
नई दिल्ली: देश में रोजाना बलात्कार हो रहे है और सरकार निर्भया फंड की रकम पर कुण्डरी मारे बैठी है. मगर निर्भया फंड के तहत पीड़िता को दी जाने वाली रकम सरकारी खजाने में ही बंद है. मजेदार बात है कि इस फंड से न ही किसी राज्य को एक फूटी कौड़ी दी गयी है और न ही राजधानी दिल्ली को ही इस मद का कोई फंड दिया गया है. सरकार की निर्भया फंड योजना ठन्डे बस्ते में डाल दी गयी है. जिसके चलते पीड़ित महिलाओं को उसका लाभ नही मिल पा रहा है.
निर्भया फंड पर लगी कुण्डरी
गौरतलब है कि निर्भया कांड के तीन साले आज पूरे हो रहे हैं. इस घटना के बाद सरकार ने बलात्कार पर कड़ा क़ानून लाने के साथ-साथ 2013-14 के बजट में निर्भया फ़ंड की शुरुआत की थी, जिसके तहत हर साल सरकार अपने बजट में इस फ़ंड में 1000 करोड़ रुपये दे रही है. इस निर्भया फ़ंड के लिए नोडल एजेंसी भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को बनाया गया था, बताया जाता है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस फ़ंड के तहत ‘वन स्टॉप सेन्टर’ और ‘वूमेन हेल्पलाईन के सार्वभौमीकरण’ जैसी सिर्फ़ दो स्कीम चला रही है, जिसे साल 2015 में शुरू किया गया था.
योजना को अमली जमा नही पहनाया गया
और तो और इस फ़ंड के तहत रोड, ट्रांसपोर्ट व हाईवे मंत्रालय को महिला सुरक्षा से संबंधित योजना चलाने के लिए 50 करोड़ रुपए दिए गए थे.साथ ही गृह मंत्रालय को पीड़ितों के आपात सिग्नल भेजने की योजना के लिए मोबाइल वैन और नियंत्रण कक्ष के लिए 150 करोड़ रुपए का फ़ंड उपलब्ध कराया गया. वहीं सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय से मिली जानकारी कि मुताबिक 2 जनवरी 2014 को वित्तीय मामले की कैबिनेट कमेटी ने ‘देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिला सुरक्षा’ स्कीम को स्वीकार किया, जिसका मुख्य उद्देश्य देश की महिलाओं व लड़कियों के लिए पब्लिक रोड ट्रांसपोर्ट को सुरक्षित बनाना है. यह योजना निर्भया फ़ंड के तहत चलाई जानी थी, जिसके तहत इस प्रोजेक्ट का अनुमानित बजट 1404.68 करोड़ रुपये तय किया गया है.
काम ढेला भर नही हुआ
इस स्कीम के तहत देश के उन 32 शहरों में जहां आबादी दस लाख से अधिक है, वहां पब्लिक रोड ट्रांसपोर्ट में जीपीएस/ सीसीटीवी/पैनिक बटन लगाया जाना था. बताते हैं कि रोड, ट्रांसपोर्ट व हाईवे मंत्रालय को फ़िलहाल निर्भया फ़ंड के तहत 50 करोड़ रुपये मिले हैं.
इसमें से मंत्रालय ने साल 2014-15 में क़रीब डेढ़ करोड़ (1,42,63,214) रुपये दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांज़िट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) को नेशनल लेवल व्हीकल सिक्योरिटी एंड ट्रैकिंग सिस्टम और सिटी लेवल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्श के लिए दिए गए हैं.
परामर्श पर ही उड़ाया गया माल
मंत्रालय के मुताबिक़ अभी तक निर्भया फ़ंड से किसी भी राज्य को कोई फ़ंड उपलब्ध नहीं कराया गया है. जबकि इस फ़ंड में 3000 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.जानकारी के मुताबिक़, अभी तक निर्भया फ़ंड से सिर्फ़ दो सौ करोड़ रुपए ही आबंटित किए गए हैं. और इनमें से भी काफ़ी पैसा सिर्फ़ योजना परामर्श पर ही ख़र्च किया गया है. अभी कोई योजना ज़मीनी स्तर पर शुरू नहीं की गई है. जानकारों का कहना है कि अभी तक सिर्फ अपने चहेतों को लाभ देने कि लिए उनसे परामर्श कि नाम पर मोती रकम बांटी गयी है.