हिंदुस्तान की जनता ने अच्छे दिन कब देखा है, आज़ादी से पहले गुलाम थे आज़ादी के बाद भी गुलाम है, पहले अंग्रेजों के गुलाम थे फिर अंग्रेजी हुकूमत के उत्तराधिकारी के गुलाम हुए?
गुलामी में ही लूट गए अच्छे दिन आये कब थे, अंग्रेजों की बोई बीज पर राजनीती बंटवारे की फसल कट्टी रही और राज करती रही? देश बंटा दर्द हुआ एक मुस्त वोट सरकारी मेहमान बन बैठा, वोट की ललक ऐसी की जो कर गुजर गए दुनिया के किसी ओर देश में न देखा और सुना होगा?
मारने वाले मेहमान बन गए और मरने वाले गुनहगार, ये देश की राजनीती तेरा भी शुक्रिया जो ये दिन दिखाया वोट के लिए विदेशियों को भी देश का नागरिक बनाया?
कभी ये देश अपना था हुक्मरानों ने क़स्बा को भी पराया धन बना छोड़ा? आज पूछते है अच्छे दिन कहाँ है लोग पूछते है अच्छे दिन कब थे?