Deepak Singh (Deepu)
"आज मेरी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है अगर किसी को जानना है कि मैं क्या कह रहा हूँ उसके लिए, उसे मेरे आंतरिक विचार पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।
सोना मिश्रा
इंसान और जानवरों के बीच में निष्पाप प्रेम का बर्णन, और उनके एक दूसरे से अलग हो जाने का दुःख, लेखिका ने इस कहानी के जरिए दिखाने की चेष्टा की है।।
NAVI HASAN
इस किताब का नाम ‘झूठी महबूबा, पागल महबूब है' इस किताब में इक ऐसी महबूबा की कहानी है जो बहुत झूठी होती है लेकिन सच्ची प्रेमी होती है और इक ऐसा महबूब ह
Sundeiip Sharma
प्रिय पाठकगण सुधिजन व मित्रगण, जयश्रीकृष्ण,, आप सब को मेरा सादर नमस्कार। प्रियवर " खिलते एहसास " का एहसास सहसा ही मस्तिष्क मे उभरा।कई बार हम कई
यह कविता संग्रह मैंअपने जीवन के कुछ पलो को जो खट्टे अनुभव लिए हैं,को काव्यात्मक अंदाज मे लिखूगा।जो निजता को सार्वजनिकव सामाजिकतो करेगा पर एक चरित्र को
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₹ 74
ARUN KUMAR
ऐसी क्यों होती है माँ बच्चो को चुपाये खुद रोती है माँ बच्चो को सूखे में सुलाये खुद गीले में सोती है माँ जिंदगी की माला को अश्को से पिरोती है माँ