दीपक दुबे
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चारों तरफ़ रहस्य
हमारी जिंदगी में जो हो रहा हे बो प्राकृतिक नहीं हे वर्तमान अतीत और भविष्य का बीज हे फल भविष्य तो जड़ उसका अतीत है तीनों का समावेश ही काल चक्र के पहिए हे इनको चलाने वाला अचेतन मन मस्तिष्क और आत्मा हे
चारों तरफ़ रहस्य
हमारी जिंदगी में जो हो रहा हे बो प्राकृतिक नहीं हे वर्तमान अतीत और भविष्य का बीज हे फल भविष्य तो जड़ उसका अतीत है तीनों का समावेश ही काल चक्र के पहिए हे इनको चलाने वाला अचेतन मन मस्तिष्क और आत्मा हे
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