अँधेर नगरी प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र का सर्वाधिक लोकप्रिय नाटक है। ६अंकों के इस नाटक में विवेकहीन और निरंकुश शासन व्यवस्था पर करारा व्यंग्य करते हुए उसे अपने ही कर्मों द्वारा नष्ट होते दिखाया गया है। 'अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर
अँधेर नगरी प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र का सर्वाधिक लोकप्रिय नाटक है। ६अंकों के इस नाटक में विवेकहीन और निरंकुश शासन व्यवस्था पर करारा व्यंग्य करते हुए उसे अपने ही कर्मों द्वारा नष्ट होते दिखाया गया है। 'अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर
यह कहानी एक गांव की लड़की की है ,जो बहुत ही चंचल स्वभाव की है उसके पैर घर में बिल्कुल भी नहीं टिकते हैं । शहर क्या होता है यह मानवी नहीं जाती है । बच्चों में बच्ची बन जाती है ,तो कभी बड़ों में दादी मां की तरह बात करने लग जाती है । व
यह कहानी एक गांव की लड़की की है ,जो बहुत ही चंचल स्वभाव की है उसके पैर घर में बिल्कुल भी नहीं टिकते हैं । शहर क्या होता है यह मानवी नहीं जाती है । बच्चों में बच्ची बन जाती है ,तो कभी बड़ों में दादी मां की तरह बात करने लग जाती है । व
कुछ चीजें अनुभव से भी परे होती हैं। कभी-कभी अनुभव की ये पोटली गलत भी साबित हो जाती है। जिन चीजों का अनुभव भी नहीं उन्हीं यादों के अधूरे पन्नो को कविताओं के रूप में लाने का एक प्रयास !
कुछ चीजें अनुभव से भी परे होती हैं। कभी-कभी अनुभव की ये पोटली गलत भी साबित हो जाती है। जिन चीजों का अनुभव भी नहीं उन्हीं यादों के अधूरे पन्नो को कविताओं के रूप में लाने का एक प्रयास !
लोगो के पूर्व में दिए हुए प्यार, स्नेह और ऊर्जा को आधार बनाकर एक बार फिर कुछ रचनाएँ आपके हवाले कर रहा हूँ। रचनाएँ अच्छी बनी हैं या बुरी, ये तो पाठक ही तय करेंगे, मगर इतना जरूर कह सकता हूँ कि इन्हें लिखने, सुधारने और सँवारने में मैंने अपना सबकुछ झोंक
लोगो के पूर्व में दिए हुए प्यार, स्नेह और ऊर्जा को आधार बनाकर एक बार फिर कुछ रचनाएँ आपके हवाले कर रहा हूँ। रचनाएँ अच्छी बनी हैं या बुरी, ये तो पाठक ही तय करेंगे, मगर इतना जरूर कह सकता हूँ कि इन्हें लिखने, सुधारने और सँवारने में मैंने अपना सबकुछ झोंक
मैंने और अधिक उत्साह से बोलना शुरू किया, ‘‘भाईसाहब, मैं या मेरे जैसे इस क्षेत्र के पच्चीस-तीस हजार लोग लामचंद से प्रेम करते हैं, उनकी लालबत्ती से नहीं।’’ मेरी बात सुनकर उनके चेहरे पर एक विवशता भरी मुसकराहट आई, वे बहुत धीमे स्वर में बोले, ‘‘प्लेलना (प
मैंने और अधिक उत्साह से बोलना शुरू किया, ‘‘भाईसाहब, मैं या मेरे जैसे इस क्षेत्र के पच्चीस-तीस हजार लोग लामचंद से प्रेम करते हैं, उनकी लालबत्ती से नहीं।’’ मेरी बात सुनकर उनके चेहरे पर एक विवशता भरी मुसकराहट आई, वे बहुत धीमे स्वर में बोले, ‘‘प्लेलना (प
Namskar ये रचनायें एक कल्पनिक दृष्टिकोण से लिखी गई। किसी प्रकार से किसी को ठेस नहीं पहुंचना चाहती हैं। बस लोगो के मनोरंजन के लिए लिखी गई। हमे उम्मीद हैं दर्शक इस किताब को पढ़ जरूर लुफ्त उठायेगे।
Namskar ये रचनायें एक कल्पनिक दृष्टिकोण से लिखी गई। किसी प्रकार से किसी को ठेस नहीं पहुंचना चाहती हैं। बस लोगो के मनोरंजन के लिए लिखी गई। हमे उम्मीद हैं दर्शक इस किताब को पढ़ जरूर लुफ्त उठायेगे।
देश के सभी ऐसे हुनरमंदो तहे दिल से प्रणाम जो इस गुर में माहिर है.. वे सभी डिग्रीधारी हुनर मंद लोग जो इनके आगे पीछे भी घूमने से कतराते है आदमी जितना हिंसक और जहरीले जानवर से नहीं डरता जितना इन चमचों से डरता है... तो चलिए कुछ गुर आप भी सीख लीजिए शायद क
देश के सभी ऐसे हुनरमंदो तहे दिल से प्रणाम जो इस गुर में माहिर है.. वे सभी डिग्रीधारी हुनर मंद लोग जो इनके आगे पीछे भी घूमने से कतराते है आदमी जितना हिंसक और जहरीले जानवर से नहीं डरता जितना इन चमचों से डरता है... तो चलिए कुछ गुर आप भी सीख लीजिए शायद क
जीवन में किसी के अधरों पर मुस्कान लाने से श्रेष्ठ और कोई काम नहीं हो सकता है । इस किताब के माध्यम से मैंने एक छोटा सा प्रयास किया है । आशा है कि यह किताब पाठकों को पसंद आयेगी
जीवन में किसी के अधरों पर मुस्कान लाने से श्रेष्ठ और कोई काम नहीं हो सकता है । इस किताब के माध्यम से मैंने एक छोटा सा प्रयास किया है । आशा है कि यह किताब पाठकों को पसंद आयेगी
यह कहानी दो बन्दरो की है जो अत्यंत शैतान थे उसकी शैतानी से पूरा जंगल त्रस्त था पर एक दिन उनको एक आम की गुठली मिलती है और वह आम के स्वप्न में खो जाते है । और सोचते है आम बड़ा होगा हम आम खायेंगे और बड़े बड़े स्वप्न । और वह उस गुठली को भूमि में गाड़ते है प
यह कहानी दो बन्दरो की है जो अत्यंत शैतान थे उसकी शैतानी से पूरा जंगल त्रस्त था पर एक दिन उनको एक आम की गुठली मिलती है और वह आम के स्वप्न में खो जाते है । और सोचते है आम बड़ा होगा हम आम खायेंगे और बड़े बड़े स्वप्न । और वह उस गुठली को भूमि में गाड़ते है प
इस किताब में हास्य व्यंग्य से संबंधित 30 कहानियां हैं । आज के जमाने में जब आदमी चारों तरफ से परेशान हैं तब उसके होठों को एक मुस्कान देना सबसे पुण्य का काम है । विभिन्न कहानियों के द्वारा यह कार्य करने का प्रयास किया गया है । उम्मीद है कि यह किताब आपक
इस किताब में हास्य व्यंग्य से संबंधित 30 कहानियां हैं । आज के जमाने में जब आदमी चारों तरफ से परेशान हैं तब उसके होठों को एक मुस्कान देना सबसे पुण्य का काम है । विभिन्न कहानियों के द्वारा यह कार्य करने का प्रयास किया गया है । उम्मीद है कि यह किताब आपक
हास्य का एक रूप यह भी है कि फिल्म या प्रोग्राम की पैरोडी बने जाये, जो अपने तौर पर मूल फिल्म या प्रोग्राम से अलग मनोरंजन करे... तो प्रस्तुत किताब इसी तरह की है जिसमे सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से कई अलग तरह के प्रसंग लिए गये हैं.. कृपया इसे मनोरंजन के
हास्य का एक रूप यह भी है कि फिल्म या प्रोग्राम की पैरोडी बने जाये, जो अपने तौर पर मूल फिल्म या प्रोग्राम से अलग मनोरंजन करे... तो प्रस्तुत किताब इसी तरह की है जिसमे सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से कई अलग तरह के प्रसंग लिए गये हैं.. कृपया इसे मनोरंजन के
सरकारी कार्य प्रणाली किस तरह कार्य करती है । एक कलेक्टर किस तरह व्यवस्था को सुधारना चाहता है लेकिन पूरी व्यवस्था ही उस कलेक्टर को "सुधार" देती है । इस प्रक्रिया में विधायक जी की भूमिका भी बड़ी शानदार रहती है । इन सबको हास्य व्यंग्य के रूप में इस कहा
सरकारी कार्य प्रणाली किस तरह कार्य करती है । एक कलेक्टर किस तरह व्यवस्था को सुधारना चाहता है लेकिन पूरी व्यवस्था ही उस कलेक्टर को "सुधार" देती है । इस प्रक्रिया में विधायक जी की भूमिका भी बड़ी शानदार रहती है । इन सबको हास्य व्यंग्य के रूप में इस कहा
@त्रिɓհմϖαη सुनो डियर #😘 तुम जहां कहीं भी हो चुपचाप रजाई में पड़ी रहो. बाहर बहुत ठंडी है निकलने की कौनो जरूरत ना है और ना ही तोहरे सोने से कौनो काम रुका हुआ है, समझीं..!! दो के बजाय तीन चाय पी लो लेकिन रजाई से निकलना तभी जब मौसम तनिक सा गरम हो. अगर
@त्रिɓհմϖαη सुनो डियर #😘 तुम जहां कहीं भी हो चुपचाप रजाई में पड़ी रहो. बाहर बहुत ठंडी है निकलने की कौनो जरूरत ना है और ना ही तोहरे सोने से कौनो काम रुका हुआ है, समझीं..!! दो के बजाय तीन चाय पी लो लेकिन रजाई से निकलना तभी जब मौसम तनिक सा गरम हो. अगर