बांटो और राज करो? अंग्रेजों के उत्तराधिकारियों ने इसे देश में बखूबी लागु किया अपने फायदे के लिए कितना फायदा उनका हुआ इसका अंदाजा लगन तो मुश्किल है आकाश, पाताल और धरती का कोई कोना नहीं छूटा फायदे के लिए इस्तेमाल करने में?
लड़ाया कैसे जाता है यह देश भली भांति जानता है, जिस दिन जनता देश के अंदर नेताओं को आपस में लड़वा देगी उसी दिन से काफी पहले देखा गया स्वराज की परिकल्पना परिपूर्ण हो जाएंगे?
नेता मैदान में लड़ा कर मयखाने में मजा लूटते है, और तमाशा देखती जनता कब लुफ्त उठाएगी काफी वक़्त हो चला अब आज़ादी को, कम से कम अब इस नेक काम में जनता को देर नहीं करनी चाहिए क्यों?