नन्हे-मुन्ने छोटे छोटे बच्चों के लिए, नन्ही नन्ही छोटी कविताओं का रंग बिरंगा संग्रह।
मेरा शाम तनिस हैं मैं कक्षा 11th में पढ़ना हूं
ये किताब मेरी कल्पना की दुनियां है जो एक अनोखा जंगल है जहां सभी जानवरों को किरदार दिए गये हैं। ये सब जानवर हम इंसानों की तरह ही बात करते हैं और सब अपना जीवन कभी खुशी से और कभी दुख से जीते हैं, कभी आपस में लड़ते हैं और कभी मिलकर अपने दुश्मनों का सामना
दोस्त या मित्र आज के समय में मिलता नहीं है बस अगर हम किसी से दोस्ती या मित्रता कर ले तब उसे समाज तरह तरह की बात करता है परन्तु हमें अपने एतबार और जज्बातों को समझना चाहिए। एक कविता लिखीं हैं।
अनुभव पर आधारित जीवन के संघर्षों उपलब्धीयो बच्चो व अन्य लोगों के साथ बिताए पलो को किस तरह हम ग्रहण करते हैं । जिस प्रकार से हँस मोती चुगता है उसी प्रकार से मैं बेहोशी में होश को चुगने का प्रयास कर रहा हूँ । हा हमे शुभ की कामना करनी है तभी हम उस स्रोत
एक समय की बात है । एक गांव में पिंकू और उसका परिवार रहता था । पिंकू जब पैदा हुआ था तब ही थोड़े दिन बाद ही डॉक्टर ने उसके माता पिता को उसकी शारीरिक कमी के बारे में बता दिया था । कि आपके बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जायेगी । और ऐसा ही हुआ उसकी उम्र बढ़
एकल परिवार के चलते बच्चे दादा-दादी की कहानियों से महरूम होते जा रहे है। जिससे बच्चों में नैतिक मूल्यों की कमी आई है। अब निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि बच्चों के लिए तैयार है यह धारावाहिक (दादा-दादी की कहानियां) आशा करते हैं बच्चों को ये क
1974 में परमाणु-परीक्षण 'स्माइलिंग बुद्धा' की सफलता ने भारत को परमाणु-शक्ति के तौर पर उल्लेखनीय गति प्रदान की। लेकिन पोखरण के निवासियों, विशेषकर चैतन्य पर, इसके दुष्प्रभाव की खबर मीडिया की सुर्खियाँ नहीं बनीं । बहुत जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि रेडियो
यह कहानी एक बालक और पक्षी के मित्रता पर आधारित है जो समय के साथ एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती है
कविताएँ निराश मन में आशाओं के दीप प्रज्वलित करती है। सार्थक कविताएँ हमें जीवन की राह बतलाती है, साथ ही मन में ग्रसित "हताशा" के भार को हटाती है। तब हम सकारात्मक होकर सोचते है। जीने के लिए उद्धत होते है और फिर से नव उर्जा से संचारित होकर पथ पर आगे बढन
मेवाड़ी विज्ञान को किस्सा गोई द्वारा अनूठे अंदाज से समझाने के लिए जाने जाते हैं। देवेंद्र मेवाड़ी ऐसे प्रयोगधर्मी लेखक माने जाते हैं जिन्हें जटिल साहित्य को सरल तरीके से प्रस्तुत करने की महारत हासिल है। वह जितना अच्छा लिखते हैं उससे अच्छा उसका मौखिक
प्रसिद्ध लेखक प्रकाश मनु द्वारा बच्चों के लिए कहानियां |
यह कहानी आपने बहुत बार पढ़ी होंगी, और बहुतों को सुनाया भी होगा। मगर आज इस कहानी को आज आप एक अलग नज़रिए से पढ़ेंगे
हर दिन एक कहानी मुश्किलों के बिन जिंदगानी! यह वर्ष 2020 की बात है, जब बच्चे घरों में कैद होकर रह गए; क्योंकि नोवेल कोरोना वायरस भारत में आ धमका है। पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो चुका है, और इस बढ़ते संकट के बीच अज्जा और अज्जी अपने पोते-पोतियों और क
यह बाल कहानी साप्ताहिक प्रतियोगिता के अंतर्गत लिखी गई है