बेटियां समाज की रीढ़ हैं और उनका योगदान किसी भी समाज की प्रगति में महत्वपूर्ण होता है। हमारे समाज में अक्सर बेटियों को पुरुषों के बराबर अधिकार नहीं मिलते, लेकिन वास्तविकता यह है कि बेटियां हर क्षेत्र में अपनी क्षमता और सामर्थ्य से समाज को आगे बढ़ाती हैं। समाज में बेटियों को समान शिक्षा, अवसर और सम्मान मिलना चाहिए, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। जब बेटियां सशक्त होती हैं, तो पूरा समाज सशक्त होता है, क्योंकि वे परिवार, समुदाय और देश के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। साथ ही, यह भी आवश्यक है कि समाज बेटियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को रोकने के लिए जागरूक हो, ताकि हर लड़की सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सके। बेटियों का सम्मान करना और उन्हें सशक्त बनाना समाज की तरक्की की कुंजी है।
बेटियां और समाजबेटियां घर की रौनक होती हैं,जैसे बगिया में फूल खिलते हैं।स्नेह, ममता की वो परछाई हैं,हर घर में सुकून की गहराई हैं।समाज कभी बोझ कहता उन्हें,तो कभी लक्ष्मी का नाम देता है।पर उनके सपनों की