जीवन की शक्तियों और मृत्यु की शक्तियों के बीच ऐसे संघर्षों का साक्षी बनता है जहाँ एक ओर, मृत्यु की शक्ति की हर पराजय असत्य पर सत्य की विजय में आस्था को बल प्रदान करती है तो दूसरी ओर, असत्य की हर कामयाबी में मनुष्यता के सम्पूर्ण विनाश की
कविता पढ़नेवाले अल्पसंख्यक तो हैं, लेकिन अपार हैं। उन्हें गिनती में सीमित नहीं किया जा सकता। वे कविता से रिश्ता न रखनेवाले बहुसंख्यकों से कम ज़रूर हैं, लेकिन परिमेय नहीं हैं। कविता से ख़ुद को और ख़ुद से कविता को बदलनेवाले वे लोग लगातार हैं, लेकिन भूम
कविता पढ़नेवाले अल्पसंख्यक तो हैं, लेकिन अपार हैं। उन्हें गिनती में सीमित नहीं किया जा सकता। वे कविता से रिश्ता न रखनेवाले बहुसंख्यकों से कम ज़रूर हैं, लेकिन परिमेय नहीं हैं। कविता से ख़ुद को और ख़ुद से कविता को बदलनेवाले वे लोग लगातार हैं, लेकिन भूम
व्यावहारिक रूप से, मुख्यमंत्री के चयन में, उनके व्यक्तित्व, क्षमताएं। राजनीतिक पृष्ठभूमि, विधानसभा और पार्टी में स्थिति और उनकी लोकप्रियता और केंद्रीय के साथ उनका जुड़ाव पार्टी का नेतृत्व, पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के साथ उसके संबंध मायने रखते
व्यावहारिक रूप से, मुख्यमंत्री के चयन में, उनके व्यक्तित्व, क्षमताएं। राजनीतिक पृष्ठभूमि, विधानसभा और पार्टी में स्थिति और उनकी लोकप्रियता और केंद्रीय के साथ उनका जुड़ाव पार्टी का नेतृत्व, पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के साथ उसके संबंध मायने रखते
समाज की सकारात्मक, नाकारात्मक सोच के परिणामताः हो रही घटनाओं, दुर्घटनाओं की शब्दों के द्वारा प्रत्यक्ष गवाही
समाज की सकारात्मक, नाकारात्मक सोच के परिणामताः हो रही घटनाओं, दुर्घटनाओं की शब्दों के द्वारा प्रत्यक्ष गवाही
"'युगांत' में 'पल्लव' की कोमलकांत कला का अभाव है। इसमें मैंने जिस नवीन क्षेत्र को अपनाने की चेष्टा की है, मुझे विश्वास है, भविष्य में उस मैं अधिक परिपूर्ण रूप में ग्रहण एवं प्रदान कर सकूँगा।" सुमित्रनंदन पंत छायावादी युग के प्रमुख 4 स्तंभकारों में स
"'युगांत' में 'पल्लव' की कोमलकांत कला का अभाव है। इसमें मैंने जिस नवीन क्षेत्र को अपनाने की चेष्टा की है, मुझे विश्वास है, भविष्य में उस मैं अधिक परिपूर्ण रूप में ग्रहण एवं प्रदान कर सकूँगा।" सुमित्रनंदन पंत छायावादी युग के प्रमुख 4 स्तंभकारों में स
मेरे आलफ्ज खुद से स्मपर्ण है।। मेरे आज्फाज कुछ समझ पाये। तो कुछ समाज में समझ बैठे। क्या बताऊ थे शब्द बया करते हो। सुना है कि दिल से कि दुआ जो क की करता दुआ जरूर कबुल होगी पर आज तक ना मेरै हुए ना य मेरी जान त अपनो के लिए। दुआ मेरी सब खराब हुई।।।
मेरे आलफ्ज खुद से स्मपर्ण है।। मेरे आज्फाज कुछ समझ पाये। तो कुछ समाज में समझ बैठे। क्या बताऊ थे शब्द बया करते हो। सुना है कि दिल से कि दुआ जो क की करता दुआ जरूर कबुल होगी पर आज तक ना मेरै हुए ना य मेरी जान त अपनो के लिए। दुआ मेरी सब खराब हुई।।।
एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था । धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया । उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराजू थी । उसे एक महाजन के पास धरोहर रखकर वह विदेश चला गया । विदेश स वापिस आने के बाद
एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था । धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया । उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराजू थी । उसे एक महाजन के पास धरोहर रखकर वह विदेश चला गया । विदेश स वापिस आने के बाद