ये एक विज्ञान गल्प् है
यह एक साइंस फिक्सशन पर आधारित स्टोरी है जिसमे पृथ्वी के साथ साथ अन्य दूसरे ग्रहों के बारे मे लिखा गया है जहाँ जीवन संभव है। इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है यह केवल मनोरंजन हेतु लिखी गई कहानी है।
हिमालय की गुफाओं से निकलकर, अटलांटिस की धरती के रहस्यों की परतों को खोलने वाली, देवताओं के द्वारा रची गयी ऐसी महागाथा, जिसे आप बार बार पढना चाहेंगे। यह कहानी है सन राइजिंग नामक एक ऐसे पानी के जहाज की जो किसी कारणवश रास्ता भटक कर बरमूडा ट्रायंगल के खत
आचार्य चतुरसेन एक ऐसे विद्वान् थे जिनका साहित्य क्षेत्र कहानी तथा उपन्यास तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्हें चिकित्साशास्त्र एवं रसायनशास्त्र की भी ख़ास समझ थी। उपन्यास का यह अंश इस विशेषता को पूर्णतः स्पष्ट करता जान पड़ता है- “कीमिया अर्थात् ‘रसायन’, भार
हम जब भी अटलांटिस के बारे में सोचते हैं, हमारी आँखों के सामने सागर में डूबी एक भव्य सभ्यता नजर आने लगती है। अटलांटिस देवताओं की वह धरती जिसका जिक्र सर्वप्रथम प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘टाइमियस’ और ‘क्रिटियास’ में किया था। कहते हैं अटलांटिस का विज्ञान आज
मायाजाल- एक ऐसा शब्द, जो हमारी आँखों के सामने रहस्यों से भरी पहेलियों का एक संसार खड़ा कर देता है। जहां एक ओर गणितीय उलझनें होती हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी वैचारिक पहेलियां, जिनमें उलझना अधिकांशतः लोगों को पसंद होता है। पर क्या हो? जब ऐसी उलझनों और
डेल्फानो ग्रह समाप्त होने के बाद, वहां के राजा गिरोट ने अपनी सबसे अद्वितीय रचना समयचक्र को पृथ्वी पर फेंक दिया, जो कि ब्लैक होल के सिद्धांतों पर कार्य करती थी। यह समयचक्र पृथ्वी पर आने के 20 वर्षों तक सुप्तावस्था में रहा। एक दिन अचानक ही यह समयचक्र अ
सप्तशक्ति- ब्रह्मांड के निर्माण के लिये ईश्वर ने पहले सप्तशक्तियों का निर्माण किया। ये सप्तशक्तियां थीं- वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, ध्वनि और प्रकाश। इन सभी सप्तशक्तियों ने मिलकर ब्रह्मांड में उपस्थित सभी ग्रहों की रचना की। परंतु अभी भी जीवन की उत
जब ब्रह्मदेव ने महादेव से पृथ्वी का भविष्य जानने की इच्छा व्यक्त की, तो महादेव ने उन्हें क्षीरसागर में स्थित रुद्रासन के पास भेज दिया। ब्रह्मदेव जब रुद्रासन को ढूंढते हुए क्षीरसागर में पहुंचे, तो वहां उन्हें सप्तकणों से निर्मित सप्तपुस्तकें दिखाई दीं
रहस्य और रोमांच से भरी एक खूबसूरत यात्रा जो आपको कल्पना के अंतहीन आयामों में ले उड़ेगी।
जब आपका जीवनकाल सैकड़ों वर्षों तक चलता है, तो आपकी याददाश्त धुंधली हो जाती है। लेकिन कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें आप कभी नहीं भूलते: खासकर वे जहां आप अपने जीवन के प्यार से मिलते हैं।
वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में प्रश्न करना या वैज्ञानिक खोजों की आवश्यकता के लिए भी प्रश्न करना आजकल फैशन हो गया है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जब लाखों भारतीय कष्ट भोग रहे हैं, तब भारत को चंद्रयान मिशन पर इतना धन क्यों बरबाद करना चाहिए? चंद्
माया सभ्यता अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिनी जाती है, जिसके प्राप्त अवशेषों में भगवान शिव, गणेश और नरसिंह आदि देवताओं की मूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। भारतवर्ष से इतनी दूर आखिर कैसे हिंदू सभ्यता विकसित हुई? यह आज भी रहस्य बना हुआ
सूरज के दादाजी एक बहुत बड़े साइंटिस्ट होते हैं ,जिनके ऊपर बहुत सारे आरोप लगे हुए हैं।अब वह अपने लैब में ही छुप कर रहते हैं, जिस लैब का पता किसी को नहीं है,सिवाय सूरज के सूरज के। दादाजी के पास टेलिपोर्टेशन करने की मशीन बनाने की फार्मूला है सूरज को इस
यह किताब आमतौर पर पर्यावरण एवं विज्ञान जीवन पर निर्धारित है। कृपया इसे पढ़े और समझे।
एक रोमांचक यात्रा जो आपको कल्पना के सीमारहित आयामों में ले उड़ेगी।
कहते है की अगर आपको अपना past और फ्यूचर बदलना हो तो आपको समय यात्रा करना होगा ये कहानी है एक ऐसे ही लड़के की जो समय में यात्रा करना चाहता है। क्या वो समय में यात्रा कर पाएगा ? क्या वो अपने सपने पूरे कर पाएगा ? इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए लि
भगवंत अनमोल नये विषयों पर लिखने के लिए जाने जाते हैं। 'ज़िंदगी 50-50' और 'बाली उमर' के बाद उनका यह तीसरा उपन्यास साइंस फ़िक्शन, दर्शन और वैचारिकता का एक अद्भुत मिश्रण है। यह एक ऐसे युवा की कहानी है जिसकी परवरिश धार्मिक माहौल में हुई है और वह प्रौद्योग