सुदेश सिंह 'सरगम'
प्रिय पाठकों वीर अभिमन्यु वध एक चम्पू काव्य है। जिसमें गद्य और पद्य दोनों तरह से लिखा गया है। आप इसे एक बार जरूर पढें। और अपनी टिप्पणी जरूर करें। जिसस
आचार्या कीर्ति शर्मा
यह पुस्तक धार्मिक आध्यात्मिक विषयो और ज्योतिष ज्ञान के बारे में है। जिसमे विभिन्न ग्रन्थों में दी गई जानकारी को संक्षेप रूप में जन जन तक पहुंचाने का प
Online Edition
₹ 29
Paperback
₹ 120
हेमलता
शाल्विक मंत्र एक ऐसी पद्धति है जो महर्षि शाल्विक जी द्वारा दी गई है। यह एक ज्योतिषीय तकनीक हैं। यह बहुत शक्तिशाली तकनीक हैं। जब आप को कोई संदेह हो की
₹ 788
₹ 1113
आचार्य अर्जुन तिवारी
त्रेतायुग में पृथ्वी का भार उतारने के लिए अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ जी के यहाँ श्रीहरि नारायण ने चार रूपों में अवतार लिया ! शेषावतार श्र
स्वामी विवेकानंद
एक रूप में ज्ञानयोगी व्यक्ति ज्ञान द्वारा ईश्वरप्राप्ति मार्ग में प्रेरित होता है। स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित ज्ञानयोग में मायावाद,मनुष्य का यथार्थ
हमारा जीवन कैसा था , और अब कैसा होता जा रहा है ! हम अपने संस्कारों को कैसे भूलते चले जा रहे हैं इस पर विचार करने की आश्यकता है ! सत्य सनातन धर्म की मा
ओशो
प्रेम से बड़ी आग नहीं है दुनिया में, प्रेम है अकेला जो आत्मा को जलाता है और निखारता है 'प्रेम - पंथ ऐसो कठिन' ओशो के प्रश्नोत्तर प्रवचनों का अद्भुत सं
'संभोग से समाधि की ओर' ओशो की सबसे चर्चित और विवादित किताब है, जिसमें ओशो ने काम ऊर्जा का विश्लेषण कर उसे अध्यात्म की यात्रा में सहयोगी बताया है। साथ
ओशो द्वारा कृष्ण के बहु-आयामी व्यक्तित्व पर दी गई 21 र्वात्ताओं एवं नव-संन्यास पर दिए गए एक विशेष प्रवचन का अप्रतिम संकलन। यही वह प्रवचनमाला है जिसके
Ashish Paymode
भारत देश को एक बहुत प्राचीन इतिहास है| जितना प्राचीन है, उतना ही आधुनिक भी है| कई सालों से भारतीय ऋषी, योगी अपने ऐतिहासिक अध्यात्म और योग को मनुष्य जा
ओशो अपनी किताब ध्यान योग, प्रथम और अंतिम मुक्ति में कहते हैं कि 'ध्यानयोग प्रथम और अंतिम मुक्ति' ओशो द्वारा सृजित अनेक ध्यान विधियों का विस्तृत व प्र
इस पुस्तक के माध्यम से आपको न सिर्फ अपनी आर्थिक स्तिथि का पता लगेगा बल्कि आपको उसको मजबूत करने के उपायों के बारे में भी पता लगेगा| मेरा यह मत है की इ
₹ 315
₹ 499
अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
प्रियप्रवास अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध" की हिन्दी काव्य रचना है। हरिऔध जी को काव्यप्रतिष्ठा "प्रियप्रवास" से मिली। इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913
आचार्य चतुरसेन शास्त्री
महाभारत की कथा पर आधारित यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसमें आचार्य जी ने कर्मयोग के महत्व को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। राजनीति में पारंगत कर्मयो
₹ 250
ऐतिहासिक जगत् के प्रारम्भ से लेकर वर्तमान काल तक मानव-समाज में अनेक अलौकिक घटनाओं के उल्लेख देखने को मिलते है! आज भी, जी समाज आधुनिक विज्ञान के भरपूर
भक्तियोग का एक बड़ा लाभ यह है कि वह हमारे चरम लक्ष्य (ईश्वर) की प्राप्ति का सब से सरल और स्वाभाविक मार्ग है। पर साथ ही उससे एक विशेष भय की आशंका यह है
Dr Anita Mishra
आती जाती लहरों की तरह भावनाएं भी उमड़ती घुमड़ती रहतीं हैं और जो भावनाएं शब्द बन लेखनी द्वारा उकेरा जाएं तथा जन मानस के हृदय को स्पर्श करें। जनमानस द्व
₹ 12
सत्य का हमारे दृष्टि में मूल्य नहीं है इसलिए हम विश्वासी बने हुए हैं। सत्य का हमारी दृष्टि में मूल्य होगा, तो हम विश्वासी नहीं हो सकते, हम खोजी बनेंगे
Gyani Prasad raj 8819983670
ॐ गुरु