इंडिया संवाद ब्यूरो
आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा में भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित बीएड की परीक्षा के परिणाम किसी को भी चौंका सकते हैं। खुद यूनिवर्सिटी छात्रों से लेकर परीक्षा अधिकारी भी हैरान हैं कि जिस परीक्षा में 12,800 स्टूडेंट शामिल हुए थे, उसमें 20 हजार छात्र कैसे पास हो गए?
मामले का खुलासा होते ही अधिकारियों ने नतीजे सार्वजनिक नहीं किए जाने का फैसला करते हुए मामले के जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि नतीजे घोषित करने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया था। जब उसने नतीजे तैयार करते हुए पाया कि 12,800 रजिस्टर स्टूडेंट्स के डाटा मौजूद हैं जबकि परीक्षा के लिए 20 हजार कॉपियां जांची गई हैं। इसके बाद गड़बड़ी की सूचना अधिकारियों को दी गई।
कुलपति ने तय सीट से ज्यादा छात्रों का पंजीकरण करने के लिए प्राइवेट कॉलेजों को भी चिट्ठी भेजकर जवाब मांगा है। सूत्रों का कहना है कि बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त 191 कॉलेजों में 2013-14 सत्र के दौरान बीएड की ज्यादातर सीटें खाली रह गई थीं। इस कारण इन कॉलेजों को नुकसान उठाना पड़ा था। विश्वविद्यालय ने सभी सफल स्टूडेंट के व्यक्तिगत ब्यौरे जमा करने का ओदश दिए हैं ताकि पता चल सके कि कितने बीएड में प्रवेश परीक्षा लेने वाले कितने स्टूडेंट वैध हैं?