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पत्रिका की किताबें

गुनगुनाते पँछी

गुनगुनाते पँछी

अंकित कुमार शर्मा

दूर रहते हुए भी नज़दीकियों को कैसे जीना है यही प्रेम है और इसे हम सोमांकित नामक इस पुस्तक में हम जानेंगे। ये एक सच्ची घटना है जिसमें राज्यों में विभिन्नता होने के बावजूद फिर भी दोनों में इतना प्यार है कि मानो दोनों 1135 किलोमीटर की दूरियाँ खत्म कर साथ

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2 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 9/-

गुनगुनाते पँछी

गुनगुनाते पँछी

अंकित कुमार शर्मा

दूर रहते हुए भी नज़दीकियों को कैसे जीना है यही प्रेम है और इसे हम सोमांकित नामक इस पुस्तक में हम जानेंगे। ये एक सच्ची घटना है जिसमें राज्यों में विभिन्नता होने के बावजूद फिर भी दोनों में इतना प्यार है कि मानो दोनों 1135 किलोमीटर की दूरियाँ खत्म कर साथ

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अहसान

अहसान

Anjali

दोस्तो ये तब की बात है जब हम सब भाइ ओर बहन छटी ओर सातवीं क्लास मे पढते थे सरकारी स्कुल मे जाते थै हमारी क्लास मे हम हम आठ लङकी,थी हमारी गली की एक लङकी जिसका नाम किरतना था लेकिन सब लोग उसे किरतना बुलाते थे ओर उस साल गली की सब लडकियो कार्तिक नहान

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Anjali

दोस्तो ये तब की बात है जब हम सब भाइ ओर बहन छटी ओर सातवीं क्लास मे पढते थे सरकारी स्कुल मे जाते थै हमारी क्लास मे हम हम आठ लङकी,थी हमारी गली की एक लङकी जिसका नाम किरतना था लेकिन सब लोग उसे किरतना बुलाते थे ओर उस साल गली की सब लडकियो कार्तिक नहान

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सरल जीवन

सरल जीवन

Jitendra Kumar sahu

यह किताब मनुष्य के दैनिक जीवन पर आधारित है जो वह क्रियाकलाप रोजमर्रा के काम में करता है ।वह बेहोश होकर ना जाने क्या क्या करता है ।कभी वर्तमान में तो कभी बीते कल में तो कभी भविष्य में ।खुद क्लिष्ट जीवन अपने लिये चुनता है या सरल जीवन वह अपना मालिक है प

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₹ 30/-

सरल जीवन

सरल जीवन

Jitendra Kumar sahu

यह किताब मनुष्य के दैनिक जीवन पर आधारित है जो वह क्रियाकलाप रोजमर्रा के काम में करता है ।वह बेहोश होकर ना जाने क्या क्या करता है ।कभी वर्तमान में तो कभी बीते कल में तो कभी भविष्य में ।खुद क्लिष्ट जीवन अपने लिये चुनता है या सरल जीवन वह अपना मालिक है प

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*( कभी चिंता ना करो )*

*( कभी चिंता ना करो )*

Ps.muksh Ahirwar

आपको अपनी सारी चिंता, खुदा पर छोड़ देनी चाहिए। अगर आपने अपने पूरे विश्वास के साथ प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण किया है तो?* आप आज से चिंता करना बिलकुल बंद कर दो। दुनियां के लोग क्या कह रहे हैं। चर्च के लोग क्या कह रहे हैं। इस बात की चिंता ना करो। खुदा के

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*( कभी चिंता ना करो )*

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Ps.muksh Ahirwar

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Attitude Status Hindi

Attitude Status Hindi

Rajkumar Pal

इस पुस्तक का उद्देश्य केवल पाठक को Positive माइंड और किसी से ना डरे इस उद्देश्य से लिखा गया है

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मेरी उम्मीद हो तुम

मेरी उम्मीद हो तुम

दिनेश कुमार कीर

यादें जीवन से जुड़ी हुई, यादों के झरोखे,

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मेरी उम्मीद हो तुम

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दिनेश कुमार कीर

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देशी खाना

देशी खाना

Anjali

पहले बाजरे की गरम रोटी बना ले चूल्हे पर फिर ठनी होने दे चार लोगो केलिए तीन रोटी बहुत है फिरबुरा ले ओर घी गरम कर ले ठनी होने पर रोटी को हाथ से बिकुल ले घीओर खानड मिला ले गरम गरम परोसे

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देशी खानपान

देशी खानपान

Anjali

बाजरा रोटी बनाने के लिए दो लोगों के लिए एक कप आटा ले एक चुटकीनमक मिलाए ओर गुनगुने पानी से आटा मसल ले एक हाथ से मसले फिर रोटी बना ले ओर गैस पर सेंक ले गर्म गर्म रोटी दही या चटनी के साथ परोसे

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दुर्गा पूजा यह पूजा हिंदु

दुर्गा पूजा यह पूजा हिंदु

प्रदीप हिंदी

भारत के कई उल्लेखनीय त्योहारों में से एक है दुर्गा पूजा। यह पूजा हिंदुओं के धार्मिक त्योहारों में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन लगभग 10 दिनों का होता है। भारत में बंगाल और कलकत्ता की दुर्गा पूजा काफी भव्य रुप से मनाई जाती ह

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दुर्गा पूजा यह पूजा हिंदु

दुर्गा पूजा यह पूजा हिंदु

प्रदीप हिंदी

भारत के कई उल्लेखनीय त्योहारों में से एक है दुर्गा पूजा। यह पूजा हिंदुओं के धार्मिक त्योहारों में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन लगभग 10 दिनों का होता है। भारत में बंगाल और कलकत्ता की दुर्गा पूजा काफी भव्य रुप से मनाई जाती ह

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प्यार से प्यार तक

प्यार से प्यार तक

Satyendra Kumar Rai

दोस्तो यदि किसी लड़की या लड़के को किसी से प्यार है तो पहला इजहार कैसे करे करे कि कि वो भी करती है तो मान जाए और नहीं करती है तो वो किसी से ना कहे

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प्यार से प्यार तक

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Satyendra Kumar Rai

दोस्तो यदि किसी लड़की या लड़के को किसी से प्यार है तो पहला इजहार कैसे करे करे कि कि वो भी करती है तो मान जाए और नहीं करती है तो वो किसी से ना कहे

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एक चीतल (हरिण) की व्यथा

एक चीतल (हरिण) की व्यथा

दिनेश कुमार कीर

सजगता

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एक चीतल (हरिण) की व्यथा

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सजगता

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प्रयागराज हमारा....❤️

प्रयागराज हमारा....❤️

𝑺𝒉𝒊𝒌𝒉𝒂 𝑪𝒉𝒂𝒖𝒅𝒉𝒂𝒓𝒚

#संगम

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विप्लव

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यशपाल

यशपाल एक व्यक्ति नहीं, आन्दोलन थे और ‘विप्लव’ इस आन्दोलन का उद्घोष।

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210/-

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यशपाल एक व्यक्ति नहीं, आन्दोलन थे और ‘विप्लव’ इस आन्दोलन का उद्घोष।

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