अनुरेखा दाधीच
जीवन साथी
तू मेरा हमसफर, मेरा हमदर्द,मेरे नाव का मांझी। तू मेरा जीवन, में तेरे सुख दुख की सांझी। तू मेरा प्रियतम अलबेला, में तेरे ग्रहस्थी कि गाड़ी। तू मेरे सांसो की माला, में तेरे ह्रदय की वासी। तू मेरे जीवन का अधिकारी, में तेरी प्राणप्यारी। तू बना दिया में
जीवन साथी
तू मेरा हमसफर, मेरा हमदर्द,मेरे नाव का मांझी। तू मेरा जीवन, में तेरे सुख दुख की सांझी। तू मेरा प्रियतम अलबेला, में तेरे ग्रहस्थी कि गाड़ी। तू मेरे सांसो की माला, में तेरे ह्रदय की वासी। तू मेरे जीवन का अधिकारी, में तेरी प्राणप्यारी। तू बना दिया में
सात फेरे।
जीवन के सफर की एक नई शुरुआत होती है फेरो से। विश्वास कायम किया जाता है,कसमो,वादों के घेरे से। जिम्मेदारी डाल दी जाती है,एक दूजे पे साथ फेरो से। नए रिश्ते, नया घर, नई परम्परा, बसना है नए शहरों में। उन अनजान गलियों में रहना है उसे अब पहरों में। अपना रि
सात फेरे।
जीवन के सफर की एक नई शुरुआत होती है फेरो से। विश्वास कायम किया जाता है,कसमो,वादों के घेरे से। जिम्मेदारी डाल दी जाती है,एक दूजे पे साथ फेरो से। नए रिश्ते, नया घर, नई परम्परा, बसना है नए शहरों में। उन अनजान गलियों में रहना है उसे अब पहरों में। अपना रि