Writer at Poetry, Database Administrator at Waviz and Poet at Nai Ghazal
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जुड़ना, समेटने के पहले समेटना, विखरने के पहले विखरना, टूटने के पहले और टूटना जुड़ने से पहले कितना, आसान है ना, जिंदगी को उल्टा जीना ........ #अमितेष